वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण: सीएम योगी बोले — यह केवल गीत नहीं, राष्ट्रभक्ति और कर्तव्य का अमर मंत्र है

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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का दिन देश के इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण है। वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे स्मृति दिवस के रूप में मनाने का आह्वान कर देशवासियों को नई प्रेरणा दी है। लोकभवन में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राष्ट्रगीत के सामूहिक गायन के साथ स्वदेशी का संकल्प लिया और राष्ट्रगीत के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को नमन किया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित मुख्य समारोह का लाइव प्रसारण भी देखा गया।

सीएम योगी ने कहा कि वंदे मातरम् भारत की आजादी का अमर मंत्र था, जिसने विदेशी शासन की यातनाओं और अत्याचारों के बीच भी देश की सामूहिक चेतना को जागृत किया। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और क्रांतिकारी गांव-गांव, नगर-नगर ‘वंदे मातरम्’ के स्वर से आजादी के संदेश को जन-जन तक पहुंचा रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1875 में रचा गया यह गीत केवल आजादी का प्रतीक नहीं रहा, बल्कि इसने भारत की आत्मा को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया। संस्कृत और बांग्ला की अभिव्यक्ति में रचा यह गीत संपूर्ण भारत को ‘राष्ट्रमाता’ के भाव से जोड़ने वाला अमर गीत बन गया। उन्होंने कहा कि 1905 में जब विदेशी हुकूमत ने बंग-भंग का निर्णय लिया, तब यही गीत भारतवासियों को एकजुट होकर विरोध के लिए प्रेरित करने वाला स्वर बना। अनेक क्रांतिकारी जब फांसी के फंदे पर चढ़े, तब उनके मुख से भी यही अमर वाक्य निकला — “वंदे मातरम्।”

योगी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के हर आंदोलन में यह गीत भारत की सामूहिक अभिव्यक्ति का प्रतीक रहा। इसने देश को जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र से ऊपर उठकर एकता के सूत्र में बांधा। उन्होंने कहा कि संविधान सभा ने 24 जनवरी 1950 को वंदे मातरम् को राष्ट्रगीत का दर्जा देकर इसे अमर सम्मान प्रदान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय का उपन्यास आनंद मठ केवल साहित्यिक कृति नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का स्वर था। इस गीत ने भूख, अकाल और उपेक्षा से जूझते भारत को नई चेतना और दिशा दी। 150 वर्षों से यह गीत भारत की नई राष्ट्रीयता और सामूहिक भावना का प्रतीक बना हुआ है।

सीएम योगी ने कहा, “वंदे मातरम् किसी उपासना विधि का हिस्सा नहीं, बल्कि यह हमारे कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने वाला मंत्र है।” उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर द्वारा संविधान की ड्राफ्टिंग प्रति सौंपने के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भी बार-बार हमें कर्तव्यों के महत्व की याद दिलाते हैं।

योगी ने कहा कि जब एक शिक्षक अपने शिष्य में संस्कार भरता है, जब एक सैनिक सियाचिन की बर्फीली चोटियों या राजस्थान के तपते रेगिस्तान में सीमाओं की रक्षा के लिए डटा रहता है, जब एक किसान अन्न उत्पादन कर देश का पेट भरता है — तब वे सब वास्तव में वंदे मातरम् का गान कर रहे होते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश जिन ऊंचाइयों की ओर बढ़ा है, वह भी नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्यों के पालन की अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा, “जब नागरिक स्वार्थ से ऊपर उठकर राष्ट्र के प्रति कर्तव्य निभाता है, तभी वह सच्चे अर्थों में वंदे मातरम् का गायन करता है।”

इस अवसर पर मुख्य सचिव एस.पी. गोयल, प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद, पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण, कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

Dr. Bhanu Pratap Singh