mahavir jayanti celebration

Mahavir Jayanti महापुरुषों की नजर में भगवान महावीर

NATIONAL PRESS RELEASE RELIGION/ CULTURE

भगवान महावीर का जन्म करीब ढाई हजार साल पहले (ईसा से 599 वर्ष पूर्व), वैशाली के गणतंत्र राज्य क्षत्रिय कुण्डलपुर में हुआ था। तीस वर्ष की आयु में महावीर ने संसार से विरक्त होकर राज वैभव त्याग दिया और संन्यास धारण कर आत्मकल्याण के पथ पर निकल गए। आइए जानते हैं भगवान महावीर के बारे में महापुरुषों के विचार।

भगवान महावीर अहिंसा के अवतार थे, उनकी पवित्रता ने संसार को जीत लिया था, महावीर स्वामी का नाम यदि किसी सिद्धांत के लिए पूजा जाता हैं तो वह हैं अहिंसा। अहिंसा तत्व को यदि किसी ने अधिक विकसित किया तो वे महावीर स्वामी ही थे।

– महात्मा गांधी

मैं अपने को धन्य मानता हूँ कि मुझे महावीर स्वामी के प्रदेश में रहने का सौभाग्य मिला। अहिंसा जैनों की विशेष सम्पति हैं। जगत में किसी भी धर्म में अहिंसा सिद्धांत का प्रतिपादन इतनी सफलता से नही हैं।

-डॉ राजेन्द्र प्रसाद

यदि मानवता को विनाश से बचाना हैं और कल्याण मार्ग पर चलना हैं तो भगवान महावीर के बताए हुए मार्ग को ग्रहण किए बिना कोई रास्ता नही हैं।

 – डॉ राधाकृष्णन

भगवान महावीर के सन्देश किसी खास कौम या फिरके के लिए नही हैं बल्कि समस्त संसार के लिए हैं। अगर दुनिया महावीर स्वामी के उपदेश के अनुसार चले तो वह अपने जीवन को आदर्श बना सकती है।

– चक्रवर्ती राजगोपालाचारी

महावीर स्वामी ने भारत में ऐसा सन्देश फैलाया कि धर्म केवल सामाजिक रूढ़ियों के पालन करने में ही नहीं किन्तु सत्य धर्म का आश्रय लेने में मिलता हैं। धर्म में मनुष्य के प्रति कोई स्थायी भेदभाव नहीं रह सकता।

– विश्व कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर

भगवान महावीर की तरह अगर हम अपने दोषों और कमजोरियों को दूर कर लें तो सारा संसार खुद-ब-खुद सुधर जाएगा।

 – लालबहादुर शास्त्री (पूर्व  प्रधानमन्त्री)

भगवान महावीर के सिद्धांत महान हैं, और उन सिद्धांतों का मूल आधार अहिंसा और सत्य हैं। गांधीजी ने अहिंसा और सत्य के जिन सिद्धांतों को लेकर जीवन भर कार्य किया हैं वो सिद्धांत भगवान महावीर की मुख्य धरोहर हैं, महावीर स्वामी ने अहिंसा के कारण ही सब को प्रेरणा दी थी।

 -गोविन्द वल्लभ पंत

भगवान महावीर समस्त प्राणियों के कल्याण करने वाले महापुरुष हैं।

 -लाला लाजपतराय

भगवान महावीर एक महान तपस्वी थे।

-पुरुषोत्तम दास टण्डन

महावीर स्वामी ने जन्म-मरण की परम्परा पर विजय प्राप्त की थी, उनकी शिक्षा विश्व मानव कल्याण के लिए थी, अगर उनकी शिक्षा संकीर्ण होती तो जैन धर्म अरब आदि देशों में नही पहुंच पाता।

– आचार्य नरेन्द्र देव

यदि भगवान महावीर ने अहिंसा का सन्देश नहीं दिया होता तो आज भारत में अहिंसा का नाम नहीं लिया जाता।

 -प्रो धर्मानंद जी कोशेवी

भगवान महावीर ने दुनिया को सच्चा सुख और शांति देने वाले अहिंसा धर्म की शिक्षा  दी हैं,पश्चिमी देशों के लोग अहिंसा में विश्वास नहीं रखते। यही कारण हैं कि वहां लड़ाई के बादल उठते रहते हैं।

-नारायण स्वामी

महावीर ने शब्दों में नहीं अपितु रचनात्मक जीवन में एक महान आंदोलन किया। वह आंदोलन जो नवीन एंव सम्पूर्ण जीवन में सुख पाने के लिए नव आशा का स्त्रोत था, जिसे कि हम यहां धर्म कह रहे हैं।

 – श्रीमती आइस डेविड्स, डीलिट, एमए ( विदेशी दार्शनिक)

भगवान महावीर अलौकिक पुरुष थे। वे तपस्वियों में आदर्श, विचारकों में महान, आत्म विश्वास में अग्रसर दर्शनकर और सभी विद्याओं में पारंगत थे। उन्होंने अपनी तपस्या के बल पर उन विद्याओं को रचनात्मक रूप देकर जन समूह के समक्ष उपस्थित किया था।

 – डॉ अर्नेस्ट लाय मैन,जर्मनी  (विदेशी दार्शनिक)