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स्वतंत्रता का अमृत महोत्सवः संस्कार भारती के एक वर्षीय आयोजनों की श्रृंखला शुरू, प्रथम कार्यक्रम इनके नाम समर्पित

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Agra, Uttar Pradesh, India. साहित्य एवं कला को समर्पित अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती के तत्वावधान में स्वतंत्रता अमृतोत्सव वर्ष पर एक वर्ष तक अनवरत साहित्य, कला और संगीत को समर्पित समारोह आयोजित किए जाएंगे। इस अनूठी श्रृंखला का शुभारंभ संस्कार भारती कला साधिका समिति बल्केश्वर के बैनर तले शनिवार शाम बल्केश्वर स्थित सेंट एंड्रयूज सीनियर सेकेंडरी स्कूल में किया गया।

मेरे भारत की माटी है..

इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवियों ने राष्ट्रीय चेतना के स्वरों से श्रोताओं में देशभक्ति का भाव जाग्रत किया।

सोम ठाकुर ने माँ भारती की वंदना इस तरह की- “मेरे भारत की माटी है चंदन और अबीर। सौ-सौ नमन करूँ मैं भैया सौ-सौ नमन करूँ।”

रामेंद्र मोहन त्रिपाठी की इन पंक्तियों को भरपूर तालियाँ मिलीं-  “कोई मिट गया है रतन के लिए। कोई मिट गया है वचन के लिए। मगर उसको पूजा गया है सदा, जो निछावर हुआ है वतन के लिए।”

 संस्कार भारती के अखिल भारतीय साहित्य प्रमुख और हिंदुस्तानी अकादमी प्रयागराज के माननीय सदस्य राज बहादुर सिंह ‘राज’ ने देश के प्रति अपने जज्बात कुछ यूँ बयाँ किये-

“मरा नहीं आँखों का पानी। मैंने बेची नहीं जवानी। मेरे देश, मैं तेरी खातिर, कर दूंगा सौ-सौ कुर्बानी।”

     हरिमोहन सिंह कोठिया ने मन के भाव व्यक्त किए- “शिखर की ऊँचाइयों तक पहुँच पाना हो न संभव। किंतु इतना तो करो प्रभु! नींव का पत्थर बनूँ मैं। अर्चना के पुष्प सम मैं चरण चाहे छू न पाऊँ। आरती का दीप बनकर, अंत तक जलता रहूँ मैं।”

     सुशील सरित की इन पंक्तियों को सराहना मिली- “सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा। हमको प्यारा जन गण मन अधिनायक अनुपम गान हमारा।”

देश के लिए योगदान को सराहा

यह समारोह महान स्वतंत्रता सेनानी रोशन लाल गुप्त ‘करुणेश’ और साहित्य मनीषी-देहदानी डॉ. राम अवतार शर्मा को समर्पित किया गया था। वक्ताओं ने दोनों महानुभावों का भावपूर्ण स्मरण करते हुए एक ओर भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में हार्डी बम कांड के क्रांतिकारी रोशन लाल गुप्त ‘करुणेश’ के अमूल्य योगदान का उल्लेख किया और ‘आशा’ अखबार के माध्यम से उनकी वैचारिक क्रांति को सराहनीय बताया वहीं दूसरी ओर, डॉ. राम अवतार शर्मा की शैक्षिक, सामाजिक और साहित्यिक सेवाओं की भी मुक्त कंठ से सराहना की गई।

पद्मश्री बाबा योगेंद्र दा का मिला आशीर्वाद

समारोह में संस्कार भारती के संस्थापक-संरक्षक पद्मश्री बाबा योगेंद्र दा का सभी को आशीर्वाद मिला। समारोह का संयोजन और संचालन राज बहादुर सिंह ‘राज’ ने किया। सेंट एंड्रयूज सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रबंध निदेशक डॉ. गिरधर शर्मा स्वागताध्यक्ष, प्रांजल शर्मा, शिवांजल शर्मा, साहित्य सेवी आदर्श नंदन गुप्त समन्वयक और संस्कार भारती कला साधिका समिति बल्केश्वर की महामंत्री नूतन अग्रवाल ‘ज्योति’ सह संयोजक की भूमिका में रहीं।

समारोह में संस्कार भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बाँके लाल गौड़, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सुभाष चंद्र अग्रवाल, प्रांतीय कोषाध्यक्ष आशीष अग्रवाल, प्रांतीय संरक्षक आलोक आर्य, एसके मिश्रा, ओम स्वरूप गर्ग, करुणेश परिवार के संजय गुप्त और शरद गुप्त,  ताहिर सिद्दीकी,  सुनीता शर्मा, अपूर्वा शर्मा भी कोशिन शर्मा भी प्रमुख रूप से मौजूद रहीं।