Birthday पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन्मकुंडली का सूक्ष्म विवेचन, I.N.D.I.A. को चिंतित हो जाना चाहिए

PRESS RELEASE

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भारत के नास्त्रेदमस के नाम से विख्यात वैदिक सूत्रम चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम पिछले कई वर्षों से पूरे विश्व में यशस्वी भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी की जन्मकुंडली का 17 सितम्बर को उनके जन्मदिवस से पूर्व कई बार उनकी जन्मकुंडली में स्थित प्रमुख राजयोगों का ज्योतिषीय विश्लेषण कर चुके हैं, जो कि पिछले कई वर्षों से राष्ट्रीय समाचार पत्रों में प्रकाशित होती रही हैं, क्योंकि मोदीजी की उपलब्ध जन्मतिथि 17 सितम्बर 1950, जन्मस्थान मेहसाणा गुजरात के अनुसार उनकी जन्मकुंडली बहुत सारे शुभ योगों से सुसज्जित है।

मोदीजी की जन्मकुंडली में, गजकेसरी योग, मूसल योग, केदार योग, रूचक योग,भेरी योग, चंद्र-मंगल की युति से बनने वाला प्रबल महालक्ष्मी योग, नीचभंग राजयोग, अमर योग, कालह योग, शंख योग तथा वरिष्ठ योग। इन शुभ ग्रहों के प्रभाव के चलते ही नरेंद्र मोदी को देश के प्रधानमंत्री अर्थात देश के सबसे उच्च पद पर पहुंचने का मौका मिला। देश के दो बार प्रधानमंत्री पद पर पहुचानें में प्रमुख योगदान उनकी जन्मकुंडली में स्थित मंगल और चन्द्रमा की एकसाथ युति से बनने वाले महालक्ष्मी योग का रहा।

एस्ट्रोलॉजर पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि वर्ष 2023 में 14 मई से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पर मंगल की महादशा में देवगुरू ब्रहस्पति ग्रह की अंतरदशा अवधि आरम्भ हो गयी है जो कि 20 अप्रैल 2024 तक चलेगी, मोदीजी की जन्मकुंडली में देवगुरू ब्रहस्पति वृशिक राशि के चन्द्र लग्न से गजकेसरी नामक राजयोग बना रहा है, जो कि मोदीजी को अप्रैल 2024 तक एक दिव्य कृपा प्रदान करेगा इस दौरान लोकसभा चुनावों का दौर भी होगा जो कि विपक्षी गठबंधन इंडिया में चिंता की लकीरों को खींचने वाला साबित हो सकता है।

वैदिक सूत्रम चेयरमैन एस्ट्रोलॉजर पंडित गौतम ने बताया कि वैदिक हिन्दू ज्योतिष के अनुसार जन्म-कुंडली में कई प्रकार के योग होते हैं, जैसे पंच-महापुरुष योग, पाराशरी राजयोग, नीचभंग राजयोग, महालक्ष्मी योग, धनयोग आदि। इन्हीं में से एक प्रमुख राजयोग होता है गजकेसरी योग, राजनीतिक क्षेत्र में सर्वोच्च शिखर पर पहुँचने के लिए जन्मकुंडली में गजकेसरी नामक राजयोग का होना अति आवश्यक होता है, विधायक, सांसद तो विभिन्न राजनैतिक दलों में तो होते ही हैं, लेकिन मंत्री, मुख्यमंत्री एवम प्रधानमंत्री जैसी उच्च पदवी गजकेसरी नामक राजयोग के कारण आसानी से हासिल हो जाती है, इसके अलावा और भी राजयोग होते हैं जिनके होने से उपरोक्त महत्वपूर्ण उच्च पद आसानी से प्राप्त हो जाते हैं, वर्तमान में पूरे विश्व में यशस्वी भारत के प्रधानमंत्री आदरणीय मोदीजी की जन्मकुंडली में मंगल+चन्द्रमा ग्रह की एकसाथ युति से बनने वाला महालक्ष्मी नामक राजयोग है।

इस राजयोग के फलस्वरूप मोदीजी को गुजरात के मुख्यमंत्री से लेकर देश के प्रधानमंत्री पद तक पहुँचने का अवसर महालक्ष्मी नामक राजयोग ने प्रदान किया है, राजयोगों का हमारे जीवन में उसका समुचित फल तभी प्राप्त होता है जब उसकी महादशा अवधि हमारे जीवन में आये, मोदीजी की जन्मकुंडली में मंगल+चन्द्रमा की एक साथ युति के कारण महालक्ष्मी नामक प्रबल राजयोग बना लेकिन नवंबर माह वर्ष 2011 से मोदीजी की जन्मकुंडली में 10 वर्ष की चन्द्रमा ग्रह की महादशा अवधि आरम्भ हुई, राजयोगकारक चन्द्रमा ग्रह की महादशा के फलस्वरूप उन्हें वर्ष 2014 में स्पष्ट बहुमत एवम जनादेश के साथ देश का सर्वोच्च प्रधानमंत्री पद महालक्ष्मी नामक राजयोग के कारण प्राप्त हो गया और वर्ष 2019 में पुनः स्पष्ट जनादेश के साथ दूसरी बार भी देश का सर्वोच्च पद प्राप्त हुआ क्योंकि उनकी चन्द्रमा की महादश अवधि नवंबर 2011 से लेकर नवम्बर 2021 तक चली। मोदीजी की कुंडली में भी गजकेसरी योग गुरु और चन्द्र ग्रह के एक दूसरे से केन्द्र में स्थित होने के कारण बना हुआ है, गुरु ग्रह पर पाप ग्रहों का प्रभाव भी नहीं है, इसलिए मोदीजी का गजकेसरी योग ताकतवर है। और वर्तमान में 14 मई 2023 से मोदीजी की जन्मकुंडली में स्थित ताकतवर गजकेसरी नामक महा-राजयोग की सूक्ष्म अवधि 20 अप्रैल 2024 तक रहेगी।

एस्ट्रोलॉजर पंडित गौतम ने जन्म कुंडली में बनने वाले गजकेसरी योग के सन्दर्भ में बताते हुए कहा कि गजकेसरी राजयोग के सन्दर्भ में हम यह समझ सकते हैं कि यदि किसी जातक की जन्मपत्रिका में गुरु और चन्द्र ग्रह की एक साथ युति या गुरु और चन्द्र ग्रह एक दूसरे से केन्द्र में स्थित हों तब गजकेसरी नामक योग बनता है,और यदि यह दोनों ग्रह किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में यदि किसी क्रूर ग्रह से संबंध नहीं रखते हों तो जन्मकुंडली में गजकेसरी नामक प्रबल राजयोग बनता है, अर्थात इन दोनों ग्रहों पर कोई पाप ग्रह या क्रूर ग्रह का प्रभाव ना हो तो गजकेसरी योग की शुभता में कई गुना वृद्धि हो जाती है।

वैदिक सूत्रम चेयरमैन पंडित प्रमोद गौतम ने बताया कि वैदिक हिन्दू फलित ज्योतिष के अनुसार गजकेसरी योग के बनने से व्यक्ति के जीवन में कभी भी धन-सम्पदा, स्त्री सुख, सन्तान सुख, घर, वाहन, पद-प्रतिष्ठा, सेवक आदि में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आती है। वह जीवन पर्यंत सुख-समृद्धि युक्त रहता है और वह सफलता के शिखर को छूता है और वह उच्च पद प्राप्त करता है। इस योग को अत्यंत शुभ वैदिक हिन्दू ज्योतिष के अनुसार माना जाता है।

Dr. Bhanu Pratap Singh