कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने सरेंडर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से कुछ और हफ़्तों का समय मांगा है. सिद्धू ने मेडिकल आधार पर कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा है.
जस्टिस एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने हाज़िर हुए सिद्धू के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने उनके स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अतिरिक्त समय मांगा.
कोर्ट ने सिंघवी को एक आवेदन दायर करने और चीफ़ जस्टिस के सामने मामले को पेश करने का आदेश दिया है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तीन दशक पुराने रोड रेज मामले में सिद्धू को एक साल जेल की सज़ा सुनाई थी.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाख़िल की गई थी. यह मामला क़रीब तीन दशक से भी अधिक पुराना है.
पीड़ित परिवार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के साल 2018 के फ़ैसले के ख़िलाफ़ पुनर्विचार याचिका दायर की थी.
अपने साल 2018 के फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू पर लगे ग़ैर-इरादतन हत्या के आरोप को ख़ारिज कर दिया था और उनकी तीन साल की सज़ा को बदलते हुए, उन पर एक हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया था.
सिद्धू ने दी थी प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट के सज़ा सुनाए जाने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने इस पर प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि “वो खुद को क़ानून के हवाले कर देंगे.” कल ये फ़ैसला आया था। जो वर्ष 1988 का है.
सिद्धू पर आरोप था कि उन्होंने गुरनाम नाम के एक व्यक्ति की पिटाई की जिसके बाद उसकी मौत हो गई. निचली अदालत ने सिद्धू को इस मामले में पहले बरी कर दिया था लेकिन वर्ष 1999 में हाईकोर्ट में इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील की गई थी.
बाद में पंजाब -हरियाणा हाई कोर्ट ने सिद्धू को दोषी ठहराया था और ग़ैर-इरादतन हत्या के मामले में तीन साल की क़ैद की सज़ा सुनाई थी. जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुँचा था और सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 का आदेश दिया था.
-एजेंसियां
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