वृन्दावन में बृजवासी के स्वरूप में प्रकट हुए तेज प्रताप यादव

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Mathura (Uttar Pradesh, India) मथुरा वृन्दावन श्रीकृष्ण भगवान की लीला भूमि सबको अपनी ओर आकर्षित करती है यहां हर कोई आना चाहता है, बाबाजी, संत, महन्त, राजनेताओं को यह भूमि कृष्ण भक्ति के प्रेरित करती रही है और हमेशा करती रहेगी। बिहार के आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव भी भगवान श्रीकृष्ण और उनकी लीला भूमि को हमेशा अपने भीतर समेटे रहते हैं तभी तो वह मौंका मिलते ही वृन्दावन की भूमि में आकर खूब आनन्द करते हैं गौशालाओं में गायों के बीच अपना समय विताते हैं और वृन्दावन की कुंज गलियों में भक्ति भाव में सरावोर होकर घूमते हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के पुत्र और आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव कृष्ण भक्ति के रंग में सराबोर होकर धर्म नगरी वृंदावन की कुंज गलियों में भ्रमण कर रहे हैं। बिहार में जहां एक ओर चुनावी सरगर्मियां तेज हो रही हैं तो वहीं तेजप्रताप को वृन्दावन की कुंज गलियों में देख यहां लोगों के आश्चर्य का ठिकाना न रहा।

वृन्दावन में बृजवासी के स्वरूप में प्रकट हुए तेज प्रताप यादव

सोमवार को बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू के लाल तेज प्रताप यादव बृजवासी के स्वरूप में शरीर पर सफेद कुर्ता, पीली धोती और पटका तथा माथे पर तिलक धारण किए हुए करीब एक दर्जन साथियों के साथ रमणरेती क्षेत्र स्थित इस्कॉन मंदिर, इस्कॉन की गौशाला, रंगजी मंदिर बाजार, लोई बाजार आदि क्षेत्रों में प्रकट हुए। इस दौरान उन्होंने रंगजी मंदिर बाजार स्थित एक दुकान से भगवान श्री राधाकृष्ण, शालिग्राम और श्रीनाथजी की मूर्ति और ठाकुरजी के श्रृंगार एवं पोशाकों साथ करीब 50 हजार रुपए के सामान की खरीददारी की। इसके बाद वे रमणरेती स्थित एक गेस्ट हाउस में चले गए। इस दौरान वे मीडिया से बचते हुए भी नजर आए। बताया जा रहा है कि वह पिछले करीब 3 दिनों से गेस्ट हाउस में रहने के साथ ही वृंदावन के मंदिरों के बाहर से दर्शन एवं गौशाला में गायों के साथ अपने आराध्य भगवान श्री राधाकृष्ण की भक्ति में सरावोर नजर आये।

दुकानदार से यह भी कहा कि वह सात दिन बाद पुनः आएंगे

उन्होंने दुकानदार से यह भी कहा कि वह सात दिन बाद पुनः उनकी दुकान पर आएंगे और ठाकुर जी से संबंधित सामान खरीदकर ले जाएंगे। बिहार के आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव को तीर्थनगरी वृन्दावन की कुंज गलियों में भक्ति के रंग में रंगे नजर आए। पीला धोती, सफेद कुर्ता और पटुका ओढ़े, माथे पर तिलक लगाए तेजप्रताप ने बाजार से भगवान राधाकृष्ण की मूर्ति, भगवान की पोशाक और शृंगार का सामान भी खरीदा। इस दौरान वे मीडिया से बचते नजर आए।

वृन्दावन की गलियों में साथियों के साथ आम श्रद्धालुओं की तरह घूमते रहे

सोमवार शाम को बृजवासी के स्वरूप में तेजप्रताप अपने करीब 12 साथियों के साथ वृन्दावन के रमणरेती क्षेत्र स्थित इस्कॉन मंदिर, इस्कॉन की गौशाला और रंगजी मंदिर बाजार और लोई बाजार में आम श्रद्धालुओं की तरह घूमते दिखे। सभी के आकर्षण का केन्द्र थे, तेजप्रताप को देख हर कोई अवाक था कि बिहार का पूर्व कैबिनेट मंत्री और लालू जैसे कद्दावर नेता का बेटा बृजवासी के रूप में गलियों में पैदल घूम रहा है।

भगवान राधाकृष्ण, सालिग्राम और श्रीनाथजी की मूर्ति खरीदी

तेजप्रताप ने अपने साथियों के साथ रंगजी मंदिर बाजार स्थित अजय अग्रवाल मूर्तिवालों की दुकान से भगवान राधाकृष्ण, सालिग्राम और श्रीनाथजी की मूर्ति खरीदी। इसके बाद मूर्तियों के लिए लोई बाजार से शृंगार और पोशाकें खरीदीं। करीब 2 घंटे में 50 हजार रुपए की शॉपिंग के बाद वे रमणरेती स्थित एक गेस्टहाउस चले गए। बताया गया कि गेस्टहाउस में वे पिछले 3 दिनों से रह रहे हैं। वे वृन्दावन के मंदिरों में बाहर से दर्शन करने के साथ ही गौशालाओं में गायों के साथ अपने आराध्य भगवान राधाकृष्ण का स्मरण कर रहे हैं।

हरिनाम संकीर्तन और यमुना नौकाविहार का भी आनन्द लिया

उन्होंने दुकानदार से यह भी कहा कि वे फिर सात दिन बाद उनकी दुकान पर भगवान राधाकृष्ण से संबंधित सामान लेने आएंगे। तेजप्रताप इससे पहले कार्तिक मास (अक्टूबर) में वृन्दावन और बरसाना आए थे। करीब एक सप्ताह से अधिक समय तक वृन्दावन में रह कर मंदिरों में दर्शन कर हरिनाम संकीर्तन और यमुना नौकाविहार का भी आनन्द लिया था।

Dr. Bhanu Pratap Singh