कोलकाता: उत्तर बंगाल में लगातार भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। दार्जिलिंग जिले में हुए भूस्खलन और पुल टूटने की घटनाओं में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई है और दो लोग लापता बताए जा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, मिरिक और सुखिया क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण कई स्लोग हताहत हुए हैं। इस हादसे के बाद दार्जिलिंग जिला पुलिस राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। वहीं कालिम्पोंग में स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। लगातार बारिश से कई इलाकों का संपर्क टूट गया है और सड़क यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
PM मोदी ने जनहानि पर जताया दुख
प्रधानमंत्री मोदी ने दार्जिलिंग में पुल ढहने की घटना पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा- दार्जिलिंग में एक पुल दुर्घटना में हुई जान-माल की हानि से अत्यंत दुखी हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति संवेदना। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। हम प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पश्चिम बंगाल में भारी बारिश के कारण दुधिया में लोहे के पूल का एक हिस्सा वह जाने के बाद सिलीगुड़ी दार्जिलिंग एसएच-12 सड़क पर वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है। सबसे बड़ा भूस्खलन मिरिक सुखियापोखरी रोड के पास हुआ, जिसने कई घर बहा दिए और वाहनों की आवाजाही बाधित कर दी। इससे आसपास के कई छोटे गांवों से संपर्क टूट गया।
दार्जिलिंग उप-निबंधक रिचर्ड लेण्या ने कहा कि सात लोगों की मीत की पुष्टि हुई है, जबकि अन्य के फंसे होने की आशंका है। लगातार बारिश के कारण राहत और बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है। स्थानीय लोगों और स्वयंसेवकों की मदद से राहत अभियान चल रहा है। कई घर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
वहीं इस घटना पर भाजपा सांसद राजू बिस्ता ने दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों के कई हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश के कारण हुए भारी नुकसान के बारे में जानकर मुझे बेहद दुख हुआ है। मौतें हुई हैं, संपत्ति का नुकसान हुआ है और बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचा है। मैं स्थिति का जायजा ले रहा हूं और संबंधित अधिकारियों के संपर्क में हु ।
जिले के अधिकारियों के अनुसार, विश्नुलाल गांव, वार्ड 3 लेक साइड और जसबीर गांव सबसे अधिक प्रभावित हुए। इस क्षेत्र से छह लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि एक व्यक्ति चाय बगान में मृत पाया गया।
कई घर और चाय चगान के क्वार्टर मलबे में दब गए हैं। मामले में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारी और लगातार बारिश के कारण प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। ‘भूमि खिसकने और कई घर क्षतिग्रस्त होने की रिपोर्ट हैं। नुकसान का पूरा आकलन अभी नहीं हो पाया है।
उन्होंने यह भी कहा कि मिट्टी और मलबे में राहत कार्य करने के लिए मशीनरी और आपातकालीन वाहन पहुंचाना बेहद कठिन है। अभी तक अनौपचारिक रिपोर्ट्स में मृतकों की संख्या 11 तक पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। बचाव दल मलबे और मिट्टी के भारी परतों को हटाकर और लोगों को बचाने में जुटा है ।
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