पटना। बिहार की राजनीति ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक पल देखा, जब जदयू नेता नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पटना के गांधी मैदान में आयोजित भव्य समारोह में विशाल जनसमूह, राष्ट्रीय स्तर के नेतृत्व और एनडीए की एकजुटता का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिला। राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान ने नीतीश कुमार को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
पीएम मोदी, शाह और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी
शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रीय राजनीति का केंद्र बन गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति ने समारोह को शक्ति-प्रदर्शन का रूप दे दिया।
मंच पर उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मोहन यादव, राजस्थान के भजनलाल शर्मा और गुजरात के भूपेंद्र पटेल जैसे कई बड़े नेता मौजूद रहे। पूरा गांधी मैदान “बिहार में फिर एक बार—नीतीश कुमार” के नारों से गूंज उठा।
26 मंत्रियों ने ली शपथ, एनडीए की मजबूत और संतुलित कैबिनेट
नीतीश कुमार के साथ 26 मंत्रियों ने शपथ ली, जिनमें भाजपा के 14, जदयू के 8 और सहयोगी दलों के मंत्री शामिल रहे। नए मंत्रिमंडल में एक मुस्लिम चेहरा, तीन महिला मंत्री और पहली बार विधायक बने तीन नेता भी शामिल हैं।
बीजेपी कोटे से शपथ लेने वाले मंत्री:
सम्राट चौधरी (उपमुख्यमंत्री), विजय कुमार सिन्हा (उपमुख्यमंत्री), मंगल पांडेय, डॉ. दिलीप जायसवाल, नितिन नवीन, रामकृपाल यादव, संजय सिंह, अरुण शंकर प्रसाद, सुरेंद्र मेहता, नारायण प्रसाद, रमा निषाद, लखेंद्र पासवान, श्रेयसी सिंह, डॉ. प्रमोद कुमार चंद्रवंशी।
जदयू कोटे से:
विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, विजेंद्र यादव, अशोक चौधरी, लेसी सिंह, मोहम्मद जमा खान, मदन सहनी, डॉ. प्रमोद कुमार।
सहयोगी दलों से:
एलजेपी (पास) के संजय कुमार (पासवान), संजय सिंह; हम के संतोष कुमार सुमन; आरएलएसपी के दीपक प्रकाश।
नई ऊंचाई पर नीतीश का राजनीतिक सफर
नीतीश कुमार ने पहली बार नवंबर 2005 में मुख्यमंत्री पद संभाला था। इसके बाद 2010, 2015 (दो बार), 2017, 2020, 2022 (दो बार) और 2024 में शपथ लेकर उन्होंने अपनी राजनीतिक पकड़ का लोहा मनवाया।
अब 10वीं बार मुख्यमंत्री बनकर वे बिहार के इतिहास में सबसे लंबे समय तक नेतृत्व देने वाले नेताओं की श्रेणी में शामिल हो गए हैं।
एनडीए की प्रचंड जीत के बाद नई सरकार का गठन
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 202 सीटों के साथ भारी बहुमत हासिल कर सरकार बनाई, जबकि महागठबंधन 35 सीटों पर सिमट गया। शपथ ग्रहण समारोह सिर्फ एक औपचारिक शुरुआत नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति में सत्ता समीकरणों के नए दौर का संकेत माना जा रहा है।
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