SP singh baghel minister

आगरा के सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल बन गए हैं केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री, उनके विभाग की योजनाओं के बारे में पूरी जानकारी

HEALTH

2014 के बाद देश में बदला है स्वास्थ्य सेवाओं का हाल, हर जिले में मेडिकल कॉलेज

कोरोना काल में हर रोज एक करोड़ लोगों को वैक्सीनेशन देकर बनाया स्वास्थ्य विभाग ने रिकॉर्ड

एसएन मेडिकल कॉलेज सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल जल्द और स्वास्थ्य सेवाओं का होगा सुधार

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Agra, Uttar Pradesh, India. आगरा के सांसद केंद्र सरकार में हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री की जिम्मेदारी मिलने के बाद पहली बार आगरा आए प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने अपने विभाग की प्राथमिकताओं से रूबरू कराया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए नए मंत्रालय की जिम्मेदारियों का कर्तव्य पूर्वक निर्वहन करने की बात कही। प्रोफेसर बघेल ने कहा स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर केंद्र सरकार शुरू से गंभीर है समाज के हर तबके को बेहतर और अच्छा इलाज मिल सके मंत्रालय की ओर से इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा आगरा का सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज अपने आप में ऐतिहासिक है यह सिर्फ आगरा में ही बल्कि आसपास के कई जिलों के मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने का काम करता है। एसएन मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की सभी सुविधाएं मिल रही हैं सुविधाओं के विस्तार के लिए मंत्रालय की ओर से जल्द कार्य योजना तैयार की जाएगी।

उन्होंने कहा 2014 के बाद स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर सुधार हुआ है आज हर जिले में लगभग मेडिकल कॉलेज की सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा बड़े शहरों में मिनी एम्स मध्यम  शहरों में पीजीआई और छोटे शहरों तक मेडिकल कॉलेज के रूप में मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने का काम किया जा रहा है।

पत्रकार वार्ता के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कोरोना महामारी के समय विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या होने के बाद भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने हर रोज करीब एक करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन करा कर एक नया कीर्तिमान हासिल किया जिसकी तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की।

उन्होंने कहा पिछले 70 वर्षों में देश में जितने एम्स पीजीआई और मेडिकल कॉलेज नहीं बन सके जितने पिछले नौ व साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बनाने का काम किया है। देशभर में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए वृहद स्तर पर कार्य योजना बनाकर काम किया जा रहा है जिसका लाभ देश के हर राज्य और हर राज्य के जिले से लेकर ग्रामीण अंचल तक की जनता को मिल सकेगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार हर व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए न सिर्फ शहरी क्षेत्र में अस्पतालों का कायाकल्प कराया जा रहा है बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में भी सीएचसी और पीएचसी के लिए केंद्र सरकार द्वारा 16 लाख से ज्यादा की धनराशि अवमुक्त कर उनका कायाकल्प किया जा रहा है। उन्होंने कहा पिछले 70 वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं में जो सुधार नहीं हो सका वह पिछले 9 वर्ष में हुआ है स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित 102 और 108 हेल्पलाइन नंबर पर प्रसूताओं की मदद रोगियों को अस्पताल तक पहुंचाना और उन्हें समुचित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराना बेहद आसान हुआ है। इस मौके पर उन्होंने सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा इलाज के अभाव में किसी की जान ना जाए इस तरह की व्यवस्था क्रियाशील की जा रही है।

SP singh baghel
पत्रकारों से बातचीत करते प्रो. एसपी सिंह बघेल। साथ में हैं बाएं से नवीन गौतम, गौरव शर्मा, हेमंत भोजवानी।

केन्द्रीय स्वास्थ्य विभाग 18 प्रकार की स्वास्थ्य योजनाएं चला रहा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह की ओर से प्रेसवार्ता के बाद दिए गए एक नोट से यह जानकारी मिली है। इन योजनाओं के बारे में हर किसी को पता होना चाहिए। अगर इन योजनाओं के बारे में हर किसी को पता हो तो निजी डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इन योजनाओं के बारे में जानना भी जरूरी है-

