taj mahal banke bihari temple

ताजमहल की तरह बांके बिहारी मंदिर वृंदावन के बाहर भी लपके, अंतर सिर्फ इतना है…

लेख

Dr Bhanu Pratap Singh

Agra/Mathura, Uttar Pradesh, India. विश्व विख्यात ताजमहल के आसपास लपके मँडराते रहते हैं। देश-विदेश के पर्यटकों को परेशान करते हैं। लॉलीपॉप देकर एम्पोरियम में ले जाते हैं। फिर वहां एक रुपये का सामान 100 रुपये में बिकवाते हैं। इसमें से 50 रुपये लपका महाराज ले जाते हैं। जब से ताजमहल का प्रवेश शुल्क बढ़ा है और भीड़ बढ़ी है, तब से शीघ्र प्रवेश के नाम पर भी लपकागीरी की जा रही है। भारतीय से दिखने वाले विदेशी पर्यटकों को भारतीय टिकट पर  प्रवेश दिलाने का काम भी लपका कर रहे हैं।

 

जब से मैंने पत्रकारिता की शुरुआत की है, तब से लपकों की यही कहानी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यंमत्री योगी आदित्यनाथ तक इस पर चिन्ता जता चुके हैं। ताजमहल को लपका मुक्त करने का निर्देश दे चुके हैं। पुलिस थोड़ी सक्रिय हुई। लपकागीरी कम हुई। लपके जेल भी गए। छूटकर आए तो फिर वही लपकागीरी। हरि अनंत हरि कथा अनंता की तरह लपका कथा भी अनंत है। अबाल, वृद्ध, नर, नारी सबकी लपका से यारी है। आगरा कैंट स्टेशन से लेकर पश्चिमी गेट पार्किंग, शिल्पग्राम पार्किंग, ताजमहल के तीनों प्रवेश द्वारों पर लपका हैं। ये लपका सबको दिखते हैं लेकिन पुलिस वालों को नहीं दिखते हैं।

 

आप अवश्य सोच रहे होंगे कि लपका आखिर है क्या, तो चलिए हम बताए देते हैं। लपका यानी लपक लेने वाला। जो पर्यटक को देखकर लपक लेता है, उसके पीछे पड़ जाता है, लालच देकर जाल में फँसाता है, वही लपका है। कितनी ही योजनाएं बनी पर सपका नहीं हटे। एक बार आगरा विकास प्राधिकरण ने लपकों के परिचय पत्र भी बनाए थे ताकि इनकी पहचान हो सके, शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जा सके। अगर ये लपके एक ही स्थान पर रहकर अपनी बात कहें तो समस्या नहीं है। समस्या यह है कि ये पर्यटक के पीछे लग जाते हैं, जिससे पर्यटक को खीज होने लगती है।

 

जब से बांके बिहारी मंदिर वृंदावन (मथुरा) में श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते दुर्घटना हुई है, तब से वहां कुछ व्यवस्था बदलती है। मंदिर में प्रवेश के लिए पंक्ति बनाई जाती है। विभिन्न प्रवेश द्वारों पर पंक्तियां लगती हैं। तंग गलियों में पंक्तिबद्ध होते हुए श्रद्धालु पहुंचते हैं। पुलिस वाले पंक्ति लगाने का काम करते हैं। इसी दौरान लपकागीरी होती है। ऐसे लोग सक्रिय हो जाते हैं तो बिना लाइन के वीआईपी दर्शन का लालच पर्यटकों को देते हैं।

 

पिछले महीने मैं सपरिवार बांके बिहारी जी के दर्शन के लिए गया तो यह दृश्य दिखाई दिया। एक घंटा लाइन में लग रहा, तो लपके दिखाई दिए। चूंकि मेरा उद्देश्य सिर्फ दर्शन करता था सो कोई पत्रकारिता नहीं की। हां, सारा दृश्य देखता रहा। श्रद्धालुओं के जूता-चप्पल रखने का कई निर्धारित स्थल नहीं है। इससे भी बड़ी परेशानी हो रही थी। अच्छी बात यह है कि ऐसा कई लपका नहीं मिला जो जबरन खरीदारी के लिए पीछे पड़ गया हो।

 

बांके बिहारी मंदिर में प्रवेश से ठीक पहले प्रसाद लिया, जो गुणवत्ता की दृष्टि से ठीक नहीं था। 400 रुपया किलोग्राम होने के बाद भी हीक आ रही थी। चूंकि प्रसाद था, सो खाने की मजबूरी थी। इस बारे में भी जिला प्रशासन को विचार करने की जरूरत है। प्रसाद के नाम पर भी कुछ भी बेचने की छूट नहीं दी जानी चाहिए।

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जूताघरों का लोकार्पण करते विधायक श्रीकांत शर्मा एवं अधिकारी।

अच्छी बात यह है कि ठा. श्री बांके बिहारी जी मन्दिर जाने वाले मार्गों पर तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। रविवार को नगर निगम मथुरा वृन्दावन के द्वारा पांच स्थानों पर क्रमशः जादौन पार्किंग के सामने परिक्रमा मार्ग, जुगल घाट परिक्रमा मार्ग, विद्यापीठ चौराहा, हरि निकुंज चौराहा एवं स्नेह बिहारी मंदिर के पास अस्थायी जूता घरों की स्थापना की गई है। क्षेत्रीय विधायक श्रीकांत शर्मा, महापौर डॉ. मुकेश आर्य बन्धु, जिलाधिकारी पुलकित खरे एवं नगर आयुक्त अनुनय झा के द्वारा संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। जूता घरों में श्रद्धालुओं की सुविधार्थ पीए सिस्टम, पेयजल व्यवस्था, बैठने के लिए कुर्सी की व्यवस्था एवं दिव्यांग एवं वृद्धजनों की सुविधा के लिए प्रत्येक जूता घरों पर दो दो व्हीलचेयरों की व्यवस्था भी की गई है। इसके बाद दिव्यांग एवं वृद्धजनों को ठा. श्री बांके बिहारी मंदिर जाने में कोई असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।

 

क्षेत्रीय विधायक एवं समस्त अधिकारियों द्वारा ठा. श्री बांके बिहारी मन्दिर के आस पास साफ सफाई की व्यवस्था का भी निरीक्षण किया गया। दुकानदारों से यह भी अपील की गयी कि दुकान के बाहर अवैध रूप से अतिक्रमण न करने तथा अपनी दुकानों के आगे डस्टबिन रखना सुनिश्चित करें। पॉलीथिन का प्रयोग न करें। साथ ही दुकानदारों को यह भी चेतावनी दी गयी कि भविष्य में अगर आपके द्वारा दुकानों के सामने मार्ग पर गन्दगी व अतिक्रमण पाया जाता है तो जुर्माना किया जाएगा।

 

इस अवसर पर अपर नगर आयुक्त क्रान्ति शेखर सिंह, नगर मजिस्ट्रेट सौरभ दुबे, क्षेत्राधिकारी सदर प्रवीण मलिक, सहायक नगर आयुक्त लवकुश गुप्ता, पार्षद वैभव अग्रवाल, अधिशासी अभियन्ता रिजवान अहमद, नन्दकिशोर, अवर अभियन्ता अरुण कुमार, कंवरपाल, लिपिक गोपाल प्रसाद शर्मा आदि उपस्थित रहे।

Dr. Bhanu Pratap Singh