पीलीभीत । यूपी (UP)के पीलीभीत जिले (Pilibhit District) से भाजपा सांसद फायर बांड नेता वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने एक बार केंद्र व प्रदेश पर निशाना साधा है। वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने हजारों करोड़ रुपये लेकर भागे उद्योगपति का नाम लेकर एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा है। कलीनगर कस्बे में रविवार को जनसभा संबोधित करते हुए सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने कहा कि देश में सामान्य नागरिक को लोन लेने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि लोन लेने से पहले मेज के नीचे चढ़ावा देना पड़ता है। जबकि नीरव मोदी (Nirav Modi) , ललित मोदी (Lalit Modi) जैसे समेत तमाम उद्योगपति हजारों करोड़ रुपये लेकर देश से फरार चल रहे हैं।
पहले नारों में कहा जाता था कि देश नेता कैसा हो नेहरू पटेल जैसा हो? आज कहा जाता है कि जिसके पास सबसे ज्यादा पैसा हो
वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने खुद को ईमानदार नेता बताया है। गांधी और नेहरू का जिक्र कर आज की राजनीतिक पर भी तंज कसा है। उन्होंने कहा कि पहले देश की राजनीति में नेहरू, पटेल और आंबेडकर जैसे नेता होते थे। तब नारा लगाया जाता था कि हमारा नेता कैसा हो, नेहरू पटेल जैसा हो। आज की स्थिति ऐसी हो गई है, नारों में कहा जा रहा है कि नेता कैसा हो? जिसके पास सबसे ज्यादा पैसा हो।
91 विकास कार्यों का किया शिलान्यास
सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को पीलीभीत पहुंचे थे। उन्होंने पहले दिन सांसद निधि के पांच करोड़ के बजट से 91 कार्यों का शिलान्यास किया। जिसमें सीसी रोड, इंटर लॉकिंग, श्मशान शेड, बरातघर आदि कार्यों का होना प्रस्तावित हैं। सांसद वरुण बोले, सांसद निधि समय से पहले खर्च करने का रिकॉर्ड यूपी में पीलीभीत के नाम होगा।
सांसद ने कहा कि वह समझौते की नहीं बल्कि सिद्धांतों की राजनीति करते हैं। वह उस राजनीति का हिस्सा बनेंगे जो अपनी चिंता न कर राष्ट्र की चिंता करें। राजनीति का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। लोगों के मन में अविश्वास पैदा हो रहा है कि राजनीति में लोग लालच में आते हैं, न कि राष्ट्रीय निर्माण के लिए। वरुण बोले, वह नौजवान, महिला, बुजर्ग, किसान आदि की लड़ाई लड़ने के लिए राजनीति में आए हैं। कहा कि पीड़ितों की आवाज उठाने में उनको काफी नुकसान होता है, लेकिन उनको अपने नुकसान की चिंता नहीं है।
बच्चे पेपर देने जाते हैं और पेपर लीक हो जाता है, इसका जिम्मेदार कौन है?
सांसद ने कहा कि बच्चे परीक्षा की तैयारी करते हैं। पेपर देने जाते हैं, लेकिन पेपर लीक हो जाता है। इसका जिम्मेदार कौन है। उद्योगपतियों को आसानी से लोन मिल जाता है, लेकिन आम आदमी को नहीं मिल पता। ऐसा क्यों। आम आदमी अधिकारी या पुलिस से मिलने जाते हैं तो उनको दबकर अपनी बात रखनी होती है। यह तो अंग्रेजों के समय होता था, लेकिन आज भी यह सब हो रहा है।
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