bhanu pratap singh

खूब चिल्लाओ, पूरी दुनिया को बताओ- अब ‘अमित’ है ‘नवनीत’ है, ‘नवीन’ है मेरा आगरा

NATIONAL लेख

डॉ. भानु प्रताप सिंह

खूब फोटू खैंचो। खूब वीडियो बनाओ। रील बनाने में रम जाओ। इंस्ट्राग्राम पर डालो। फेसबुक पर डालो। ट्विटर पर भेजो। यूट्यूब पर डालो। खूब चिल्लाओ। रिश्तेदारों को बुलाओ। दिन और रात्रि में दिखाओ। तितली बन जाओ। सिंह की आँख से आँख मिलाओ। पूरी दुनिया को बताओ- ये है मेरा आगरा। ये है मेरे सपनों का आगरा। आओ, आओ। मेरा आगरा देखने आओ। आगरा आओ और ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का भाव अपने साथ ले जाओ। खुशी के प्रकम्पन से वसुधा को भरपूर बनाओ।

अगर आप ताजमहल देखकर पक गए हैं तो खेरिया हवाई अड्डा के द्वार पर आ जाएं। वीआईपी रोड जाएं। माल रोड पर आ जाएं। फिर फतेहाबाद रोड पर पहुंच जाएं। शिल्पग्राम की ओर मुड़ जाएं। ताजमहल के पूर्वी गेट पर पहुंच जाएं। हर ओर हरियाली है। हर ओर खुशहाली है। गायब हो गई बदहाली है। दीवारें बोल रही हैं। अपनी महान संस्कृति के स्वर्णिम पन्नों को खोल रही हैं। चौराहे बोल रहे हैं। हमारा हृदय खोल रहे हैं। स्तम्भ (खंबे) रंग-बिरंगे हैं। मेट्रो के स्तंभ तो चमक मार रहे हैं। चलते जाओ। देखते जाओ। कोई दीवार कृष्णलीला से भरपूर है तो कोई अवध के दर्शन करा रही है। कोई प्रयागराज ले जा रही है। दुधवा नेशनल पार्क भी दिखा रही है।

agra selfie point
agra selfie point का दृश्य।

बात धनराशि की नहीं है। बात कुछ कर दिखाने की है। वह कर दिखाया है। भले ही जी-20 देशों के स्वागत सत्कार के नाम किया गया हो, लेकिन किया है। बहुत बढ़िया किया है। मनभावन किया है। अब आगरा सिर्फ ताजमहल का शहर नहीं है। आगरा अब अमित है, नवनीत है, नवीन है। बड़ी ही प्रवीणता के साथ सजाया गया है, संवारा गया है। नेत्र सुख प्रदायक हो गया मेरा आगरा। कोई भाव के साथ देखे तो नेत्र सजल हो जाएं।

आगरा सेल्फी पॉइंट
आगरा सेल्फी पॉइंट पर तितली बन जाइए

आगरा सेल्फी पॉइंट की कहानी तो सबसे गजब है। दोनों ओर से प्रवेश की व्यवस्था है। पार्किंग पूरी तरह फ्री है। हां, कुछ दिनों से 10 रुपये प्रवेश शुल्क लग गया है। परिवार के साथ शायद 20 रुपये में जा सकते हैं। यहां का हर पेड़ देखने लायक है। कृत्रिम ही सही, तितलियां भी हैं। बीचोबीच में उच्चस्थान है। रात्रि में यहां से आगरा का प्रकाशमान दिखता है। पैदल परिपथ पर छातों की छत है। देखकर ही नेत्र आश्चर्य से फैल जाते हैं। स्कूली बच्चा सबको आकर्षित करता है, भले ही पाषाण का है। यहां घूमिए। बैठिए। खान-पान की भी व्यवस्था है। पूरी मौज कर सकते हैं। अगर पुलिस न हो तो लोग सेल्फी पॉइंट की हवा ही निकाल दें। हर कोई चिपककर फोटो खिंचवाना चाहता है।

 

पिछले दिनों मेरे कुछ रिश्तेदार आगरा आए थे। उन्हें रात्रिकालीन आगरा के दर्शन कराने का मन हुआ। जैसे ही माल रोड पर पहुंचा तो पूछने लगे- ये कहां ले आए, क्या ये आगरा है। मैंने कहा- हां, आगरा ही है। रिश्तेदार बोले- पहली बार ऐसा आगरा देखा है। फतेहादाबाद रोड पर मेट्रो की तैयारी देखी तो देखते ही रह गए। सेल्फी पॉइंट पर फोटो खिंचाने में पर्याप्त समय दिया। देख लिया, लेकिन मन नहीं भरा।

