लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने प्रो. विनय पाठक के खिलाफ जांच निरस्त किए जाने पर सवाल उठाया और कहा कि भ्रष्टाचार के कई सबूत मिलने के बाद भी उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है.
कानपुर की छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के खिलाफ चल रही जांच को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) ने निरस्त कर दिया है. राजभवन के मुताबिक नियमानुसार कुलपति को अपने पूर्व अधिकारी के खिलाफ कोई जांच कार्रवाई करने का प्रावधान नहीं है. कुलपति के खिलाफ जांच कुलाधिपति के स्तर पर की जा सकती है. जिसे लेकर अब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने यूपी सरकार पर हमला बोला है. सपा ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि आखिर प्रो पाठक को क्यों बचाया जा रहा है.
समाजवादी पार्टी ने विनय पाठक के खिलाफ जांच निरस्त किए जाने पर सवाल उठाया और कहा कि भ्रष्टाचार के कई सबूत मिलने के बाद भी उन्हें बचाने की कोशिश की जा रही है. सपा ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “भ्रष्ट VC विनय पाठक के खिलाफ कई जांचे बंद करने का आदेश यूपी की महामहिम राज्यपाल महोदया ने दिया है. ये वही भ्रष्ट विनय पाठक है जिसके काले कारनामे ,भ्रष्टाचार ,अनैतिकता ,दुश्चरित्रता के कई मामले कुछ महीने पहले प्रकाश में आए थे लेकिन भ्रष्ट योगी और भाजपा सरकार इसे बचा रही थी.”
सपा ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि “सबूत के बावजूद पाठक के खिलाफ लचर कार्रवाई की गई जिस पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. समाजवादी पार्टी ने कहा, “भ्रष्टाचार के सबूत मिलने के बाद भी लचर जांच, लचर कार्यवाही और गिरफ्तारी ना होना ये बड़ा प्रश्नचिन्ह है. उसके बाद जांचे बंद करवा देना उस पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा. आखिर योगीजी या राजभवन कौन इस भ्रष्टाचारी को बचा रहा है? आखिर विनय पाठक भ्रष्टाचार की रकम में किसे हिस्सा देता था?”
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