सुप्रीम कोर्ट ने ‘झूठे’ और ‘भ्रामक’ विज्ञापनों को लेकर हुए एक मुक़दमे में जारी अवमानना नोटिस का जवाब न देने पर पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक स्वामी रामदेव और प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है. शीर्ष अदालत ने नोटिस जारी करके इन दोनों से अगली तारीख़ पर अदालत में पेश होने का आदेश दिया है.
जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीलन अमानुल्ला की दो सदस्यीय पीठ ने कंपनी से अवमानना नोटिस का जवाब न देने की वजह पूछी.
असल में यह मामला पतंजलि आयुर्वेद की दवाइयों को लेकर प्रसारित होने वाले विज्ञापनों में ‘भ्रामक’ दावे करने से जुड़ा है.
पहले जारी हुए अवमानना नोटिस की वजह ये रही कि पतंजलि के वकील ने बीते नवंबर में अदालत को भरोसा दिया था कि उनकी कंपनी अपने विज्ञापनों में ‘भ्रामक’ दावे नहीं करेगी. इसके बावजूद ऐसे दावे जारी रहे.
मंगलवार को अदालत को जब बताया गया कि अवमानना नोटिस का जवाब नहीं आया है, तो अदालत ने बाबा रामदेव को अवमानना का नोटिस जारी करने और अदालत में उपस्थित रहने का आदेश दिया है.
-एजेंसी
- पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में जुमे की नमाज के दौरान मस्जिद में बम ब्लास्ट, मौलवी सहित चार लोग घायल - March 14, 2025
- WAVES 2025: डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स के लिए 1 अरब डॉलर का फंड, मोदी सरकार की बड़ी घोषणा - March 14, 2025
- पूरे लद्दाख और कश्मीर व अरुणाचल में डोली धरती, कोई जनहानि की सूचना नही - March 14, 2025