World Sleep Day

सुंदर भी बनाती है नींद, जानिए भरपूर सोने के फायदे

NATIONAL PRESS RELEASE REGIONAL लेख

Early to bed and early to rise makes a man healthy, wealthy, and wise.” अंग्रेजी के इस मुहावरे को बचपन से ही हम अपने परिजनों से समझते आये हैं|अब हम अपने बच्चों को समझाते आ रहे हैं कि जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना व पूरी नींद लेना चाहिए| चिकित्सा, आध्यात्मिक, धार्मिक कारणों से भी एक स्वस्थ शरीर व मस्तिष्क के लिए नींद अति आवश्यक होती है। परंतु आज भागदौड़ की जिंदगी, आधुनिकता की दौड़, आगे बढ़ने की चाहत या यूं कहिए प्रतिस्पर्धा में हमारी जीवन शैली में इतना परिवर्तन आ गया है कि खान-पान से लेकर सोने तक की दिनचर्या को बिगाड़ दिया है, जिसका असर हमारी नींद पर पड़ा। ठीक से न सो पाने के कारण हम अनेक बीमारियों व एकाकीपन से ग्रसित रहने लगे हैं। इस बात को मद्देनजर रखते हुए कि नींद मानव के लिए कितनी जरूरी है| विश्व नींद दिवस अच्छी नींद के प्रती लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाने लगा।

विश्व नींद दिवस की वर्ल्ड मेडिसन एसोसिएशन ऑफ स्लीप मेडिसिन द्वारा वर्ष 2008 में शुरू किया गया। विश्व नींद दिवस को कमेटी ऑफ वर्ल्ड स्लीप सोसायटी संयुक्त राज्य में स्थित एक गैर लाभकारी संस्था है। जिसका उद्देश्य नींद में कमी या अनिद्रा की कैसे रोकथाम की जा सके। डब्ल्यू एस एस (WSS) बताती है अगर हम कुछ नियमों का पालन करके अच्छी नींद लेकर दुनियाभर को नींद से होने वाली बीमारियों से छुटकारा दिलाया जा सकते है। डब्ल्यू एस एस (WSS) द्वारा प्रत्येक वर्ष बसंत वर्नल विषुव  (उत्तरी गोलार्ध विषुव ) से पहले पड़ने वाले  शुक्रवार को मनाया जाता है। विषुव ऐसा समय बिंदु होता है जिसमें दिन और रात लगभग बराबर होते हैं| यह दिवस मार्च के तीसरे शुक्रवार को माना जाता है, जो इस वर्ष 2021 को 19 मार्च का दिन है। दुनिया भर में 155  आयोजन होते हैं और 70 से अधिक देशों द्वारा इसमें भाग लिया जाता है। डॉक्टर लूर्डेस डेलोर्सो, विश्व नींद दिवस 2021 समिति के सह-अध्यक्ष हैं। हर वर्ष विश्व नींद दिवस की कोई ना कोई थीम होती है। 14वें विश्व नींद दिवस पर इस वर्ष नियामत नींद स्वस्थ भविष्य है।

अनियमित नींद के दुष्परिणाम

 हम सभी जानते हैं और महसूस करते हैं कि किसी एक दिन अगर हम अच्छे से नहीं सो पाते हैं तो दूसरे दिन हमको हमारा शरीर व मस्तिष्क थका थका सा और गिरा-गिरा सा महसूस होता है, जिससे हमारी कार्यक्षमता में भी कमी महसूस होती है। जब एक दिन हम अच्छी नींद ना मिलने से यह परेशानी का सामना करते हैं तो लगातार अच्छी नींद ना आने से या उसे नजर अंदाज करने से अनेक दुष्परिणाम की चपेट में आ जाते हैं, जैसे – हमेशा थकावट महसूस होना, मोटापे के शिकार, कार्यक्षमता में गिरावट, इनसोम्निया, मधुमेह का बढ़ना, मानसिक बीमारी आदि के साथ हमारी सुंदरता और चंचलता पर भी यह बहुत फर्क डालता है। सौ मर्ज़ पैदा कर देती नियमित पूरी नींद ना लेना ।

अच्छी नींद के लिए रखें इन बातों का ध्यान

वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी (WSS) स्वस्थ नींद प्राप्त करने के लिए कुछ बातों की सिफारिश करती है अगर हम इन बातों पर ध्यान देते हैं तो हम अच्छी नियमित नींद का आनंद उठाकर अपने शरीर व मस्तिष्क को स्वस्थ रख सकते हैं|

१-सोने और जागने का समय निर्धारित करें|

२-कम से कम 6-7 घंटे की नींद|

३-दूसरा अगर आपको दिन में झपकी लेने की आदत है तो वह 45 मिनट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए|

४-भोजन, कॉफी ,चाय ,शराब ,केफ़िन या चॉकलेट आदि का सेवन सोने के 2 घंटे पहले तक करें|

५-नियमित रूप से व्यायाम करें |

६-खाना खाने के बाद 10 मिनट चहल कदमी करें|

७-सोने का बिस्तर व कमरा साफ-सुथरा हवादार होना चाहिए|

८-केफ़िन और शराब का सेवन कम से कम करें |

९-सोते समय पतला तकिया इस्तेमाल करें|

१०-सोने जाने से पहले अपने शरीर को शिथिल छोड़ें ताकि सभी अंगों को एहसास हो कि उन्हें अब आराम करना है|

११-बिस्तर पर जाते ही फोन व अन्य गैजेट, टीवी, मोबाइल साउंड सिस्टम, म्यूजिक, लैपटॉप दूर रखें व इस्तेमाल ना करें।

१२-हल्का भोजन करें, भूखे पेट ना सोयें।

वर्तमान स्थिति नींद रोगियों की

अमेरिका का स्लीप एसोसिएशन के अनुसार 50 से 70 मिलियन से अधिक लोगों को किसी ना किसी प्रकार की नींद की बीमारी हैं । 25 मिलियन से अधिक लोगों को स्लीपिंग पिल्स का सहारा लेना पड़ता है| लंबे समय तक इस्तेमाल करने से शरीर में कई अन्य प्रकार के प्रभावों को झेलना पड़ता है। भारत में भी नींद के साथ समझौता करने वाले लोगों की कमी नहीं है| अन्य देशों की तरह यहां भी यह आम समस्या है| अन्य देशों की तुलना में अनेक अन्य कारण भी प्रतिकूल असर डालते हैं। आज विश्व नींद  दिवस पर हम सभी लोगों को अपने स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मस्तिष्क के लिए ऊपर दी गई बातों पर ना केवल अमल करना चाहिए बल्कि अपने परिवार जनों को भी एक ऐसा वातावरण देना चाहिए और उनमें ऐसी आदत पैदा  करनी चाहिए कि काम का कितना भी बोझ हो परंतु सोते समय उस प्रेशर के साथ बिस्तर पर नहीं जाना  है। आज विश्व के सभी लोगों को एक ही संदेश है इस वर्ष की थीम नियमित नींद से स्वस्थ भविष्य को अपने जीवन का मूल मंत्र बनायें और स्वस्थ व ख़ुशहाल जीवन जियें।

राजीव गुप्ता जनस्नेही

लोकस्वर, आगरा