the missing links book

राज किशोर शर्मा राजे की नई पुस्तक The Missing Links शोधार्थियों के लिए अत्यधिक उपयोगी

साहित्य

उत्तर प्रदेश के आगरा में निवासरत चर्चित इतिहासकार राजकिशोर शर्मा ‘राजे’  की नई पुस्तक आ गई है। नाम है- The Missing Links. यह पुस्तक मूल रूप से हिन्दी में इतिहासकारों की भूलें शीर्षक से लिखी गई है। इसी का अंग्रेजी में अनुवाद राधा जनार्दन ने ‘द मिसिंग लिंक्स’ के नाम से किया है। श्री राज किशोर शर्मा राजे भारत में अंग्रेज, ये कैसा इतिहास, मुगलों का अंत समेत कई चर्चित पुस्तकें लिख चुके हैं। इन पुस्तकों में वह सबकुछ है, जो आज की पीढ़ी को ज्ञात होना चाहिए। 75 साल के होने के बाद भी उनका लेखन निरंतर चल रहा है।

The Missing Links  पुस्तक में 57 अध्याय हैं। महाभारत, पांडव, सनातन धर्म, नंद-यशोदा-राधा, गौतम बुद्ध और अहिंसा, वैश्य बना शूद्र, भारत- एक सोने की चिड़िया, ब्राह्मण, राजा पुरु, कलिंग का युद्ध, जयचंद, घुसपैठियां का उपहार, पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु कैसे और कहां हुई, शेख निजामुद्दीन औलिया, चंगेज खान और भारतस, जौहर, क्या अकबर की मृत्यु जहर से हुई, निर्दयी राजपूत, जोधाबाई कौन थी, धर्मों में विभाजन, मुगल कौन थे, धन के बिना जीवन, शाहजहां की निर्दयता, तांत्या टोपे, गांधी आदि के बारे में ऐसी बातें हैं जो आपको शोध करने के लिए मजबूर कर देंगी। पुस्तक में 123 सहायक पुस्तकों का संदर्भ दिया गया है।

मैं जब भी श्री राजकिशोर शर्मा ‘राजे’  से मिलता हूँ तो आश्चर्य में पड़ जाता हूँ। इतिहास से संबंधित तमाम तारीखें तो उनकी जिह्वा पर रहती हैं। वे 75 साल के हो चुके हैं और अध्ययन में रत हैं। इतिहास से संबंधित जो भी पुस्तक उन्हें मिलती है, खरीद लाते हैं और जुट जाते हैं पढ़ने में। वे सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं हैं, इसलिए ठीक से प्रचारित नहीं हो पाए हैं।

 

 

Dr. Bhanu Pratap Singh