garun putra

पढ़ने लायक है धर्मवीर तोमर का उपन्यास गरुड़ पुत्र

डॉ. भानु प्रताप सिंह धर्मवीर तोमर ऐसे लेखक हैं, जिन्हें लिखने के लिए सपने आते हैं। उनके सपनों में कहानियां आती हैं। बस लिखने बैठ जाते हैं और लिखते जाते हैं। इन्हीं सपनों के आधार पर उन्होंने गरुड़ पुत्र उपन्यास श्रृंखला शुरू की है। इसका भाग-1 आ गया है। बाकी लिख रहे हैं।   गरुड़ […]

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बच्चों ने जमकर चलाई कलम, लिखी कविता और कहानी

Agra, Uttar Pradesh, India. अक्षरा साहित्य अकादमी और इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में अमर बाल साहित्यकार द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी को समर्पित “बच्चे भी लिखते हैं-चैप्टर 1” कार्यक्रम का आयोजन किया गया।   इस कार्यक्रम में मिल्टन पब्लिक स्कूल, कोनार्ड इंटर कॉलेज, ज्ञान सिंह इंटर कॉलेज, […]

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कई सौ साल पुरानी काव्य शैली ताँका, ज‍िसने हाइकू को जन्म द‍िया

कई सौ साल पुरानी काव्य शैली ताँका, ज‍िसने हाइकू को जन्म द‍िया

जापानी काव्य की कई सौ साल पुरानी काव्य शैली को ताँका कहते हैं ज‍िससे हाइकू शैली के कव‍िता लेखन का जन्म हुआ, ताँका -शब्द का अर्थ है लघुगीत। साह‍ित्य‍िक इत‍िहास के अनुसार नौवीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी के दौरान इसके विषय धार्मिक या दरबारी हुआ करते थे । हाइकु की संरचना 5+7+5+7+7=31वर्णों की होती है। […]

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पुण्‍यतिथि: प्रसिद्ध साहित्‍यकार अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’

पुण्‍यतिथि: प्रसिद्ध साहित्‍यकार अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’

15 अप्रैल 1865 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में जन्‍मे हिंदी के सुप्रसिद्ध साहित्‍यकार अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की आज पुण्‍यतिथि है। ‘हरिऔध’ की मृत्‍यु 16 मार्च 1947 को अपने गृह जनपद आजमगढ़ में ही हुई थी। वे 2 बार हिंदी साहित्य सम्मेलन के सभापति रहे और सम्मेलन द्वारा विद्या वाचस्पति की उपाधि से सम्मानित […]

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