Agra, Uttar Pradesh, India. विश्वस्तर पर बेहतर काम करने को समर्पित आगरा की ‘स्पीहा’ (SPHEEHA – Society for Preservation of Healthy Environment and Ecology and Heritage of Agra) संस्था ने पर्यावरण संरक्षण के लिए अनूठा रास्ता अख्तियार किया। संस्था ने पर्यावरण संरक्षण में बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ ही उनकी रचनात्मकता को विश्व के सामने लाने को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेंटिंग और ड्राइंग प्रतियोगिता के माध्यम से सार्थक प्रयास शुरू किया है।
आज विश्व के सामने पर्यावरण संरक्षण की चुनौती दिन पर दिन विकराल रूप धारण करती जा रही है। बढ़ता प्रदूषण मानव जीवन के लिए नित नए खतरे पैदा कर रहा है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि किसी भी व्यक्ति खासकर बच्चों की रचनात्मकता को आगे लाने के लिए ड्राइंग और पेंटिंग से बेहतर व उत्तम अन्य कोई विकल्प नहीं। यह बच्चों की रचनात्मकता में सुधार करने, हाथ व आंख के आपसी समन्वय को बेहतर तरीके से विकसित करने, उसकी विश्लेषणात्मक समझ बढ़ाने के साथ-साथ उसके कौशल को विकसित करने और उसकी विचारशीलता के विकास में सहायक सिद्ध होती है।
मनोवैज्ञानिकों का भी यह मानना है कि पेंटिंग और ड्राइंग रचनात्मक कौशल को बढ़ाने का स्वस्थ और सबसे बेहतर तरीका है। यही वजह है कि स्पीहा ने इसे पर्यावरणीय संरक्षण जैसे संवेदनशील विषय से जोड़ा है। इसका बच्चों पर खासा प्रभाव पड़ता है, क्योंकि यह उनमें प्रकृति, वन्य जीवन, जल व नदी संरक्षण के संवेदनशीलता को बढ़ाता है, उनकी कल्पनाशीलता को विकसित करता है। और यह हमारे लिए वर्तमान के साथ-साथ भविष्य की आवश्यकता भी है। क्योंकि हम अपने चारों ओर विनाशकारी जलवायु परिवर्तन देख और समझ रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण को बातें तो कई की जा रही है पर काम खास तौर पर सार्थक कार्य बहुत कम लोग या संस्था ही कर पा रही हैं। इस दिशा में
स्पीहा 16 वर्षों से विश्वस्तर पर कक्षा 1 से लेकर 12 तक के बच्चों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण विषयक पेंटिग व ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन करा रही है। ऑनलाइन आयोजित की जाने वाली इस प्रतियोगिता में इस वर्ष विश्व चार महाद्वीप जिनमें प्रमुख रूप से भारत और जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, मध्य-पूर्व एशिया और यूरोप के देशों के पांच हजार से अधिक स्कूली बच्चों ने भाग लिया। आयु और कक्षा के लिहाज से इन्हें चार अलग-अलग कैटेगरी में रखा गया था। इनमें विकलांग बच्चों के लिए संचालित विशेष स्कूल अरूषी और परवरिश, मध्य प्रदेश में वंचित बच्चों के लिए संचालित स्कूल, एक पहल और पाठशाला, उत्तर प्रदेश में वंचित बच्चों के लिए संचालित स्कूल और आंध्र प्रदेश में गरीबों को शिक्षा देने के लिए समर्पित रामकृष्ण मिशन स्कूल की भागीदारी उल्लेखनीय रही।
विषय विशेषज्ञों और वरिष्ठ जनों के आंकलन के बाद संस्था ने ऑनलाइन आयोजित समारोह में इस प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए गए और प्रत्येक श्रेणी में 10 विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस मौके पर स्पीहा अध्यक्ष असद पठान ने अपने संबोधन में भाग लेने वाले सभी बच्चों को बधाई और शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि जीत से ज्यादा महत्वपूर्ण प्रतियोगिता में भागीदारी करना होता है, यह आपको और अच्छा करने का हौसला-आत्मविश्वास देता है। आपको किसी भी मुकाबले के लिए मजबूत बनाता है। अगर आप बिना किसी झिझक के इसी तरह प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहेंगे तो एक दिन आपको अपनी मेहनत का फल अवश्य मिलेगा और आप विजेता बनकर विश्व के सामने उभरेंगे।
संस्था सचिव पंकज गुप्ता ने कहाकि 16वीं अंतर्राष्ट्रीय ड्राइंग और पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं की लगातार बढ़ती संख्या स्पीहा के संगठनात्मक ढांचे और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में उसके प्रयासों की सार्थकता को सिद्ध करते हैं। यह साबित करता है कि संस्था और उसके कर्मवीर पर्यावरण संरक्षण को अपने कर्तव्यों का पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निर्वहन कर रहे हैं।
संस्था के ग्लोबल इवेंट कोऑर्डिनेटर राहुल भटनागर ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं की लगातार बढ़ती संख्या इस बात की उम्मीद जगा रही है कि हम अपने उद्देश्यों और प्रयास में सफल हो रहे हैं, यह बताती है कि आने वाले दिनों में विश्व का प्रत्येक नागरिक समस्या के प्रति न सिर्फ संवेदनशील होगा, बल्कि अपनी भूमिका को पहचानेगा और अपनी जिम्मेदारी को निःस्वार्थ भाव से पूरा भी करेगा।
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