ये होटल वाले हल्ला मचाते हैं कि आगरा में पर्यटक रुकता नहीं है। क्यों, क्योंकि रात्रि में कुछ भी देखने लायक नहीं है। लो रात्रि पर्यटन के लिए तैयार है मेरा आगरा। दिन में आने वाले पर्यटकों को फूल सैय्यद चौराहा रात्रि में दिखाओ। देखते रह जाएंगे। तुंरत कैमरा निकालकर फोटू पर फोटू खींचने लगेंगे। वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश देने वाला ग्लोब घूमता है तो कोई भी वीडियो बनाए बिना रह नहीं सकता। चौराहे के चारों ओर नन्हें गमले लटक रहे हैं। छोटे ही सही, लेकिन पर्यावरण का बड़ा संदेश दे रहे हैं।

G-20
जी-20 का प्रतिनिधित्व करता ग्लोब।

होटल वालों के बारे में क्या कहूँ, हल्ला-गुल्ला खूब करते हैं लेकिन करते नहीं हैं। 10 दिवसीय ताज महोत्सव चल रहा है। यहां पूरे भारत की हस्तकला, शिल्प और व्यंजन हैं। देशी-विदेशी पर्यटक गायब हैं। असल में होटल वाले हों या गाइड, ताज महोत्सव के बारे में पर्यटकों को बताते ही नहीं हैं। अगर पर्यटक ताज महोत्सव में आएगा तो सीधे शिल्पियों से खरीदारी करेगा। ऐसा होने पर होटल वाले और गाइड की प्रत्याभूत (कमीशन) मारा जाएगा। हे होटल वालो, कब तक दूसरों को दोष देते रहोगे, अपनी ओर भी तो देखो।

 

आगरा को दर्शनीय बनाने में पूरे आगरा का योगदान है। फिर भी जो नेतृत्व प्रदान करता है, उल्लेख उसी का होता है। इस नाते आगरा के मंडलायुक्त अमित गुप्ता और आगरा के जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल का नामोल्लेख आवश्यक है। एक कहावत है ‘दिन-रात एक कर देना’, यही किया दोनों अधिकारियों ने। सभी विभागों से समन्वय, निरंतर बैठकें और भ्रमण। मुझे पता है कि दोनों अधिकारी आज भी चुपके से रात्रि में जाकर अवलोकन करते हैं। कुछ कमी पाते हैं तो उसे दूर कराते हैं। महापौर नवीन जैन ने पूरे आगरा को नवीन आगरा बनाने का प्रयास किया, इसलिए पूरी तरह सफलता नहीं मिली। वे कुछ हिस्से लेते तो अवश्य ही आगरा को दर्शनीय बना सकते थे।

Navneet singh chahal IAS
मंडलायुक्त आगरा अमित गुप्ता (मध्य में) और डीएम आगरा नवनीत सिंह चहल (बाएं) की जो़ड़ी ने आगरा को मनभावन बनाने में दिन-रात एक कर दिया।

आगरा का एक हिस्सा ही सही, सुंदर तो हुआ। वैसे जो भाग सुंदर बनाया गया है, वहीं पर्यटकों का आवागमन और प्रवास अधिक रहता है। इसी मार्ग से जी-20 देशों के प्रतिनिधि आए थे। इसी मार्ग से राष्ट्राध्यक्ष ताजमहल का अवलोकन करने आते हैं। वे लौटकर जाएंगे तो आगरा की सुंदर तस्वीर मनोमस्तिष्क में छापकर ले जाएंगे। फिर सबको बताएंगे और उस देश के पर्यटक भी आएंगे, जो आगरा को समृद्ध बनाएंगे।

 

मेरी मांग है कि धीरे-धीरे ही सही, आगरा के हर हिस्से को उसी तरह से सुंदर बनाएं जैसे वीआईपी रोड, माल रोड, फतेहाबाद रोड, शिल्पग्राम रोड है। एमजी रोड के नाम से प्रसिद्ध महात्मा गांधी मार्ग पर भी लटकते हुए गार्डन लगाए जा सकते हैं। यमुना किनारा मार्ग, एमजी रोड-2, सिकंदरा-बोदला रोड, पुराना मथुरा मार्ग (कैलाशपुरी से बेलनगंज तक), ग्वालियर मार्ग को दर्शनीय बनाया जाना चाहिए।

Dr. Bhanu Pratap Singh