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राष्ट्रीय वंचित पार्टी के अध्यक्ष सुशील कुमार यादव का सबसे बड़ा इंटरव्यू, जानिए क्या है टारगेट

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Agra (Uttar Pradesh, India) राष्ट्रीय वंचित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार यादव राजनीति के दल-दल को स्वच्छ जल में परिवर्तित करना चाहते हैं। वे ऐसी राजनीति का सत्यानाश करना चाहते हैं जो वंचितों की सेवा से दूर है। दुष्टतापूर्ण राजनीति का अंदर से विरोध करने के लिए पार्टी का गठन किया है। वे कहते हैं कि देश का प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं के निर्वाचन क्षेत्र में भी लोगों के घरों के चूल्हे बुझे हुए हैं। कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन में सबने देखा कि वोट बैंक को मरने के लिए छोड़ दिया गया। वे इस बात से खासे कुपित हैं कि मीडिया और न्याय को भी खूंटे से बांधा जा रहा है। इस समय उनका ध्यान यूपी में होने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव पर है। सेवा के माध्यम से वंचितों को गोलबंद कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के दौरे पर आगरा आए श्री सुशील कुमार यादव ने ‘लाइव स्टोरी टाइम’ के साथ लम्बी बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंश-

Live Story time: राष्ट्रीय वंचित पार्टी का गठन करने का मन में विचार कैसे आया?

Sushil Kumar Yadav: हम कार द्वारा शिमला से दिल्ली की ओर आ रहे थे। बहुत सारे बच्चे वहां कचरा बीन रहे थे, जिन्हें स्कूल जाना होता है। मैंने कार रुकवाई। उन्हें खाना खिलवाया। पूछा तो कहा कि स्कूल नहीं जाते हैं। बताया कि कचरा बीनकर बेच देते हैं। मुझे लगा कि यह क्षेत्र तो अच्छा है कम करने के लिए। अगर कचरे के स्थान पर इनके हाथ में किताब पकड़ा दें तो इससे अच्छा काम नहीं हो सकता है। हमारे साथ शुक्ला जी थी। उन्होंने कहा कि बड़े अच्छे विचार हैं, लेकिन क्या ये कर पाओगे। मैंने कहा कि अब मैं सिर्फ यही करूंगा वंचितों के लिए। मेरे मुंह से वंचित निकला। हमने चुनाव आयोग को राष्ट्रीय वंचित पार्टी की स्थापना का आवेदन किया। हम वंचितों के लिए चल पड़े।

Live Story time: पार्टी की स्थापना कब हुई?

Sushil Kumar Yadav: 14 अप्रैल, 2016 को पार्टी की स्थापना हुई लेकिन 17 अक्टूबर, 2017 को पंजीकरण मिला।

Live Story time: तीन साल की अवधि में क्या उपलब्धियां हासिल की हैं?

Sushil Kumar Yadav: पार्टी की स्थापना के बाद हमने पूरा डेढ़ साल उत्तर प्रदेश में बिताया। वंचितों को तलाशा। लगभग 900 ऐसे वंचितों को ढूंढा जिनके परिवार का कोई भी सदस्य स्कूल गया ही नहीं है। स्कूल नहीं जा पाए तो कैसे रोजगार हासिल करेंगे। परिवार कैसे चलेगा। कई परिवार तो ऐसे क्षेत्र में मिले, जिनका नेता देश का प्रतिनिधित्व करता है। उनसे पूछा कि खाने की व्यवस्था कैसे होगी। किसी को चाय, किसी को कटिंग. किसी को सब्जी का ठेला, किसी को सिलाई की मशीन दिलाई। डेढ़ साल की अवधि में इस महान प्रदेश में जिसने देश को सबसे ज्यादा सांसद, विधायक, मंत्री और सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री दिए हैं, वहां वंचित ढूंढ सकता हूं तो क्या मीडिया और ऐसे नताओं को मोतियाबिन्द हुआ था जो उनकी नजर में आज तक ऐसा दिखाई नहीं दिया। जब मैंने काम किया तो लोगों ने बोला कि क्या आपकी पार्टी चुनाव लड़ेगी। मैंने कहा कि ये दूर की बात है। अभी हम सेवा करने आए हैं। यही सोचकर हमने 2016 में चुनाव नहीं लड़ा। फिर लोगों ने कहा कि राजनीति में कूदना पड़ेगा। दल-दल में कूदेंगे तो तभी तो मालूम पड़ेगा। तब मैंने कहा कि ठीक है बाहर से विरोध नहीं होगा, अंदर जाकर विरोध होगा। तब राजनीतिक पार्टी की स्थापना की।

Live Story time: फिर क्या किया?

