karwa chauth

आज करवा चौथ, सोलह श्रृंगार अवश्य करें, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और चन्द्रोदय का समय जानिए

NATIONAL PRESS RELEASE RELIGION/ CULTURE

हिन्दू पंचांग के अनुसार हर वर्ष कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथा का व्रत मनाया जाता है। सुहागिनें पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। शाम के समय करवा माता की पूजा करती हैं। फिर चांद के दर्शन और अर्घ्य देती हैं। पति के हाथों से जल और मिष्ठान्न लेकर व्रत खोलती हैं। अब तो अनेक पति भी पत्नी के लिए करवाचौथ का व्रत रखने लगे हैं।

इस बार करवा चौथ तिथि पर चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में रहेगा। चंद्रमा का रोहिणी नक्षत्र में होना बहुत ही शुभ संकेत माना गया है। इसके अलावा ये रविवार के दिन पड़ रहा है जिसमें सूर्यदेव की भी कृपा बनी रहेगी। सुबह करवा चौथ के दिन सूर्य को जल देना और शाम के समय चंद्रमा के दर्शन रोहिणी नक्षत्र में करना शुभकारी है। यह शुभ संयोग पांच वर्ष बात पड़ रहा है।

चंद्रोदय का समय

करवा चौथ तिथि- 24 अक्तूबर 2021, रविवार

चतुर्थी तिथि का आरंभ- 24 अक्तूबर को सुबह 3 बजकर 3 मिनट से

चतुर्थी तिथि का समापन- 25 अक्तूबर को सुबह 05 बजकर 43 मिनट पर

करवा चौथ पूजा मुहूर्त : 05 बजकर 43 मिनट से 06 बजकर 50 मिनट तक

अवधि : 1 घंटे 7 मिनट

लगभग 08 बजकर 07 मिनट से दिखाई देना शुरू हो जाएगा

 पूजा विधि और नियम

शास्त्रों के अनुसार चतुर्थी तिथि पूजा-पाठ और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए बहुत ही उत्तम मानी जाती है। चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है, ऐसे में इस तिथि पर इनकी पूजा आराधना करने पर सभी तरह की सुख समृद्धि की कामना अवश्य ही पूरी होती है। करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद सबसे पहले सूर्य देवता के दर्शन करते हुए उन्हें अर्ध्य देते हुए व्रत का संपल्प करना चाहिए। शाम के समय 16 श्रृंगार करते हुए पूजा मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए तैयारी करनी शुरू कर दें। पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश, भगवान शिव और माता गौरी की प्रतिमा को स्थापित कर उनकी पूजा करें। फिर सभी प्रकार के पूजा क्रियाओं को सपंन्न करते हुए अंत में माता करवा की आराधना और कथा सुने और उन्हें सभी तरह की पूजा सामग्री जिसमें हलवा-पूड़ी का भोग लगाते हुए कथा सुनें। फिर इसके बाद रात को चांद के निकलने पर उनकी पूजा आराधना करते हुए अर्ध्य दें। फिर सबसे आखिरी में अपने पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत का पारण करें।

सावधानी

– भूलकर भी करवा चौथे के दिन पूजा से पहले जल या किसी तरह के भोजन सामग्री को ग्रहण न करें।

– जो सुहागिन महिलाएं विवाह के बाद करवा चौथ का व्रत रखने का संकल्प लेती है उन्हें विवाह के लगातार कम से कम 16 वर्षों तक करवा चौथ व्रत करना चाहिए। 

– करवा चौथ के दिन 16 श्रृंगार करते हुए ही पूजा संपन्न करनी चाहिए।

– करवा चौथ में मन को शांत रखते हुए किसी अन्य की बुराई नहीं करनी चाहिए।

– करवा चौथ में जरूरी आने वाली सभी पूजा सामग्रियों को अवश्य ही शामिल करना चाहिए। 

– करवा चौथ के दिन सभी महिलाएं अपने-अपने ईष्ट देव का स्मरण अवश्य करें।

प्यार भरे  संदेश

मेहंदी रचे हाथों में

माथे पर श्रृंगार चमके पिया के लिए 

करवा चौथ का व्रत करूं मैं 

ऐसी पावन मौके पर ऊपर वाले की कृपा बरसे।

करवा चौथ की शुभकामनाएं!

व्रत रखा है मैंने 

बस एक प्यारी सी ख्वाहिश के साथ 

हो लंबी उम्र तुम्हारी और 

हर जन्म मिले हमें एक-दूसरे का साथ।

करवा चौथ की शुभकामनाएं!

खुशी से दिल को आबाद करना

गम को दिल से आजाद करना

बस एक गुजारिश है आपसे

जिदंगी भर मुझे ऐसे ही प्यार करना।

करवा चौथ की शुभकामनाएं!

जब तक न देखे चेहरा आप का

न सफल हो ये त्योहार हमारा

जल्दी आओ दिखा दो अपनी सूरत

और कर दो करवा चौथ सफल हमारा।

करवा चौथ की शुभकामनाएं!

चांद की रोशनी यह पैगाम लाई

करवा चौथ पर सबके मन में खुशियां छाईं

सबसे पहले हमारी तरफ से 

आपको करवाचौथ की बधाई।

करवा चौथ की शुभकामनाएं!

Dr. Bhanu Pratap Singh