Mathura (Uttar Pradesh, India)। मथुरा, वृन्दावन। धर्म और आस्था की नगरी वृन्दावन में विजयलक्ष्मी दुबे नाम की 45 वर्षीया इस महिला के साथ जो हुआ वह आपको भी जानना चाहिए। दो वर्ष पहले शांति से भक्ति की राह में अन्तिम समय काटने के उद्देश्य से वृन्दावन आई यह महिला आज दरदर की ठोकरें खा रही है। इस महिला के पति का स्वर्गवास हो चुका है और बच्चे भी नहीं हैं और इसकी कोई सुध लेने वाला भी इस दुनिया में नहीं है।
डरा धमका कर इसकी जमीन खरीद ली और इसे ना तो उचित दाम मिले औऱ न ही पूरे पैसे मिले
दो वर्ष पहले शांति से भक्ति में लीन होकर जीवन काटने के उद्देश्य से वृन्दावन आ गई थी। थोड़ी सी जमीन भी खरीद कर दो कमरे बनबा लिए पर वृन्दावन जैसे धार्मिक नगरी में भी दबंगों ने इसे डरा धमका कर इसकी जमीन खरीद ली और इसे ना तो उचित दाम मिले औऱ न ही पूरे पैसे मिले। डरके मारे इससे वह स्थान भी छोड़ दिया और वृन्दावन के पानी घाट पर एक किराए के मकान में रहने लगी परन्तु धार्मिक आस्था की नगरी में इस बेसहारा एक महिला को यहां भी कुछ लोंगो औऱ महिलाओं ने अकेली जान कर लाठी डंडों के प्रहार से 11 दिसम्बर को लहूलुहान कर दिया।
कोतवाली में भी न्याय के लिए अपने साथ हो रहे अन्याय की कहानी बताई, कोई कार्यवाही नहीं हुई
पीड़िता का कहना है कि उसने कोतवाली में जाकर भी न्याय अपने साथ हो रहे अन्याय की कहानी बताई और कानून की मदद मांगी पर वहां भी इस महिला की कौन सुनने वाला है जहां अभी तक कोई कार्यवाही भी नहीं हुई और कोई आश्वासन भी नहीं मिला। डरके मारे वह अपने कमरे की तरफ भी नहीं जा पा रही है, इधर उधर घूम रही है। न किसी का दिल पसीजा न किसी ने मदद ही की। आखिर में कनकधारा फाउन्डेशन की चेयरपर्सन लक्ष्मी गौतम से जाकर मिली और अपने साथ हुए पूरे घटनाक्रम को बताया। लक्ष्मी गौतम ने बताया कि कनकधारा फाउन्डेशन पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए प्रयास कर रहा है और इस कार्य के लिए अपने पावन संकल्प पर कटिवद्ध भी है।
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