आगरा कॉलेज की एलएलबी की परीक्षाओं में नकल करते रंगे हाथ पकड़े गये नौ छात्र,

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आगरा। जिन्हें कल न्याय की रक्षा करनी है, वे आज परीक्षा में सच्चाई की हत्या करते पकड़े जा रहे हैं। आगरा कॉलेज के विधि संकाय में बुधवार को बीएएलएलबी और एलएलबी की परीक्षाओं के दौरान नकल करते हुए नौ छात्र पकड़े गए, जिससे न केवल परीक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े हुए बल्कि भविष्य के वकीलों की नैतिकता भी कटघरे में आ गई।

डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध आगरा कॉलेज के नोडल परीक्षा केंद्र पर चल रही विधि परीक्षाएं यूं तो कड़ी निगरानी में हो रही थीं। फिर भी, जब प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने तलाशी अभियान चलाया, तो दो अलग-अलग लॉ कॉलेजों के नौ छात्र नकल सामग्री के साथ रंगे हाथों पकड़े गए।

इनमें चार छात्र श्री जगदम्बा कॉलेज ऑफ लॉ और पांच छात्र डॉ. बीपीएस कॉलेज ऑफ लॉ’ से थे। सभी के खिलाफ नियमित कार्रवाई की संस्तुति के साथ रिपोर्ट विश्वविद्यालय को भेज दी गई है।

प्राचार्य प्रो. सी.के. गौतम ने कहा कि हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि परीक्षा की शुचिता और निष्पक्षता से कोई समझौता नहीं होगा। उनके निर्देश पर प्रो. विजय कुमार सिंह और प्रो. रीता निगम के नेतृत्व में प्रॉक्टोरियल बोर्ड लगातार दो पारियों में हो रही परीक्षाओं पर नजर रखे हुए हैं। छात्रों के मोबाइल फोन और बैग अलग कक्ष में जमा कराए जा रहे हैं, जिससे परीक्षा कक्ष में नकल की कोई संभावना न बचे।

नकल से नहीं बनेगा कोई वकील- प्रॉक्टोरियल बोर्ड

प्रो. सिंह और प्रो. निगम ने संयुक्त बयान में कहा कि जो विधि के विद्यार्थी हैं, वे अगर कानून का उल्लंघन करेंगे, तो यह भविष्य की न्याय व्यवस्था के लिए चिंताजनक संकेत है। उन्होंने दो टूक कहा कि किसी भी स्थिति में नकल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जहां एक ओर अदालतें न्याय की उम्मीदों से भरी रहती हैं, वहीं दूसरी ओर उन अदालतों में कल खड़े होने वाले युवा आज गलत साधनों से आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। सवाल यह है कि नकल से पास हुए वकील क्या कभी न्याय के सच्चे प्रतिनिधि बन पाएंगे?

Dr. Bhanu Pratap Singh