पाकिस्‍तान: चुनाव परिणामों ने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की नीदें उड़ाईं

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पाकिस्‍तान में गुरुवार को हुए आम चुनाव के परिणामों ने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की नीदें उड़ा दी हैं। इमरान खान की पार्टी पीटीआई के समर्थक पूरे चुनाव रिजल्‍ट में छाए हुए हैं। इमरान खान की पार्टी को चुनाव नहीं लड़ने दिया गया और उसका चुनाव सिंबल बल्‍ला भी वापस ले लिया गया, इसके बाद भी कप्‍तान की पार्टी ने चौंकाने वाला प्रदर्शन किया है।

चुनाव परिणामों को देखकर पाकिस्‍तानी सेना इतना घबरा गई है कि उसने रिजल्‍ट की घोषणा में ही देरी कर दी है। यही नहीं, बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप भी लगाए गए हैं। इस चुनाव में बड़ी मेहनत के बाद नवाज शरीफ चुनाव जीत गए हैं लेकिन अब उनके पीएम बनने की उम्‍मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। पाकिस्‍तान विश्‍लेषकों का कहना है कि नवाज शरीफ और इमरान की इस सियासी लड़ाई में पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो पाकिस्‍तानी सेना की मदद से बाजी मार सकते हैं।

दरअसल, पाकिस्‍तान में बहुमत हासिल करने के लिए 133 सीटों की जरूरत है और गैर आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक इमरान समर्थक इस आंकड़े को पार करते हुए दिख रहे हैं। हालांकि इसमें पेंच है। इमरान खान की पार्टी के सभी उम्‍मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं क्‍योंकि पीटीआई को चुनाव नहीं लड़ने दिया गया। इस चुनाव में नवाज शरीफ की पार्टी को 47 और बिलावल की पार्टी पीपीपी को 47 सीटें मिलती दिख रही है। वहीं अगर निर्दलीय की बात करें तो 154 सीटों पर वे कमाल करते हुए दिख रहे हैं।

विश्‍लेषकों के मुताबिक इन निर्दलीय में सबसे ज्‍यादा पीटीआई के समर्थक हैं और अगली सरकार निर्दलीय को जोड़कर सरकार बनाने के लिए लड़ाई होगी।

मुनीर जहां कहेंगे, वहीं पर वोट देंगे निर्दलीय

इसमें खरीद फरोख्‍त और पाकिस्‍तानी सेना की बहुत अहम भूमिका होगी। पाकिस्‍तान के विश्‍लेषकों का कहना है कि पाकिस्‍तानी सेना का अगर दबाव बनता है तो ये निर्दलीय उम्‍मीदवार अगले 72 घंटे के अंदर बिलावल या नवाज शरीफ की पार्टी की ओर जा सकते हैं लेकिन ये निर्वाचित सदस्‍य आजाद बने रहते हैं तो वे अपना उम्‍मीदवार अपना प्रधानमंत्री भी चुन सकते हैं, लेकिन फिलहाल सेना एक्‍शन में है। उन्‍होंने कहा कि ताजा चुनाव परिणाम के बाद अब बिलावल भुट्टो के पीएम बनने की संभावना ज्‍यादा बन रही है। बिलावल भुट्टो पूरे चुनाव में इमरान खान के समर्थकों को साधने की कोशिश करते रहे हैं।

बिलावल भुट्टो इमरान खान के समर्थकों को स्‍वीकार भी हो सकते हैं। बिलावल का गढ़ सिंध है लेकिन वह पंजाब आए और चुनाव लड़ा। पाकिस्‍तान में अभी आधिकारिक रूप से निर्दलीय का टैग है। पाकिस्‍तान के मशहूर पत्रकार एजाज सैयद ने कहा कि इस पूरे मामले में अब सेना की भूमिका सबसे महत्‍वपूर्ण होने जा रही है।

पाकिस्‍तानी सेना जहां कहेगी 120 से ज्‍यादातर निर्दलीय उम्‍मीदवार वहीं पर अपना वोट देंगे। एजाज ने कहा कि इन उम्‍मीदवारों ने पहले ही पाकिस्‍तानी सेना को यह आश्‍वासन दिया है कि वे वहीं पर वोट देंगे जहां जनरल मुनीर कहेंगे। कई विश्‍लेषक कह रहे हैं कि अब नवाज शरीफ को बहुमत नहीं मिला है और इस बात की पूरी संभावना है कि वे बिलावल के साथ जा सकते हैं।

-एजेंसी

Dr. Bhanu Pratap Singh