योगी सरकार का कड़ा आदेश: सभी सरकारी कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2025 तक मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज करनी होगी संपत्ति

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की संपत्ति विवरण व्यवस्था को सख्त और पारदर्शी बनाने के लिए नया आदेश जारी किया है। मुख्य सचिव एसपी गोयल द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक प्रदेश के सभी सरकारी अधिकारी और कर्मचारी—जिनमें स्वायत्त संस्थान, निगमों और उपक्रमों के कर्मचारी भी शामिल हैं—अब अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अनिवार्य रूप से दर्ज करेंगे।

आदेश के अनुसार कर्मचारी अपनी संपत्ति का विवरण 31 दिसंबर 2025 तक अपलोड करेंगे। इस उद्देश्य के लिए पोर्टल पर सुविधा 1 जनवरी 2026 से सक्रिय होगी। निर्देश में साफ किया गया है कि जो कर्मचारी 1 फरवरी 2026 तक अपना विवरण प्रस्तुत नहीं करेंगे, उनकी पदोन्नति पर विचार नहीं किया जाएगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि आदेश का पालन न करने पर उत्तर प्रदेश कर्मचारी आचरण नियमावली, 1999 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, जिन विभागों को पहले से संपत्ति विवरण प्रस्तुत करने में छूट मिली है, वह छूट अगली अधिसूचना तक जारी रहेगी।

पारदर्शिता बढ़ाने का प्रयास

सरकार का कहना है कि यह निर्णय प्रशासनिक पारदर्शिता और ईमानदारी को बढ़ावा देगा। संपत्ति विवरण के डिजिटलीकरण से भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में मदद मिलेगी और कर्मचारियों की संपत्ति संबंधी जानकारी अपडेट और उपलब्ध रहेगी।

सभी विभागों पर लागू

यह आदेश प्रदेश के सभी सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों, स्वायत्त संस्थानों, निगमों व उपक्रमों में तैनात कर्मियों पर लागू होगा।

सभी विभागीय प्रमुखों, मुख्य सचिवों, सचिवों, पुलिस महानिदेशक तथा लोक सेवा आयोग के सचिव को अपने-अपने विभागों में आदेश के अनुपालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सरकार का यह कदम कर्मचारियों की जवाबदेही बढ़ाने और शासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। कर्मचारियों के लिए आवश्यक है कि वे समयसीमा के भीतर पोर्टल पर अपना विवरण अपलोड कर प्रशासनिक लाभों से वंचित होने से बचें।

Dr. Bhanu Pratap Singh