Sushil Kumar Yadav: हमने पार्टी का पहला कार्यालय प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) में खोला। दिल्ली में संगठन बनाया होटल जनपथ में। वहां एक पत्रकार ने पूछा कि जनपथ ही क्यों, तो मैंने बोला कि जो जनपथ से शुरू होगा, राजपथ तक वही जाएगा। आज की डेट में 10 राज्यों में पार्टी के प्रादेश कार्यालय हैं। मध्य प्रदेश का भोपाल में है। तेलंगाना का हैदराबाद में है। उत्तर प्रदेश का लखनऊ में है। इतनी छोटी अवधि में साढ़े सात लाख लोग पार्टी के सदस्य हैं।

Live Story time: किन-किन राज्यों में पार्टी का गठन हो चुका है?

Sushil Kumar Yadav: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, उड़ीसा, हरियाणा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश। अब दिल्ली में स्थापना हो रही है। राष्ट्रीय कार्यालय दिल्ली में है।

Live Story time: अंततः पार्टी का उद्देश्य वंचितों की सेवा करना है?

Sushil Kumar Yadav: मैं कहता हूं कि मेरा वंचित का मतलब है अवसरविहीन। जिसके चूल्हे बुझे हुए हैं, उसे आरक्षण मिलना चाहिए। हर जाति में भारी संख्या में वंचित हैं। किसी एक जाति का प्रतिनिधित्व नहीं करता, वह हर जाति में पाया जाता है। हमने हर जाति से वंचितों की सेवा का प्रण लिया है।

Live Story time: प्रत्येक राजनीतिक दल का कोई न कोई वोट बैंक होता है। आपकी पार्टी का वोट बैंक क्या है?

Sushil Kumar Yadav: हमने तो वोट लिया ही नहीं है तो वोट बैंक कहां से होगा। आप लोगों ने वोट बैंक की राजनीति को शुरू किया और देश की ये दुर्दशा है। देश में लॉकडाउन हुआ और आपने वोट बैंक का परिणाम देखा। जो पार्टियां बोलती हैं मेरा वोट बैंक है, वही तो पैरों में छाले लेकर घूम रहे हैं। वही तो रोटी के लिए तरस रहे हैं, वही तो घर पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मतलब आपने अपने वोट बैंक को छला। आपने छलने की राजनीति की है। उस राजनीति का सत्यानाश करने के लिए राष्ट्रीय वंचित पार्टी का जन्म हुआ है।

Live Story time: आपने वंचितों की सरकार का टारगेट फिक्स किया है, क्या ये बहुत लम्बा टारगेट नहीं है?

Sushil Kumar Yadav: छोटे टारगेट पर अगर मुझे काम करना होता तो किसी भी पार्टी को अनुदान दे देता और राज्यसभा पहुंच जाता, मंत्री बन जाता। हम विचारधारा को लेकर जीवित हैं। हम रहें या न रहें, हमारी विचारधारा जीवित रहेगी। हमारी विचारधारा वंचितों की सेवा की है।

Live Story time: आप राजनीतिक पार्टी चला रहे हैं तो जाति की बात करनी पड़ेगी।

Sushil Kumar Yadav: हमारी कोई जाति नहीं है। हमारी एक ही जाति है मैं और मेरा भारत। सारी जातियां भारतीय हैं और मैं भारत के पिछड़े लोगों की सेवा करने आया हूं।

Live Story time: जैसे सपा के पास यादव बहुल हैं बसपा के पास जाटव बहुल हैं..

Sushil Kumar Yadav: ये प्रश्न सपा से करें, मुझसे क्यों कर रहे हैं।

Live Story time: आपको क्या लगता है?

Sushil Kumar Yadav: मुझे तो सब भारतीय लगते हैं। मेरी तो एक ही जाति है मैं और मेरा भारत। जाति और धर्म के लिए दूसरी पार्टियां हैं। एक धर्म की पार्टी है, एक जाति की पार्टी है, उनसे बात कीजिए। मुझसे भारत और भारतीय नागरिक की बात कीजिए।

Live Story time: मध्य प्रदेश में विधानसभा के उपचुनाव होने वाले हैं, उसमें क्या तैयारी है?

Sushil Kumar Yadav: पूरी 27 सीटों पर पूरी मजबूती के साथ वंचित चुनाव में उतरेंगे।

Live Story time: विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी 50 लाख रुपये खर्च कर सकता है। आपने वंचित खड़ा कर दिया, जिसके पास कुछ नहीं हैं तो कैसे मुकाबला करेंगे?

Sushil Kumar Yadav: हम पैसे से चुनाव नहीं लड़ेंगे। हम लोगों के पास घर-घर जाएंगे। लोगों को अपनी हैसियत बताएंगे कि हमें सेवा का अवसर दो। हम गरीब हो सकते हैं हमरी विचारधारा छोटी और गरीब नहीं है। हम विचारधारा को लेकर संघर्ष करेंगे, चुनाव लड़ेंगे। जनता जिसको जिताती है, उसी से रोती है। जनता को तय करना होगा।

Live Story time: आपकी बातों से लगता है कि आप राजनीतिक दल कम, समाजसेवी संगठन अधिक चला रहे हैं। ऐसे में चुनाव जीतना कैसे संभव है?

