ऑक्सीजन चिकित्सा या पूरक आक्सीजन से आशय ऑक्सीजन का उपयोग करके किसी रोग या विकार की चिकित्सा करना है। उदाहरण के लिए ऑक्सीजन चिकित्सा का प्रयोग रक्त में आक्सीजन की कमी होने पर, कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता होने पर, क्लस्टर सिरदर्द होने पर किया जाता है।
24 अप्रैल को अनुपम खेर ने सोशल मीडिया पर अनिल कपूर का एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो के कैप्शन में उन्होंने लिखा ‘अरे कपूर साहब! आपने बताया नहीं आप चांद पर जा रहे हो। आपकी जवानी के राज का इस मशीन से तो कुछ लेना-देना नहीं है?’
दरअसल इस वीडियो में अनिल कपूर जिस मशीन के अंदर लेटे हुए दिख रहे हैं। वो ऑक्सीजन थेरेपी लेने की मशीन है।
इन दिनों साउथ सुपरस्टार समांथा रूथ प्रभु का भी ऑक्सीजन थेरेपी लेते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर है।
आखिर ये हाइबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी यानी HBOT है क्या, जिसे बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज ले रहे हैं। हाइपर का मतलब बढ़ाना और बेरिक का मतलब प्रेशर होता है। इसका मतलब इस थेरेपी में प्रेशर बढ़ाकर बीमारी को ठीक किया जाता है।
इस थेरेपी से किन बीमारियों के पेशेंट को आराम मिलता है?
कई बीमारियों में ये थेरेपी काम करती है। नीचे लगे ग्राफिक्स में उन बीमारियों का जिक्र किया गया है।
थकावट, झुर्रियां, हार्ट अटैक, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, हाई ब्लडप्रेशर, स्ट्रोक, अल्जाइमर, आंखों की समस्या,डायलिसिस, आर्थराइटिस आदि बीमारियों में से कोई भी है वो ये थेरेपी ले सकते हैं। इसके साथ ही एंटी एजिंग यानी जवान दिखने के लिए भी ये थेरेपी ले सकते हैं। इसके लिए भी डॉक्टर से परमिशन लेने की जरूरत पड़ती है।
HBOT पर एक रिसर्च मेडिसीना नाम के जर्नल में छपी। रिसर्चर डॉ. गुईलोइड ने इस थेरेपी के फायदों को बताया
1.स्किन एजिंग की परेशानी को कम करती है: इससे डेड स्किन हटती है, नए सेल्स बनते हैं। जिससे स्किन टोन होती है और एजिंग के इफेक्ट्स कम होते हैं।
2. कई गंभीर बीमारियों में मरीज को मिलता है आराम: जिन लोगों को डायबिटीज, कैंसर, स्ट्रोक की बीमारी है उनके लिए ये थेरेपी फायदेमंद है। थकान, सिरदर्द कम करने में थेरेपी को ले सकते हैं।
3. थेरेपी लेने से डैमेज स्किन सेल्स रिपेयर होते हैं: हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी से सर्कुलेशन अच्छा होता है। इससे डैमेज हुए ब्लड वेस्सेल्स ठीक होते हैं, कोलेजन की ग्रोथ होती है, जिससे बॉडी जल्दी रिकवर करती है।
4. सूजन कम करता है: जिनकी बॉडी में सूजन है वो इसका यूज कर सकते हैं। मशीन का प्रेशर बढ़ने से सूजन कम होती है जिससे ब्लड फ्लो अच्छा होता है। ऑक्सीजन शरीर में पहुंचने से नए वाइट ब्लड सेल्स बनते हैं जिससे बॉडी को मदद मिलती है कि वो इन्फेक्शन से लड़ पाए।
5. रेडिएशन के साइड-इफेक्ट को कम करती है: जो लोग कैंसर के दौरान रेडिएशन ट्रीटमेंट ले चुके हैं उनमें रेडिएशन से टिशू डैमेज हो जाते हैं। ये थेरेपी लेने से शरीर को आराम मिलता है।
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