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PM Modi ने कारगिल शहीद हसन मोहम्मद के परिजनों को भेजा स्मृति चिह्न, वीरता पर गर्व, देखें तस्वीरें

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Agra, Uttar Pradesh, India. गणतंत्र दिवस के मौके पर 1यूपी गर्ल्स बटालियन की कंपनी कमांडर लेफ्टिनेंट रीता निगम ने कारगिल शहीद ग्रेनेडियर हसन मोहम्मद की पत्नी श्रीमती नूर फातिमा और मां अमीरन को प्रधानमंत्री की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान किया। सूबेदार दीनानाथ ने शहीद ग्रेनेडियर हसन मोहम्मद के चित्र के समक्ष एनसीसी निदेशालय की ओर से श्रद्धांजलि पुष्प गुच्छ अर्पित किया। हवलदार दुर्गा प्रसाद, कैडेड ज्योति सिंह, हिना, वर्षा, अंजलि चौहान और उमा कुमारी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि कार्यक्रम आवास विकास कॉलोनी सेक्टर-5 के पार्क में आयोजित हुआ।

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कारगिल शहीद हसन मोहम्मद के परिजन

हसन मोहम्मद बचपन से ही कुशल और मेधावी थे। देश प्रेम और देश सेवा की भावना उनके अंदर कूट-कूट कर भरी हुई थी। इसी के कारण वह जनवरी 1995 को भारतीय सेना की ग्रेनेडियर रेजीमेंट में भर्ती हो गएय़। उन्होंने ग्रेनेडियर रेजिमेंटल सेंटर जबलपुर में 1 साल का कठिन परिश्रम परीक्षण कर 1996 में 22- ग्रेनेडियर रेजीमेंट में स्थाई रूप से भारतीय सेना की ड्यूटी निर्वहन हेतु प्रवेश किया।

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कारगिल शहीद हसन मोहम्मद की तस्वीर के साथ एनसीसी के अधिकारी

1999 में उनकी रेजीमेंट को कारगिल युद्ध में भाग लेने के लिए जम्मू और कश्मीर रवाना कर दिया गया। हसन मोहम्मद अपनी रेजिमेंट की अग्रिम टुकड़ी का हिस्सा थे। उन्होंने बड़े ही साहस और पराक्रम के साथ दुश्मनों का मुकाबला किया और उसके दांत खट्टे कर उन्हें परास्त किया। ग्रेनेडियर हसन मोहम्मद इस युद्ध के दौरान कायर दुश्मनों की गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद भी वह अपने प्राणों की परवाह किए बिना घायल अवस्था में भी दुश्मन से निरंतर लोहा लेते रहे। हसन मोहम्मद ने 3 जुलाई, 1999 को देश सेवा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

Dr. Bhanu Pratap Singh