डॉ. भानु प्रताप सिंह
Agra, Uttar Pradesh, India. गणतंत्र दिवस पर हर वर्ष किसी न किसी संस्था से मुख्य अतिथि के रूप में ध्वज फहराने का आमंत्रण मिलता है। इस बार यह सम्मान दिया श्री तपेश शर्मा ने। वे श्रीमती बैजंती देवी ग्रुप ऑफ स्कूल्स के चेयरमैन हैं। खिलाड़ी हैं। खिलाड़ियों के पथ प्रदर्शक हैं। शानदार क्रिकेटर हैं। शिक्षाविद हैं। अनुशासनप्रिय हैं। सरल और सरस हैं। इन सबसे इतर वे मनमोहक व्यक्तित्व के स्वामी हैं। उन्होंने मुझे 25 जनवरी को फोन कर श्रीमती बैजंती देवी इंटर कॉलेज बिचपुरी में 26 जनवरी, 2023 को प्रातः 9 बजे ध्वज फहराने का आमंत्रण दिया।
मैंने प्रातः आठ बजे शास्त्रीपुरम जनसेवा समिति, आगरा (पंजीकृत) के महासचिव के नाते अवंतीबाई लोधी चौराहा (शास्त्रीपुरम गोल चक्कर) पर ध्वज फहराया। पौने नौ बजे तक यह कार्यक्रम संपन्न हुआ। फिर मैं अपने साथ समिति के पदाधिकारी देवेन्द्र सिंह परमार, भजनलाल प्रधान, राजवीर सिंह और सुनील शर्मा को लेकर श्रीमती बैजंती देवी इंटर कॉलेज बिचपुरी पहुंच गया। नौ बजने में 10 मिनट पहले एक बार फिर श्री तपेश शर्मा ने फोन करके लोकेशन पूछी।
हम निर्धारित समय पर श्रीमती बैजंती देवी इंटर कॉलेज बिचपुरी पहुंच गए। हमें प्रधानाचार्य कक्ष में बैठा दिया गया। तभी चौहटना के प्रधान जी और भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता सोनू चौधरी आ गए। उनसे परिचय हुआ। जब से विद्यालय की स्थापना हुई है, प्रधान जी अभिभावक के रूप में हैं। इसी कारण अस्वस्थ होने के बाद भी वे आए। कुछ देर बाद ही हमें विद्यालय के द्वार पर लाया गया। छात्राओं का एक दल हमें ससम्मान कार्यक्रम स्थल पर ले गया। विद्यालय के करीब एक हजार विद्यार्थियों ने हमारा स्वागत विशेष अंदाज में करतल ध्वनि और स्वागत कहकर किया। मैंने प्रथम बार इस तरह का स्वागत देखा। ध्वज फहराया गया। विद्यालय के संस्थापक स्व. विद्याशंकर शर्मा के चित्र पर माल्यार्पण किया। 26 जनवरी को ही बसंत पंचमी है। इसलिए मां सरस्वती के चित्र पर भी माल्यार्पण किया गया। हम सब जानते ही हैं कि मां सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है।
श्री तपेश शर्मा ने मेरे (डॉ. भानु प्रताप सिंह) के सम्मान में बहुत सारी बातें कहीं और संबोधन के लिए आमंत्रित किया। मैंने संक्षेप में बात कही- जब पत्थर को तराशा जाता है तो चोट सहनी पड़ती है। फिर वही मूर्ति का आकार लेता है और मंदिर में पूजा जाता है। बाकी पत्थर ठोकर खाते हैं। उसी प्रकार विद्यार्थियों को भी कठोर वचन सहने होते हैं। यह उनके लिए हितकारी होता है। सोनू चौधरी ने कहा कि जो भी काम करें, पूरे मन के साथ करें। एक काम पर ध्यान दें। जैसे खिलाड़ी बनना है तो दस साल देने होंगे। उन्होंने बच्चों को आशीर्वाद भी दिया। श्री तपेश शर्मा ने कहा कि जो पत्थर तराशा नहीं जाता, उस पर मंदिर के बाहर नारियल फोड़ा जाता है।
इसके बाद हमें विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन कराया गया। शानदार प्रोजेक्ट देखकर हमें अचंभा हुआ। पंजाब में चल रहे एक प्रोजेक्ट ने हम सबका ध्यान आकर्षित किया। छत के पानी का सुंदर ढंग से उपयोग करना सिखाया गया है। विज्ञान प्रदर्शनी देखने के लिए हमें विद्यालय के प्रथम तल पर जाना पड़ा। आते और जाते में नन्हे विद्यार्थियों ने तिरंगा लहराकर हमारा स्वागत किया।