आयुष्मान भारत

वर्ष 2018 में शुरू हुए आयुष्मान भारत के माध्यम से, स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी के चुनिंदा क्षेत्रों तक सीमित दृष्टिकोण से हटकर स्वास्थ्य परिचय सेवाओं की व्यापक श्रंखलाबद्ध प्रदायगी सुनारत करने की मिसाल पेश की गई है।

इस योजना का उददेश्य प्राथमिक, माध्यम और विशिष्ट स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल की निरंतरता के दृष्टिकोण को अपनाते हुए समग्र रूप से स्वास्थ्य को करना, रोकथाम, प्रोत्साहन और अम्बूलेटरी देखभाल को शामिल करना है।

इस योजना के दो घटक हैं (1) उप स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन कर 1,50,000 आयुष्मान भारत हेल्थ एण्ड वेलनेस्स सेंटर का सृजन करना, और (2) आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, जिसके तहत सामाजिक आर्थिक जनगणना के आंकड़ों के आधार पर चिह्नित किए गए लगभग 10.74 करोड़ निर्धन और कमजोर परिवारों अर्थात लगभग 50 करोड़ व्यक्तियों को प्रति वर्ष प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करना है।

दिसंबर 2022 तक 1 लाख 54 हजार से अधिक HWC को प्रचालनरत किया गया है, जबकि टारगेट डेढ़ लाख था।

आयुष्मान भारत के

लाभार्थी 22.68 करोड़

अस्पताल 28,261

निःशुल्क इलाज पाने वाले 5.19 करोड़

उपलब्ध कराई गई राशि 58,845 करोड़

राष्ट्रीय एम्बुलेंस सेवा (National Ambulance Service):

देश के 34 राज्यों और UTS में लोग एम्बुलेंस के लिए 102 अथवा 108 डायल कर सकते हैं।

Dial 108 आपात अनुक्रिया प्रणाली है जो गंभीर स्वास्थ्य परिचर्या, अभिघात रोगियों, दुर्घटना पीड़ितों आदि के परिवहन के लिए बनाई गई है।

Dial 102 – यह परमुखतः वह रोगी परिवहन सेवा है, जिसका उपयोग गर्भवती महिलाओं, रुग्ण बच्चों तथा अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता वाले रोगियों के लिए किया जा रहा है।

राष्ट्रीय मोबाईल चिकित्सा एकक (नेशनल मोबाईल मेडिकल यूनिट – NMMU)

गत वर्ष तक States / UTs के पास पंद्रह सौ से अधिक मोबाइल चिकित्सा इकाइयां हैं, जिनमें नोशनल रूरल हेल्थ मिशन और नेशनल अर्बन हेल्थ मिशन के तहत मोबाइल चिकित्सा इकाइयां, मोबाइल स्वास्थ्य इकाइया मोबाइल चिकित्सा / स्वास्थ्य वाहन, नाव क्लिनिक, नेत्र वाहन, मोबाइल नेत्र चिकित्सा इकाइयां, दंत चिकित्सा वाहन, आदि शामिल हैं।

निःशुल्क औषधि सेवा पहल

नेशनल हेल्थ मिशन के तहत सरकारी सुविधा केन्द्रों में आनेवाले रोगियों के लिए अनिवार्य औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने निःशुल्क औषधि सेवा पहल (Free Drug Service Initiative – FDSI) की शुरुआत की है।

इस पहल के तहत States / UTS में जन स्वास्थ्य सुविधाकेन्द्रों में अनिवार्य औषधियों का निःशुल्क प्रावधान करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।

सरकारी स्वास्थ्य परिचर्या सुविधाकेन्द्रों में उपलब्ध कराई जाने वाली अनिवार्य औषधियों की सूची, सुविधा केन्द्र व उप स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पताल तक रखने की सिफारिश की है।