Sushil Kumar Yadav: हम सौ प्रत्याशी खड़े करते हैं, अगर वंचित और लाचार एक प्रत्याशी भी जीत जाता है तो यह बहुत बड़ी जीत होगी। फिर बहुत बड़ा प्लेटफार्म होगा।

Live Story time: पार्टी का कहीं कोई विधायक है क्या?

Sushil Kumar Yadav: हमने राजनीति में कदम रखा है। कई राज्यों में काम किया है। भाजपा आज देश में साढ़े तीन सौ एमपी (सांसद) के साथ है। किसी समय उसके पास दो एमपी थे। समय लगता है हर चीज के लिए। हमारा प्रत्याशी सिर्फ वंचित होगा।

Live Story time: आप चुनाव में कितने वंचितों को फंडिंग कर पाएंगे?

आप फंड की बात करते हैं। अगर हम अडाणी से फंड लेंगे तो अडाणी की विचारधारा को जीएंगे न। हम सत्ता में नहीं आएंगे कोई बात नहीं लेकिन हम ये देखना चाहते हैं कि कब तक नहीं आएंगे।

Live Story time: ठीक है, आपने अब तक जो काम किया है, उसके बाद वंचितों का क्या रुख लगता है, क्या वे काम होने के बाद भूल गए हैं?

Sushil Kumar Yadav: वंचितों ने ही तो मुझे एनर्जी दी है। हजार किलोमीटर चलकर आया हूं। वैसे आपने ये प्रश्न कभी भाजपा, कांग्रेस, मयावती और मुलायम सिंह यादव से किया है क्या।

Live Story time: उन्होंने इस तरह सेवा वाली बात कभी की ही नहीं, जैसे आप कर रहे हैं, इसलिए सवाल आया नहीं

Sushil Kumar Yadav: अच्छा, उन्होंने सेवा वाली बात कभी की नहीं और लगातार जिताते आ रहे हैं। मतलब आप सेवा नहीं चाहते हैं। जब सेवा करने के लिए आगे आए हैं तो आपका विश्वास ही हमारी एनर्जी होगी। मेरा वंचित घर को जाएगा। मेरे को एक रुपया और वोट दो। मेरे पास धन नहीं है चुनाव लड़ाने के लिए। हमारे पास कहीं बाहर से फंड नहीं मिलेगा। कोई उद्योगपति फंड नहीं देगा। हमारा फंड है आपका साथ, आपका सहयोग, आपकी ताकत।

Live Story time: मीडिया को लेकर आप लगातार तंज कसते रहते हैं, उसका कारण क्या है?

Sushil Kumar Yadav: पूरी दुनिया मीडिया को लेकर तंज कस रही है। मीडिया जो कर रही है, वह आपके सामने है। आपको, चैनल, समाचारपत्रों की ड्यूटी है कि सही दिखाओ। हम ये नहीं कहते हैं कि किसी का सपोर्ट करो। जो सच है वह दिखाओ। झूठ को सच दिखाने की नीति है, उसे बंद करो। मैं पूरे होशोहवास में सरेआम बोलोता हूं कि जो झूठ दिखाए उसे फोड़ दो, उस चैनल को देखना बंद कर दो। आप बोलते हैं कि चैनल सच नहीं बोलता, फिर क्यों देखते हो। सुबह से शाम तक कोई सा भी चैनल लगाओ, एक ही गाना है।

Live Story time: क्या यह सच है कि चैनल कहीं न कहीं से प्रभावित हैं?

Sushil Kumar Yadav: मुझे बोलने की जरूरत है क्या। आप बताइए 500 रुपये के लिए तरसने वाले 5000 करोड़ के मालिक हो गए। कहां से आया पैसा। कहते हो नेता चोर है, सीबीआई की जांच कराओ, चैनल के मालिक के बारे में क्यों नहीं कहते हो। चैनल के मुखिया को राज्यसभा भेज देते हो। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज को राज्यसभा की सीट दे देते हो। फिर आप न्याय की बात करते हो। आप उनको न्याय नहीं करने देते हो, आप उनको अपने खूंटे में बांधना चाहते हो। आपके पास कलम है, कैमरा है, अखबार है, आप निकालो न इन चीजों को। आप नहीं निकालते हो। समझौता करके साइड में बैठ जाते हो। वो चैनल की टीआरपी बंद कर देते हैं फिर आप जाकर उनके  खूंटे में बंध जाते हो। आप टीआरपी के लिए काम करते हो, देश और समाज के लिए काम नहीं करते हो। जिस दिन आप टीआरपी के लिए काम करना बंद कर देंगे, उस दिन आगे बढ़ेंगे। हमसे कहते हैं बड़े अखबार कि हमको मैनेज करो हम रिपोर्ट देंगे। वो हम नहीं कर सकते हैं। आप मत छापो हमें लेकिन एक दिन मजबूर जरूर कर देंगे कि आपको मुझे छापना पड़ेगा।