Aligarh (Uttar Pradesh, India) । मंगलायतन विश्वविद्यालय तथा हिमालयन विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में “रिसर्च एंड पब्लिकेशन एथिक्स” विषय पर वेबिनार/एफडीपी का आयोजन हुआ। वेबिनार की शुरुआत करते हुए हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एच.एस. शर्मा ने अखंडता और नैतिक मूल्यों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नैतिकता पहले आती है, और यह हमारी संस्कृति में है कि हमें इस पर चलना होगा।
प्रकाशन नैतिकता को समझाया
चितकारा यूनिवर्सिटी के डीन रिसर्च, डॉ. अमित मित्तल ने प्रिडेटरी पब्लिकेशन, प्रेडेटरी कॉन्फ्रेंस, यूजीसी केयर / स्कोपस के बारे में बताया साथ ही उन्होंने प्रकाशन संबंधी नीति संबंधी समिति के दिशा-निर्देशों को विस्तार से बताया। रेक्टर ब्लू क्रेस्ट कॉलेज फ्रीटाउन सिएरा लियोन से डॉ. शैलेश कुमार ने अफ्रीका के संदर्भ में नैतिक मुद्दों पर लिखित रूप से चर्चा की। आईसीएसएसआर पंजाब यूनिवर्सिटी के पोस्ट डॉक्टरल, डॉ. प्रभजोत कौर ने केस स्टडी के माध्यम से प्रकाशन नैतिकता को समझाया।
प्रश्न-उत्तर दौर आयोजित
मंविवि के मानविकी संकाय के डीन प्रो. जयंती लाल जैन ने बताया कि समाज के नैतिक मूल्य शोध में नैतिक मानकों को तय करेंगे। उन्होंने कहा कि एट्रिब्यूशन और उद्धरण महत्वपूर्ण है। साथ ही कॉपीराइट की अवधि समाप्त हो सकती है, लेकिन नैतिक अधिकार को जिम्मेदार ठहराया जाना कभी समाप्त नहीं होगा। डॉ. धीरज गर्ग ने डेटा की सुरक्षा से संबंधित तकनीकी समस्या का वर्णन किया। सत्र के अंत में प्रश्न और उत्तर का दौर आयोजित किया गया। संयोजक हिमालयन विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विवेक मित्तल ने आभार व्यक्त किया।
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