Free Diagnostic Service Initiative

राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 के द्वारा मान्य किया गया।

इस संबंध में राज्यों को दिशानिर्देश जारी किए गए जो राज्यों को उनके सरकारी सुविधाकेन्द्रों में Free Diagnostic Service जैसे lab services और radiology services प्रदान करने में मदद करते हैं।

गत वर्ष तक 33 राज्यों और UTS में ये प्रयोगशाला सेवाएं कार्यान्वित की गई।

वर्ष 2021-2022 में रु 1546.88 करोड़ और वर्ष 2022-23 में रु 1962.65 करोड़ का अनुमोदन किया गया था।

Accredited Social Health Workers (ASHA Workers)

आशा कार्यक्रम नैशनल हेल्थ मिशन की सामुदायिक प्रक्रियाओं में प्रमुख है।

गत वर्ष की स्थिति के अनुसार, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में देश भर मे 10.52 लाख आशाकमी है जो समुदाय और जन स्वास्थ्य प्रणाली के बीच एक. कड़ी का काम करते हैं।

कोविड महामारी के दौरान इनके द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए सरकार द्वारा प्रोत्साहन के रूप में कई कदम उठाए गये हैं, जैसे कि आर्थिक मदद देना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के अन्तर्गत बीमा योजना में शामिल कराना, इत्यादि।

 

मेरा अस्पताल

SP singh baghel agra
पं. दीनदयाल उपाध्याय  के चरणों में पुष्पांजलि के बाद अन्य नेताओं के साथ प्रो, एसपी सिंह बघेल।

वर्ष 2016 में शुरु किया गया hospital feedback system है।

इस प्रणाली को CHC, ग्रामीण और शहरी PHC तथा निजी मेडिकल कॉलेजों तक बढ़ा दिया गया है।

गत वर्ष तक 11,484 सुविधाकेन्द्रों को मेरा अस्पताल पोर्टल में एकीकृत किया गया है।

स्वच्छ स्वस्थ सर्वत्र (SSS)

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय एवं पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय की एक संयुक्त पहल।

बेहतर स्वच्छता और स्वस्थ जीवनशैली के बारे में अधिक जागरूकता के माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त करने के लिए दिसंबर 2016 में शुरू की गई।

जिन CHCs को कायाकल्प अवॉर्ड नहीं मिला है, उन्हें 10 लाख रुपये का एकमुश्त अनुदान दिया जाता है जिससे वे कायाकल्प मूल्यांकन में प्राप्त कमियों को दूर कर सकें और आने वाले समय में अवार्ड के पात्र हों।

नैशनल हेल्थ मिशन प्रणाली के तहत 374 PHCs को यह सहायता प्रदान की गई है।

  • कायाकल्प

स्वच्छ भारत अभियान के तहत 15 मई 2015 के शुरू किया गया।

वर्ष 2015 – 2016 में मात्र जिला अस्पतालों को शामिल करते हुए। धीमी गति से शुरू हुआ।

तीन वर्षों की अल्पावधि के भीतर CHC, PHC, UPHC, UCHC और HWC भी शामिल हो गए।

वित्तवर्ष 2015-16 में 100 सुविधकेन्द्रॉ

वित्तवर्ष 2021-22 में 13,825 सुविधाकेन्द्र

प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम (PMNDP)

नेशनल हेल्थ मिशन के तहत PPP मोड में सभी जिला अस्पतालों में सहायता के लिए वर्ष 2016-17 के दौरान जीर्ण गुर्दा रोग के लिए यह कार्यक्रम शुरू किया गया था।

इस कार्यक्रम के तहत होमोडायलिसिस सेवाएं प्रदान की जाती हैं।

कुल 36 राज्यों और UTs में 633 जिलों में 1342 केंद्रों पर 8704 होमोडायलिसिस मशीनें परिनियोजित कर लागू किया गया है। कुल 16.89 लाख रोगियों ने इन सेवाओं का लाभ उठाया और गत वर्ष तक 1.84 करोड़ होमोडायलिसिस सत्र आयोजित किए गए।

