परमार्थ बिना परमात्मा की भक्ति अधूरी
आगरा में गुरु आगमन पर भव्य स्वागत
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Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat. आगरा शहर में आचार्य तपस्वी सम्राट हंसरत्न सुरीश्वर जी महाराज, आचार्य तत्व सुंदर जी महाराज सहित ठाणा 15 का दादाबाड़ी में पावन आगमन हुआ। श्रावक-श्राविकाओं ने उत्साहपूर्वक गुरु वंदन के साथ अगवानी की। जैन शासन दिवस होने के कारण जैन ध्वज लहराते हुए भक्तों ने जिन शासन को समर्पित भजन गाए और भव्य फेरी निकाली, जिसने समूचे वातावरण को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया।
जीवन की सच्चाईयों का आध्यात्मिक दर्शन
आचार्य हंसरत्न सुरीश्वर जी महाराज ने अपने प्रेरणादायी प्रवचन में जीवन के गहन सत्य उजागर किए। उन्होंने कहा, “मित्र की सच्चाई तब प्रकट होती है जब आवश्यकता हो, पुत्र का मूल्य तब समझ आता है जब माता-पिता वृद्ध हो जाएं। पति का प्रेम पत्नी की बीमारी में और पत्नी का प्रेम गरीबी के समय परखा जाता है।” यह संदेश उपस्थित जनसमूह के लिए गहरी प्रेरणा का स्रोत बना।
परमार्थ और सेवा का मार्ग
आचार्य श्री ने परमार्थ और मोक्ष के सूत्र को स्पष्ट करते हुए कहा, “परमार्थ परमात्मा के निकट ले जाता है, किंतु मोक्ष तब प्राप्त होता है जब स्वयं का पेट काटकर परमार्थ किया जाए। गरीब की सेवा और प्रेम के बिना पूजा और मंदिर जाना व्यर्थ है।” यह संदेश प्रत्येक व्यक्ति को निःस्वार्थ सेवा और प्रेम की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।

जिन शासन स्थापना दिवस का उत्सव
जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक श्री संघ के निवर्तमान अध्यक्ष राजकुमार जैन ने बताया कि यह शुभ अवसर परमात्मा महावीर स्वामी द्वारा स्थापित जिन शासन स्थापना दिवस का है। आचार्य हंसरत्न सुरीश्वर जी महाराज का आगमन इस पावन दिन को और अधिक हर्षोल्लासमय बना रहा। उन्होंने सभी को इस अवसर का लाभ उठाने और आध्यात्मिक मार्ग पर अग्रसर होने का आह्वान किया। महाराज साहब के आगमन से प्रत्येक व्यक्ति को प्रेम, सेवा और तप के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिली। जीवन न केवल सार्थक बना बल्कि परमात्मा के निकट पहुंचने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
सामूहिक एकता का प्रतीक
इस अवसर पर अजय चौरड़िया, दुष्यंत जैन, संजय दूगड़, मनीष गादिया, विनय वागचर, अशोक कोठारी, प्रकाश वेद, दिनेश चौरड़िया, हैप्पी जैन, उषा वेद, ममता जैन, कविता जैन, संगीता लोढ़ा और अंकित पाटनी सहित अनेक श्रावक-श्राविकाओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। यह सामूहिक एकता और श्रद्धा का प्रतीक बना।