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जैन साध्वी वैराग्य निधि ने बताया कि जैन धर्म में रक्षाबंधन पर्व कैसे शुरू हुआ

RELIGION/ CULTURE

दादाबाड़ी में बरगोड़ा यात्रा निकाल तपस्वियों का बहुमान

श्री संघ अध्यक्ष राजकुमार जैन ने परमात्मा के रक्षासूत्र बांधा

Agra, Uttar Pradesh, India मरुधर ज्योति साध्वी मणिप्रभा श्री जी की शिष्या साध्वी वैराग्यनिधि श्री जी निश्रा में तपस्वियों का बहुमान किया गया। अरहम तप करने वालों की बरगोड़ा यात्रा निकाली। नूतन वागचर को परमात्मा को लेकर रथ में विराजमान होने का सौभाग्य मिला। इस रथ को श्रावक-श्राविकाओं ने खींचा। इस दौरान बैंड बाजे बजते रहे। परमात्मा की जय-जयकार होती रही। दादाबाड़ी के मुख्य द्वारा से शुरू हुई बरगोड़ा यात्रा प्रवचन स्थल तक पहुंची। जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्री संघ के अध्यक्ष राजकुमार जैन और रश्मि ललवानी ने संघ की ओर से परमात्मा को रक्षासूत्र बांधकर रक्षा की प्रार्थना की।

 

श्री संघ के अध्यक्ष राजकुमार जैन ने बताया कि चातुर्मास में जैन धर्म के अनुयायी कठिन तपस्या कर रहे हैं। इस समय 24 दिन का आयंबिल तप चल रहा है। रजत गादिया के 10 दिन उपवास करने पर शैलेन्द्र बरड़िया और अशोक कोठारी ने बहुमान किया। अन्य तपस्वियों का बहुमान विनयचंद डैन, वीरचंद गादिया, कमलचंद जैन, महेन्द्र जैन, बृजेन्द्र लोढ़ा, मनीष वागचर, निखिल जैन, राजीव खरड़ ने किया। रिंकी लोढ़ा की तपस्या की अनुमोदना की गई। तपस्वियों की सुख साता के लिए शासन माता के गीत गाए गए।

 

जैन साध्वी वैराग्य निधि महाराज ने प्रवचन में कहा कि रक्षाबंधन पर्व भाई व बहन के निःस्वार्थ प्रेम का संबंध है। जब प्रभु धरा पर अवतरित होते हैं तो देवलोक से 56 दिव्यकुमारियां प्रभु का शुचिकर्म करती हैं और कलाई पर रक्षासूत्र बांधती हैं। प्रार्थना करती हैं- प्रभो, कर्म, क्लेश व कषायों से आप हमारी रक्षा करावें। विष्णु मुनि ने सभी जैन संतों की आततायी नमुचि मंत्री से रक्षा की थी, तब से जैन धर्म में यह पर्व मनाया जाता है, जो केवल देह नहीं वरन् आत्मा की रक्षा का सूचक है।

 

इस मौके पर सुनील कुमार जैन, मनीष जैन, रोबिन जैन, प्रमोद, प्रेम ललवानी आदि उपस्थित थे।

 

Dr. Bhanu Pratap Singh