वर्ष 2020 के बाद से पेरीटोनियल डायलिसिस को भी शामिल किया गया।

सकुशल (Safety and Quality Self Assessment tool for Health Facilities – SaQushal)

नेशनल हेल्थ मिशन के अन्तर्गत स्वास्थ्य सुविधाओं की सुरक्षा एवं गुणवत्ता का मूल्यांकन करने हेतु 16 दिसंबर 2022 को इस मूल्यांकन उपकरण का शुभारंभ किया गया।

प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (PM- ABHIM)

सार्वजनिक स्वास्थ्य इन्फ्रस्ट्रक्चर को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और किसी भी भावी महामारी और प्रकोप से निपटने के लिए वर्ष 2021-22 के बजट में इस मिशन की घोषणा की गई थी।

इसका उद्देश्य शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में फैले स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे निगरानी और स्वास्थ्य अनुसंधान में भारी खामियों को दूर करना है ताकि समुदायों को इस तरह की महामारी या स्वास्थ्य संकटों के प्रबंधन में आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

इस योजना के तहत 5 लाख से अधिक आबादी वाले जिलों में 602 critical care hospital block का विकास ऐसे जिलों का अन्य आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान के बिना काफी हद तक रोगों के व्यापक उपचार प्रदान करने में आत्मनिर्भर बनाएगा और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में गहन देखभाल क्षमताओं को भी बढ़ाएगा।

जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम

गर्भवती महिलाओं और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाकेंद्रों में आने वाले बीमार शिशुओं के लिए जेब से होने वाले खर्चे को समाप्त करना।

यह योजना सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव कराने वाली सभी गर्भवती महिलाओं को सीसेरियन सेक्शन सहित बिल्कुल मुफ्त और बिना किसी खर्चे के प्रसव कराने का अधिकार देती है।

लाभार्थी

2021-22 में 1.52 करोड़

2022-23 (नवंबर तक) 99.23 लाख

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान

उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान और प्रबंधन के महत्व को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2016 में PMSMA शुरू किया गया था।

सरकारी स्वास्थ्य सुविधाकेन्द्रों में प्रत्येक माह 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं को स्त्री रोग विशेषज्ञों द्वारा सुनिश्चित व्यापक और गुणवतापरक प्रसव पूर्व परिचर्या प्रदान की जाती है।

सुमन (सुरक्षित मातृत्व आश्वासन)

निवार्य मातृ और नवजात शिशु मृत्यु को समाप्त करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा केंद्र में जाने वाली प्रत्येक महिला और नवजात शिशु को निःशुल्क और आश्वस्त, सम्मानजनक, गरिमापूर्ण और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए लक्षित है।

जननी सुरक्षा योजना

संस्थागत प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं को नकद प्रोत्साहन माध्यम से प्रदान किया जाता है।

यह योजना गर्भवती महिलाओं के बीच संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के द्वारा मातृ एवं नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य के साथ लागू की जा रही है।

राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम

किशोर जनसंख्या का व्यापक विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वर्ष 2014 में इस कार्यक्रम का आरंभ किया गया।

मिशन इंद्रधनुष

पूर्ण टीकाकरण की दर को बढ़ाने के लिए दिसंबर 2014 में शुरू की गई।

पूर्ण टीकाकरण और नियमित टीकाकरण के कम से कम 90% तक करना इस मिशन का उद्देश्य है।

ये रहे उपस्थित

इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी के महानगर अध्यक्ष भानु महाजन, हेमंत भोजवानी, दिगंबर धाकरे, नवीन गौतम, पार्षद गौरव शर्मा,   गौरव राजावत,  शैलू पंडित, संजय शर्मा, महानगर मीडिया प्रभारी सुनील करमचंदानी, रोहित कत्याल सहित पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।

Dr. Bhanu Pratap Singh