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राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की साधारण सभा में अल्पसंख्यक विद्यालयों की मनमानी पर अंकुश लगाने का प्रस्ताव पारित

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कठोर प्रभावी कानून बनाने की माँग की जाएगी

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Agra, Uttar Pradesh, India.  राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश की महासंघ की साधारण सभा की बैठक लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के ‘‘चाणक्य सभागार’’ में 16 अप्रैल को हुई। बैठक में कार्यसमिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. देवी सिंह नरवार ने अशासकीय सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालयों के प्रबन्धतन्त्र द्वारा बरती जा रही गम्भीर अनियमितताओं के सम्बन्ध में एक प्रस्ताव महासंघ की साधारण-सभा में रखा। प्रस्ताव में बताया कि प्रदेश के अनुदानित अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालयों में प्रबन्धतन्त्रों द्वारा एक लम्बे अर्से से अपनायी जा रही स्वेच्छाचारी मनमानी का रवैया घोर आपत्तिजनक है। इण्टरमीडिएट एजूकेशन एक्ट 1921 के प्रावधानों का खुला उल्लघंन है। अल्पसंख्यक विद्यालयों पर एक्ट 1921 के सभी प्रावधान यथावत लागू होते हैं। इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षित किया जाना अत्यन्त आवश्यक है।

इस विषय पर काफी विचार-विमर्श और चर्चा के उपरान्त सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया है। तय किया गया कि अल्पसंख्यक विद्यालयों के प्रबन्धतन्त्रों की स्वेच्छाचारिता, मनमाने रवैया और एक्ट के प्रावधानों के खुला उल्लघंन पर रोक लगाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक ज्ञापन प्रेषित कर इस सम्बन्ध में कठोर प्रभावी कानून बनाने की माँग की जायेगी।

बैठक में संगठनात्मक योजना रचना, अभ्यास वर्ग आयोजित करने तथा शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं पर विस्तार से चर्चा हुई। कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किये गये। इससे पूर्व 15 अप्रैल को ‘‘प्रदेश संचालन समिति’’ और ‘‘प्रदेश कार्यसमिति’’ की बैठक में भी उक्त विषयों पर गम्भीरतापूर्वक विचार-विमर्श कर प्रस्ताव तैयार किये गये।

Dr. Bhanu Pratap Singh