इसके बाद बारी आई गणतंत्र दिवस के मुख्य कार्यक्रम की। यह था तिरंगा रैली। हम सबने संयुक्त रूप ले तिरंगा रैली को हरी झंडी दिखाई। बैनर के साथ चल पड़े। सबसे आगे सबसे छोटे और सबसे पीछे सबसे बड़े छात्र। बीच में छात्राएं। सब विशाल तिरंगा को थामे हुए। भारत माता की जय, वंदे मातरम, इंकलाब जिन्दाबाद, देश के शहीदों की जय के नारे से वातावरण गुंजायमान होने लगे। सबसे आगे देशभक्ति के गीत बजाए जा रहे थे- सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा, ये देश है वीर जवानों का..। मेरे ठीक पीछे चल रहे विद्यार्थी नारे लगाए जा रहे थे। मार्ग में तिरंगा यात्रा देखकर वाहन थम गए। कुछ लोगों ने सैल्यूट किया। जो बैठे थे वे खड़े हो गए। बिचपुरी मार्ग, नरसी विलेज होते हुए छात्र वापस विद्यालय आए। हर हृदय में देशभक्ति की हिलोर उठने लगी।
श्रीमती बैजंती देवी इंटर कॉलेज के संचालक तपेश शर्मा, सभी शिक्षक और विद्यार्थी धन्यवाद के पात्र हैं। विद्यालय में विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम से इतर संस्कारित किया जा रहा है। देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत किया जा रहा है। विद्यार्थियों की रुचि वाले क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित किया जा रहा है। आमतौर पर विद्यालयों को अपनी फीस और पढ़ाई से मतलब होता है लेकिन श्रीमती बैजंती देवी इंटर कॉलेज में जो कुछ सिखाया जा रहा है, वह वाकई अद्भुत है। विद्यालय में प्रवेश करिए तो बाएं हाथ पर महापुरुषों के चित्र चित्त को देशभक्ति से परिपूर्ण कर देते हैं।ज्ञे लि ान में बहुत सरी बातकि मां सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है।
एक बात और बतानी है। अतिथि के बतौर सिर्फ तीन लोग आमंत्रित थे- मैं यानी डॉ. भानु प्रताप सिंह, सोनू चौधरी और चौहटना के प्रधान जी। मैं अपने साथ चार और लोगों को ले गया। इस तरह कुल सात अतिथि हो गए। व्यवस्था तीन अतिथियों के हिसाब से की गई थी। इसीलिए तीन स्मृति चिह्न और तीन पटके थे। यहां मैं श्री तपेश शर्मा के प्रबंधन की प्रशंसा करूंगा। उन्होंने मेरे साथ गए चार लोगों से तीन अतिथियों का सम्मान कराया। मेरे साथ गए चार लोगों को विद्यालय के शिक्षकों से माल्यार्पण कर स्वागत किया। इसे ही कहते हैं प्रत्युत्पन्नमति। जिस विद्यालय का चेयरमैन प्रत्युत्पन्नमति वाला हो, उस विद्यालय के विद्यार्थियों का भविष्य निश्चित रूप से उज्ज्वल है।
यहां से मैंने ताज प्रेस क्लब घटिया आजम खां पर हुए गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत की। विजय शिवहरे एमएलसी मुख्य अतिथि के रूप में आए।
गणतंत्र दिवस की रौनक पूरे शहर में दिखाई दी। देशभक्ति की गीत कई जगह सुनाई दिए। किनारी बाजार में तिरंगे थे लेकिन पहले की अपेक्षा कम थे। इस बार किनारी बाजार में हार्डी बम कांड के दूसरे हीरो वासदेव गुप्त के भी बैनर दिखे। ढोलीखार और मंटोला में भी तिरंगा का रंग दिखा।
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