कई दशकों से वैज्ञानिक सॉफ्ट रोबोट डेवलप करने में जुटे हैं। ये रोबोट उस जीव से प्रेरित हैं, जिन्हें अमूमन किसी काम का नहीं समझा जाता यानी बिना रीढ़ के केंचुए। हालांकि, केंचुओं की खूबियां अपने-आप में काफी अनूठी हैं। मसलन ये मिट्टी में काफी अच्छी खुदाई कर सकते हैं और आसानी से कहीं भी घुस और मुड़ सकते हैं।
स्वीडिश यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेस की रिसर्चर एल्सा एराजोला कहती हैं कि केंचुए काफी फ्लेक्सिबल होते हैं। केंचुए कुछ ऐसे काम कर सकते हैं जो अभी मशीन भी नहीं कर सकतीं। यही वजह है कि रोबोटिक्स केंचुए विज्ञान, रक्षा, चिकित्सा, कृषि जैसे कई क्षेत्रों में काफी मददगार साबित हो सकते हैं।
ऐसा रोबोट बनाया गया, जो केंचुए की तरह है
इटैलियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) के सॉफ्ट रोबोटिक्स ग्रुप के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा रोबोट बनाया है जो केंचुए की तरह सरक-सरक कर चल सकता है। IIT की मैकेनिकल इंजीनियर रिद्धी दास कहती हैं, ‘ये डिजाइन काफी अनूठा है।
इसमें रोबोटिक केंचुए को आगे बढ़ाने और पीछे सरकाने के लिए पॉजिटिव और नेगेटिव प्रेशर का इस्तेमाल होता है। इनका बनाया रोबोटिक केंचुआ आकार में हल्के डंबल की तरह है। इसमें जेल भरा हुआ है जो इसके मूवमेंट में मदद करता है।’
ऐसा इनोवेशन रोबोटिक्स की दुनिया के लिए अहम
अमेरिका की नोट्रे डेम यूनिवर्सिटी की इलेक्ट्रिकल इंजीनियर यासमीन ओजकेन कहती हैं कि IIT ग्रुप का ये इनोवेशन रोबोटिक्स की दुनिया के लिए अहम है। GE के मैकेनिकल इंजीनियर दीपक त्रिवेदी कहते हैं, ‘रोबोटिक केंचुए बहुत अच्छी सुरंग खोद सकते हैं।’ उन्हें GE के बनाए लगभग 10 सेमी व्यास वाले रोबोट के लिए काफी संभावनाएं नजर आती हैं।
माइनिंग में भी काम आ सकते हैं रोबोटिक केंचुए
GE के त्रिवेदी के मुताबिक केंचुए जैसे रोबोट का इस्तेमाल माइनिंग, एग्रीकल्चरल सेंसिंग और दूसरे ग्रहों में मिट्टी के नमूने लेने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा इनका इस्तेमाल भूकंप, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान खोज, राहत एवं बचाव ऑपरेशन में भी किया जा सकता है।
कैमरायुक्त रोबोटिक केंचुआ आसानी से छोटी से छोटी जगह जाकर दबे लोगों का पता लगा सकता है। हालांकि अभी इस दिशा में काफी काम किया जाना बाकी है। हो सकता है कुछ वर्षों के बाद आपको अपने पैरों के नीचे कोई रोबोटिक केंचुआ रेंगता नजर आए।
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