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माधुरी शर्मा को यूं ही ‘बृज कोकिला’ नहीं कहा जाता, लोकगायकी से सबको सम्मोहित कर देती हैं

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दीनदयाल धाम में ब्रज के पारंपरिक रसिया और बधाई गीत की बृज भाषा में प्रस्तुति

डॉ. भानु प्रताप सिंह

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Mathura, Uttar Pradesh, Bharat, India. बृज भाषा का माधुर्य सर्वविदित है। बृज भाषा सबको सम्मोहित कर देती है। बृज भाषा में गाली भी बड़ी प्यारी लगती है। तभी तो विवाह के समय जब बाराती भोजन करते हैं तो घराती महिलाएं गाली गाती हैं। बाराती इन गालियों का जमकर आनंद लेते हैं। बृज भाषा की समृद्ध परंपरा का पालन कर रही हैं लोकगायिका श्रीमती माधुरी शर्मा। बृज के रसिया, छंद, कवित्ता, दोहा आदि जब मंच से सुनाती हैं तो श्रोता सुनते रह जाते हैं। मंच पर वे सिर्फ बृज भाषा में बात करती हैं।

 

सुनना शुरू कीजिए तो बस सुनते रहिए

मैंने उन्हें प्रथम बार पं. दीनदयाल उपाध्याय स्मृति महोत्सव मेला, फरह के चार दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन 12 सितंबर, 2023 को मुख्य पंडाल में सुना। उनकी स्वर इतना सुरीला है कि कदम रुक ही जाते हैं। एक बार सुनना शुरू कीजिए तो बस सुनते रहिए। राधे-राधे कहते रहिए। बृज की धरती पर बृज भाषा में प्रस्तुति सुनकर मन रोमांचित हो गया। पता चला कि श्रीमती माधुरी शर्मा “ब्रज कोकिला” के नाम से भी प्रसिद्ध हैं।

 

जै जै गोवेर्धन महाराज

ब्रज के रसिया… बांके बिहारी की बांकी मरोर, राधा सब सारन कौ सार, तथा बधाई.. गोकुल नगरिया जाऊंगी और अंत में  गिर्राज महाराज के रसिया… जै जै गोवेर्धन महाराज से समापन किया। छंद, कवित्त, सवैया भी सुनाए। पंडाल में भारी संख्या में उपस्थित श्रोताओं ने कार्यक्रम का भरपूर आनंद लिया।

 

संगत देने वाले कलाकार

हारमोनियम पर रमेश नागर, बांसुरी पर मोहन श्याम, की बोर्ड पर मेघश्याम, ढोलक पर नितिन नागर,  नगाड़ा पर छिद्दालाल, झांझ, मंजीरा (साइड रिदम) पर सत्यनारायण ने संगत दी। सह गायन श्री किशन व ब्रजबाला ने किया।

 

मंच पर मिला सम्मान

कार्यक्रम के प्रारम्भ में उपस्थित प्रशासनिक और मेला समिति के अधिकारियों ने उन्हें पटका ओढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मनित किया। सम्मान करने वालों में समिति के अध्यक्ष एड. सोहनलाल शर्माजी, समिति के मंत्री मनीष अग्रवाल, लखनऊ संस्कृति विभाग से पधारे कमलेश पाठक, निदेशक महेश दीक्षित रहे।

 

माधुरी शर्मा के बारे में

माधुरी शर्मा आकाशवाणी की टॉप ग्रेड की कलाकार हैं। मथुरा में गोविन्द नगर की निवासी हैं। आपको ब्रज का लोकसंगीत विरासत में मिला है। 46 वर्षों से आप ब्रज लोक गायन की मंचीय प्रस्तुतियों से देश विदेश में ब्रजभाषा और ब्रज लोकसंगीत का प्रचार प्रसार कर रही हैं। देश के विभिन्न प्रांतों में आकाशवाणी के प्रादेशिक संगीत में आपके लोकगीत प्रसारित होते रहते हैं। आप ब्रज क्षेत्र की पहली लोक कालाकार हैं, जिन्होंने विदेश में अपनी प्रस्तुति दी। 1991 में मलेशिया की राजधानी क़्वालालंपुर में “वर्ड सांग फेस्टिवल” में प्रस्तुति देकर भारत का प्रतिनिधित्व किया। 1994 में कनाडा में कॉमन वेल्थ गेम्स के अवसर पर आपकी कई जगह प्रस्तुति हुईं। सीबीसी रेडियो में एक कंन्सर्ट में भी भाग लिया। वस्तव में माधुरी शर्मा ब्रज की निधि और ब्रज का गौरव हैं।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh