पटना। विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर वाराणसी के पराड़कर स्मृति भवन में आयोजित प्रान्ति इंडिया (साहित्यिक संस्था) के वार्षिकोत्सव-2025 के अवसर पर लेखक आशुतोष को उनकी पुस्तक ‘वकील साहब (Wakeel Sahab)’ के लिए स्मृति चिह्न एवं चांदी का सिक्का देकर सम्मानित किया गया।
गौरतलब है कि पिछले लगभग पचीस वर्षों से आशुतोष की रचनाएँ देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में विभिन्न विषयों पर प्रकाशित होती रही हैं, जिनमें वनस्पतिशास्त्र, जीवविज्ञान, अर्थशास्त्र, जीवनी आदि विषय शामिल हैं। साथ ही, वालनट पब्लिकेशन से प्रकाशित उनकी उपर्युक्त पुस्तक हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, अरबी एवं फारसी के 100 से अधिक शब्दों पर दिलचस्प बातचीत प्रस्तुत करती है, और इसकी प्रस्तावना पटना विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के भूतपूर्व विभागाध्यक्ष डॉ० तरुण कुमार ने लिखी है। यह पुस्तक अमेज़न पर भी उपलब्ध है।
पुरस्कार समारोह के दौरान अपने वक्तव्य में भी आशुतोष ने मृग, व्याध, रसोई, भंसा जैसे कुछ शब्दों की व्युत्पत्ति के आधार पर उनमें विद्यमान अर्थ सौंदर्य का अहसास कराया। उल्लेखनीय है कि कला के क्षेत्र में भी आशुतोष सक्रिय रहे हैं और उसमें उनका नाम इंडियाज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है। उनका ईमेल आईडी है [email protected]
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