भारत और ईरान के बीच चाबहार स्थित शाहिद बेहेस्ती बंदरगाह के संचालन के लिए समझौते पर अमेरिका की चेतावनी को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रतिक्रिया दी है.
सोमवार, 13 मई को भारत और ईरान ने एक समझौता किया. यह समझौता 10 साल के लिए चाबहार स्थित शाहिद बेहेस्ती बंदरगाह के संचालन के लिए किया गया है. यह इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड और पोर्ट्स एंड मैरीटाइम ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ ईरान के बीच हुआ है.
इस पर अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा था कि इस समझौते को अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट नहीं मिलेगी.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर से जब अमेरिका की चेतावनी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “चाबहार पोर्ट से हमारा लंबे समय से जुड़ाव रहा है लेकिन हम कभी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं कर पाए थे क्योंकि इसमें कई अड़चने थीं. आख़िरकार हम लंबी अवधि का समझौता कर पाने में सफल हुए. ये लंबी अवधि का समझौता ज़रूरी होता है क्योंकि इसके बिना आप बंदरगाह का संचालन ठीक से नहीं कर सकेंगे.”
उन्होंने कहा, “मैंने देखा कि कुछ टिप्पणियां आई हैं. लेकिन मुझे लगता है कि ये आपस में संवाद करने और समझाने की बात है कि ये (समझौता) सभी के फ़ायदे के लिए है. मुझे नहीं लगता कि लोगों के इस बारे में संकीर्ण दृष्णिकोण रखना चाहिए और उन्होंने अतीत में ऐसा किया भी नहीं है. अगर आप अतीत में चाबहार के प्रति अमेरिकी रवैये को भी देखें, तो अमेरिका ने हमेशा इस तथ्य की सराहना की है कि चाबहार की व्यापक प्रासंगिकता है. इसलिए हम इस पर काम करेंगे.”
-एजेंसी
- “IVF is Not the Last Resort – Boost Your Fertility Naturally,” Says Holistic Wellness Expert - March 12, 2025
- Sankalp India Launches 10-Bed Bone Marrow Transplant Unit for Children with Blood Disorders in Ahmedabad - March 12, 2025
- Candor IVF Center’s unique initiative on Women’s Day: Free Pap smear tests for women - March 12, 2025