pritam singh lodhi

प्रीतम सिंह लोधी ने सिंगापुर में रचा इतिहास, संसद में विपक्ष के नेता बने

INTERNATIONAL NATIONAL POLITICS

Singapore, Republic of Singapore। भारतीय मूल के लोग विदेशी जमीन पर अपना दबदबा दिखा रहे है। यहां हम जो आपको बताने जा रहे हैं वह उत्कृष्ट है। सिंगापुर (Republic of Singapore) में भारतीय मूल के नेता प्रीतम सिंह लोधी (Pritam Singh Lodhi) ने संसद में विपक्ष के पहले नेता (Leader of the Opposition in Singapore Parliament) का पद संभालने के साथ ही इतिहास रच दिया है। संसद ने सोमवार को उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी। 43 वर्षीय प्रीतम सिंह की वर्कर्स पार्टी (workers Party) बीती दस जुलाई को हुए आम चुनावों में 93 में से दस सीटों पर जीत हासिल करके सबसे मजबूत विपक्षी दल के रूप में उभरी है। सत्र की शुरुआत में नेता सदन इंद्राणी राजा ने 43 वर्षीय सिंह को औपचारिक रूप से देश में विपक्ष के पहले नेता के तौर पर मान्यता दी। भारतीय मूल की इंद्राणी राजा सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) की नेता हैं। पीएपी का 83 सदस्यों के साथ सदन में बहुमत है।

प्रधानमंत्री के सामने बैठेंगे

चैनल न्यूज एशिया के मुताबिक, प्रीतम सिंह लोधी अब प्रधानमंत्री ली सीन लांग के ठीक सामने बैठेंगे। प्रीतम सिंह ने अपने भाषण में विदेशियों और वे जिन हालात में रह रहे हैं, उन पर ध्यान देने की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा- ‘‘उनकी (विदेशियों की) मौजूदगी सिंगापुर को वह जीवंतता देती है, जो हमें आर्थिक रूप से प्रासंगिक बनाती है और हमारे साथी सिंगापुरवासियों को नौकरियां और अवसर देती है।”

संसद की कार्यवाही में अपनी भूमिका

बीते सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू हुई और सदन की नेता इंद्राणी राजा ने प्रीतम सिंह को सिंगापुर की संसद में विपक्ष के नेता की जगह दी। यह पहला मौका है, जब किसी शख़्स को बाकायदा सदन में विपक्ष के नेता का ओहदा दिया गया है। अब तक विपक्षी दलों के शीर्ष नेता इस ज़िम्मेदारी का निर्वहन किया करते थे, लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत सिंगापुर में ब्रितानी संसद की माफ़िक नेता प्रतिपक्ष संसद की कार्यवाही में अपनी भूमिका अदा करेगा।

स्थानीय कामगारों के हितों की रक्षा ज़रूरी

विपक्ष के नेता बनने के बाद प्रीतम सिंह ने बेहद सावधानीपूर्वक अंदाज़ में कामगारों के हितों की रक्षा की बात की है। उन्होंने अपने पहले भाषण में जहां एक ओर विदेशी कामगारों के मुद्दों को उठाया तो वहीं दूसरी ओर सिंगापुर में रहने वाले लोगों को मिलने वाले अवसरों को लेकर भी बात की। सिंगापुर में काम करने वाले प्रवासी कामगारों के जीवन स्तर सुधारने की बात करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विदेशी कामगारों का जीवन स्तर सुधरना चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेशी कामगार सिंगापुर की अर्थव्यवस्था में एक अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन इसके साथ ही सिंगापुर के कामगारों के हितों का ध्यान रखना भी ज़रूरी है।

विपक्ष के पहले नेता को कौन से अधिकार मिलेंगे?

