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शहर में चल रहा ट्रांसपोर्ट व्यवसाय, नए टीपी नगर की जरूरत, ट्रांसपोर्ट व्यवसायी लामबंद

BUSINESS NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL

Agra, Uttar Pradesh, India. पुराने आगरा में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय चल रहा है। यूं तो आगरा विकास प्राधिकरण ने ट्रांसपोर्ट नगर बनाकर दिया लेकिन वह आज तक नहीं बस सका है। जब से वहां आईएसबीटी बना है, तब से समस्या और बढ़ गई है। ट्रांसपोर्ट व्यवसायी भी शहर से बाहर जाना चाहते हैं क्योंकि दिन में नो एंट्री रहती है। इससे माल लदान और उतारने में भारी समस्या है। ट्रांसपोर्ट व्यवसायी चाहते हैं कि नया ट्रांसपोर्ट नगर बसाया जाए। इसके लिए वे एकजुट हो रहे हैं।

आगरा महानगर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के महासचिव मुकेश कुमार गर्ग ने बताया कि आगरा में विभिन्न स्थानों पर जैसे बेलनगंज, फ्रीगंज, मोतीकटरा, जीवनी मंडी, जाटनी का बाग, रिंग रोड, जॉन्स मिल, मोतीलाल नेहरू रोड व अन्य जगहों पर लगभग 350 ट्रांसपोर्ट कंपनी कार्यरत हैं। पूरा ट्रांसपोर्ट व्यवसाय शहर के अंदर से ही संचालित होता रहा है। समय-समय पर प्रशासन द्वारा कभी नो एंट्री 4 घंटे के लिए तो कभी 2 घंटे के लिए दिन में छूट दी जाती थी। कुछ समय इसको पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। रात्रि में 11:00 बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे तक नो एंट्री खोली जाती है।

श्री गर्ग ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर की स्थापना के लिए ₹100 वर्गमीटर की दर से प्लॉट का आवंटन किया गया था। प्रशासन की कमी के कारण ट्रांसपोर्ट नगर आबाद नहीं हो सका। इसके बाद भी कोई भी ठोस प्रयास ट्रांसपोर्ट नगर को बसाने के लिए नहीं किया गया। अंतरराज्यीय बस अड्डा (आईएसबीटी) बिजलीघर से स्थानांतरित होकर ट्रांसपोर्ट नगर में बन गया। अब वहां पर भी बिजली घर जैसा माहौल हो चला है। अब अगर ट्रांसपोर्ट व्यवसाय ट्रांसपोर्ट नगर में स्थानांतरित होता है तो बद से बदतर हालत हो जाएगी।

मुकेश कुमार गर्ग ने कहा कि हमारी पुरानी मांग है कि शहर से बाहर एक नया ट्रांसपोर्ट नगर बनाकर दिया जाए ताकि पूरे शहर के ट्रांसपोर्ट व्यवसायी एक साथ एक ही जगह पर स्थानांतरित हो सकें। जिस तरीके से सरकार और प्रशासन द्वारा कपड़ा मंडी, जूता मंडी, गल्ला मंडी, पेठा मंडी आदि को निर्माण कराकर दिया गया, इसी तर्ज पर ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को भी ट्रांसपोर्ट नगर में जगह के साथ-साथ गोदाम भी बनाकर उनका आवंटन, किराए पर या लीज पर देने का कार्य करना चाहिए। वर्तमान समय में जो ट्रांसपोर्ट नगर के भूखंडों के रेट है, उस पर ट्रांसपोर्ट व्यवसायी खरीद नहीं सकते हैं। लॉकडाउन और डीजल और पेट्रोल की मंहगाई के चलते यह व्यवसाय अभी तक पटरी पर नहीं लौट सका है। हम भी इसी शहर के निवासी हैं। यह शहर भी हमारा है। शहरवासी होने के नाते हम सरकार और प्रशासन को पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हैं। हमारी परेशानियों को भी समझ कर उनका निराकरण करने का एक प्रयास जरूर करना चाहिए।

इस संबंध में ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों की एक बैठक हुई। मांग की गई कि शहर से बाहर एक नया ट्रांसपोर्ट नगर बनाया जाए। देवेंद्र गुप्ता और राजपाल यादव ने बताया कि जल्द ही एक संघर्ष समिति का गठन कर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा जाएगा। बैठक में मुख्य रूप से सरदार चरणजीत सिंह, एसके मिश्रा, हुकुम सिंह, रवि गोयल, चरण, कमल सिंह, नरेश वर्मा, रतीश राघव, हरेंद्र कौशिक, शिव दर्शन सिंह, रूपेंद्र सिंह, संजय यादव, सुनील बंसल, राघव तिवारी, रोहित कत्याल आदि उपस्थित रहे।

Dr. Bhanu Pratap Singh