3 नवंबर को पूरे प्रदेश में होगा आरएसपीपी का धरना-प्रदर्शन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (आरएसपीपी) के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने शनिवार को लखनऊ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं क्योंकि उन्हें सत्ताधारी दल का संरक्षण प्राप्त है।
मौर्य ने कहा कि अब “जय श्री राम” और “जय बजरंगबली” जैसे धार्मिक नारे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा और तोड़फोड़ का लाइसेंस बन चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इन नारों की आड़ में मुस्लिमों की दुकानों, घरों, मस्जिदों और मदरसों पर हमले हो रहे हैं और सरकार इसे रोकने के बजाय मूकदर्शक बनी हुई है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने हाल के कई घटनाक्रमों का हवाला देते हुए कहा कि प्रदेश में धार्मिक उन्माद और सांप्रदायिक तनाव जानबूझकर फैलाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सुप्रीम कोर्ट में जज पर जूता फेंकने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी नहीं होती, तो 3 नवंबर को पूरे प्रदेश में जिलाधिकारी कार्यालयों के बाहर बड़ा धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
मौर्य ने भाजपा पर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए कहा, “आज एक धर्म के लोग आतंकवादी गतिविधियों पर उतर आए हैं।” उन्होंने फतेहपुर के मकबरे पर हमले और अलीगढ़ में ‘आई लव मोहम्मद’ लिखकर दंगा भड़काने की साजिश जैसी घटनाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि ये सब समाज को बांटने की सोची-समझी रणनीति है।
‘यूपी अपराध, रेप और जातीय अत्याचार में नंबर वन’
मौर्य ने एनसीआरबी (NCRB) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि उत्तर प्रदेश अपराध, बलात्कार, हत्या और जातीय घटनाओं में देश में पहले स्थान पर है। उन्होंने कहा कि दलितों और पिछड़ों पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं, मगर मुख्यमंत्री “आँख मूंदे बैठे हैं।”
मौर्य ने कहा कि भाजपा शासन में अब सिर्फ आम जनता ही नहीं, बल्कि न्यायपालिका तक असुरक्षित हो चुकी है। उन्होंने कहा, “दो महामहिम राष्ट्रपतियों को मंदिर में प्रवेश से रोका गया था, और अब जज पर जूता फेंका जा रहा है — यह न्याय और संविधान पर सीधा हमला है।”
3 नवंबर को प्रदेशव्यापी विरोध
स्वामी प्रसाद मौर्य ने घोषणा की कि 3 नवंबर को आरएसपीपी पूरे प्रदेश में जिलाधिकारी कार्यालयों के बाहर धरना-प्रदर्शन करेगी। इस दौरान राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों को सौंपा जाएगा, जिसमें कानून-व्यवस्था की स्थिति, जातीय अत्याचार और संवैधानिक मूल्यों पर हो रहे हमलों का विरोध दर्ज कराया जाएगा।
साभार सहित
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