प्रीतम सिंह को सिंगापुर की संसद में विपक्ष के पहले नेता के रूप में सांसदों में सबसे पहले प्रतिक्रिया देने का अधिकार मिलेगा। इसके साथ ही साथ उन्हें नीतियों, अधिनियमों, और संसदीय प्रस्तावों पर संसदीय सवाल जवाब की प्रक्रिया का नेतृत्व करने का मौका मिलेगा। विपक्ष के नेता के रूप में प्रीतम सिंह को संसद में विपक्ष के कामकाज आदि को संभालना होगा, सरकारी भोजों में शामिल होगा और सरकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के सदस्यों के साथ बैठकों में हिस्सा लेना होगा। इसके अलावा सिंगापुर की सरकार उन्हें आधिकारिक रूप से अहम एवं गोपनीय मुद्दों पर विश्वास में रखेगी।

पंजाब मूल के हैं प्रीतम सिंह

इस सबके बीच एक सवाल अधूरा है कि थिएटर आर्टिस्ट लवलीन कौर से शादी करने वाले पंजाबी मूल के प्रीतम सिंह ने सिंगापुर की राजनीति में कदम कैसे रखा। इस सवाल का जवाब उनकी पढ़ाई और उनके रुझानों में स्पष्ट दिखाई देता है। सिंगापुर में नेशनल सर्विसमैन के रूप में सेवाएं देकर मेजर रैंक हासिल करने वाले प्रीतम सिंह कॉम्बेट इंजीनियर भी हैं। सिंगापुर में नेशनल सर्विसमैन उन लोगों को कहते हैं जो ज़रूरत पड़ने पर अपनी सेवाएं दे सकते हैं, लेकिन पेशे से वह वकील हैं और एक वकील के रूप में ही काम करते हैं।

राजनीति में कैसे आए

राजनीति की दुनिया में नाम कमाने से पहले प्रीतम सिंह एक विद्यार्थी के रूप में भी कीर्तिमान हासिल कर चुके हैं। प्रीतम सिंह ने सन् 1999 में इतिहास और राजनीति शास्त्र विषयों में शीर्ष स्थान हासिल करके स्ट्रेट्स स्टीमशिप प्राइज़ जीता था। इसके बाद उन्होंने सन् 2000 में सिंगापुर की नेशनल सिंगापुर यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ़ आर्ट्स की डिग्री लेकर इतिहास की पढ़ाई की, लेकिन ये प्रीतम सिंह के लिए बस एक शुरुआत थी। उन्होंने क़ानून की पढ़ाई करने से लेकर युद्ध की रणनीतियों पर लंदन के किंग्स कॉलेज में जाकर पढ़ाई की। ब्रिटेन में ही प्रीतम सिंह ने अपनी पोस्ट ग्रैजुएशन की परीक्षा पास की। इसके बाद ब्रिटेन में ही प्रीतम सिंह ने अपनी पोस्ट ग्रैजुएशन की परीक्षा पास की। उन्होंने इंटरनेशनल इस्लामिक यूनिवर्सिटी मलेशिया से इस्लामिक स्टडीज़ में भी डिप्लोमा हासिल किया। ओपिनियन एशिया नाम से सिंडिकेट शुरू किया, जो कि एशियाई मुद्दों पर टिप्पणी किया करता था। इसके बाद साल 2011 में उन्होंने औपचारिक ढंग से राजनीति में कदम रख दिए। साल 2011 के बाद से अब तक वह एक सांसद के रूप में काम कर रहे हैं। वह बीते दो सालों से सिंगापुर की राजनीति में विपक्ष के नेता की भूमिका निभा रहे थे।

अपेक्षाओं को तय करने की एक बड़ी ज़िम्मेदारी

ये कीर्तिमान हासिल करना उनकी पार्टी और प्रीतम सिंह के लक्ष्यों में शामिल था कि सिंगापुर की संसद औपचारिक रूप से किसी एक शख़्स को विपक्ष के नेता के रूप में स्वीकार्यता दे। बीते सोमवार जब सदन की नेता इंद्राणी राजा, जो कि स्वयं भी भारतीय मूल की हैं, ने प्रीतम सिंह को सदन में विपक्ष के नेता के रूप में स्वीकार्यता दी है। तो देखना अब ये है कि दो बेटियों के पिता, वकील और कामगारों के हकों की बात करने वाले प्रीतम सिंह विपक्ष के नेता के रूप में क्या मुकाम हासिल करेंगे। क्योंकि विपक्ष के पहले नेता होने की वजह से उनके कंधों पर इस पद के लिए मानकों और अपेक्षाओं को तय करने की एक बड़ी ज़िम्मेदारी है।