वर्षों पहले बेंजामिन फ्रैंकलिन ने कहा था ‘‘रोकथाम का एक औंस, उपचार के पाउंड जितना मूल्यवान है।’’ आज 2022 में भी यह उक्ति एकदम प्रासंगिक है, खासतौर पर तब जबकि हम Kidney संबंधी बीमारियों के बारे में बात करते हैं। सीखने की कोई उम्र नहीं होती है और ऐसे आदतों को त्याग दें जो आपके शरीर को नुकसान पहुंचा रहा हो। आपके पास दो गुर्दे (किडनी) हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि आप चीजों को हल्के में ले सकते हैं।
फोर्टिस फ्लाइट लेफ्टिनेंट राजन ढल (एफएचवी) हॉस्पिटल’ के नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. संजीव गुलाटी का कहना है कि क्रोनिक किडनी डिजीज़ (सीकेडी) एक साइलेंट किलर है और इसके लक्षण कम और गैर-विशिष्ट होते हैं तथा यह काफी देर से प्रकट होते हैं इसलिए सीकेडी वाले अधिकांश रोगी नेफ्रोलॉजिस्ट के पास काफी देर से पहुंचते हैं। सीकेडी की समस्या जब एडवांस्ड और स्टेज 5 पर पहुंच जाती है तो डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट (गुर्दा प्रत्यारोपण) कराना ही एकमात्र विकल्प बचता है। इस स्टेज पर किसी भी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति की कोई भूमिका नहीं रह जाती है।
डॉ. संजीव गुलाटी का कहना है कि यहां उन दस सामान्य आदतों की सूची दी गई है जो अनजाने में आपकी बेशकीमती किडनी को प्रभावित कर सकती हैं जैसेकि अत्यधिक वजन बढ़ना, दर्द निवारक दवाओं का अनुचित या अत्याधिक सेवन, हर्बल दवाओं का उपयोग अथवा रक्तचाप अनियंत्रित रहने से भी किडनी को नुकसान पहुंचता है क्योंकि इससे आपकी किडनी के परिचालन पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। अनियंत्रित डायबिटीज़ के परिणाम स्वरूप किडनी को नुकसान होता है। जंक फूड में नमक और संतृप्तवसा की मात्रा काफी ज्यादा होती है जो आपकी किडनी के लिए नुकसान दायक है। कम पानी का सेवन भी आपकी किडनी के लिए हानि कारक है। हम मौसम के अनुसार पानी पीते हैं न कि शरीर के प्रकार और आकार के हिसाब से। आप जितना कम पानी पीएंगे, किडनी में पथरी (स्टोन) बनने की आशंका उतनी ही अधिक होगी। कृपया आप प्रतिदिन 10 से 12 गिलास पानी पीना सुनिश्चित करें। शारीरिक गतिविधि की कमी से उच्च रक्त चाप और मधुमेह हो सकता है जिसके परिणाम स्वरूप किडनी को नुकसान हो सकता है। शारीरिक गतिविधि आपके शरीर के अंगों को सक्रिय बनाती है और इसके परिणाम स्वरूप किडनी की उम्र बढ़ने की गति धीमी हो जाती है। हम सभी अपनी कार या दोपहिया वाहन को सर्विस के लिए गैराज में भेजते हैं लेकिन अपने शरीर की उपेक्षा करते हैं। किडनी की बीमारी का प्रारंभिक अवस्था में पता लगाने का एकमात्र तरीका सामान्य खून की जांच, मूत्र की जांच और अल्ट्रासाउंड है।
धूम्रपान की आदत न लगाएं और अगर ऐसा करते हों तो उसे तुरंत बंद कर दें। धूम्रपान किडनी सहित आपके सभी अंगों के लिए हानिकारक है और साथ ही साथ यह रक्त चाप भी बढ़ाता है। अगर आपकी किडनी कमजोर हो तो धूम्रपान और भी ज्यादा खतरनाक होता है इसलिए अगर आप अपनी किडनी को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आपको इन बुरी आदतों से तत्काल छुटकारा पाना चाहिए।
-एजेंसियां
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