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Motivational Story आयुषी की आँख बन गए ‘जैन बंधु’, पढ़िए आगरा से दिल्ली तक की प्रेरक कहानी

PRESS RELEASE REGIONAL लेख

नौ साल की बच्ची के नेत्र में घुस गई थी नुकीली लकड़ी

अपने वाहन से AIIMS भेजा ऑपरेशन कराया, रोशनी आई

Agra, Uttar Pradesh, India. आज हम आपको Motivational Story बताते हैं। यह कहानी है जैन बंधुओं की। इनके पास किसी पीड़ित का फोन आ जाए, बस सक्रिय हो जाते हैं। अपने संबंधों का उपयोग परपीड़ा हरने में करते हैं। ईश्वर ने उन्हें पर्याप्त संसाधन दिए हैं और इनका यथासंभव उपयोग सेवा में करते हैं। किसी से कोई चंदाखोरी नहीं करते हैं। इन जैन बंधुओं ने हाल ही में एक बच्ची की आँख को बचाया है। उसकी आँख दो हिस्सों में फट गई थी। तात्कालिक तौर पर ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स), नई दिल्ली (All India Institute Of Medical Sciences, New Delhi) भेजा। चिकित्सकों ने चमत्कारिक ऑपरेशन (Eye operation) किया। आँख की रोशनी वापस आ गई है। एक-दो दिन में बच्ची अपने घर आ जाएगी।

चार दिन पूर्व मारुति एस्टेट निवासी सोनम तिवारी की 9 वर्षीय पुत्री आयुषी तिवारी घर में खेल रही थी। अचानक ही वह गिर पड़ी। जहां गिरी वहां लकड़ी का नुकीला टुकड़ा था जो आँख में समा गया। एक आंख दो हिस्सों में विभाजित हो गई। उसका पिता अपनी मां की देखभाल के लिए इटावा (Etawah) गया हुआ था। बच्ची की आँख से खून बहने लगा। सोनम अपनी बच्ची को लेकर डॉ. अशोक पचौरी के क्लीनिक पहुंची। उन्होंने कहा कि आँख पूरी तरह फट चुकी है, यहां इलाज संभव नहीं है। इस बीच आयुषी के पिता ने आगरा विकास मंच के अध्यक्ष राजकुमार जैन (Agra vikas manch president Rajkumar jain) और संयोजक सुनील कुमार जैन (Sunil kumar jain) से संपर्क किया। गरीबी हालत का हवाला देते हुए मदद की गुहार लगाई। इसके बाद जो कुछ हुआ, वह जानने लायक है।

जैन बंधुओं ने आयुषी को एसएन मेडिकल कॉलेज  (SN Medical College, Agra) के नेत्र विभाग की डॉक्टर शेफाली मजूमदार (Dr Shefali majumdar) के पास भेजा। डॉ. मजूमदार ने परीक्षण के बाद कहा कि इसका एसएन मेडिकल कॉलेज तो क्या आगरा में भी कहीं पर कुछ नहीं हो सकता है। यदि संभव हो तो इसे एम्स के राजेंद्र प्रसाद नेत्र विभाग में तत्काल भिजवाएं। वहां आँख ठीक होने की उम्मीद है। 25 नवम्बर की शाम को आगरा विकास मंच ने आयुषी को अपने वाहन से एम्स भिजवाया। संबंधों के आधार पर आय़ुषी को भर्ती कराया। परिवार के रहने की व्यवस्था कराई। चिकित्सकों ने रात्रि में 11 बजे आँख का ऑपरेशन किया जो साढ़े पांच घंटा चला। आज सुबह जब समाचार आया कि बच्ची की आँख की 70 फीसदी रोशनी वापस आ गई है तो खुशी का पारावार न रहा। इस नेक काम में डॉ. सर्वेश टंडन का खासा योगदान रहा।

मंच के डॉ. मनीष शर्मा, डॉ. विनय अग्रवाल, डॉ. ज्ञान प्रकाश, डॉ. बीके अग्रवाल, डॉ. सुनील शर्मा, डॉ. अरुण जैन, डॉ. रमेश धमीजा, डॉ. विजय कत्याल, डॉ. रवि सभरवाल, अरविन्द शर्मा गुड्डू, महामंत्री सुशील जैन, मंच प्रवक्ता संदेश जैन, ध्रुव जैन, राकेश जैन, सीए अरुण अग्रवाल, विजय सेतिया, निखिल जैन, विमल जैन, आरसी दीक्षित आदि ने एम्स के चिकित्सकों का आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा है कि आगरा विकास मंच इस तरह के सेवा कार्य करता रहता है और करता रहेगा।

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Dr. Bhanu Pratap Singh