बजट में मोदी सरकार ने बिहार के लिए खोला पिटारा, आंध्र को 15 हजार करोड़ रुपये का पैकेज

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सातवें बजट में केंद्र सरकार को समर्थन दे रही तेलगूदेशम और जेडी यू के डिमांड पूरी हो गई। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने बताया कि बिहार के अलावा आंध्र प्रदेश को स्पेशल फाइनेंशियल सपोर्ट दिया जाएगा। भारत सरकार ने इस वर्ष आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती के निर्माण के लिए 15,000 करोड़ रुपये की घोषणा की है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का बजट लोकसभा में पेश किया। इस बजट में नौकरीपेशा लोगों, किसानों और बिहार के लिए खास प्रावधान हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार की नौ प्राथमिकताओं में रोजगार और कौशल विकास शामिल है। पहली बार नौकरी करने वालों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। यह राशि 15 हजार रुपये तक होगी और तीन किस्तों में मिलेगी। यह लाभ ईपीएफओ से जुड़े लोगों को मिलेगा, जिनकी सैलरी एक लाख रुपये प्रति माह तक है। इससे 2.10 करोड़ युवाओं को फायदा होगा।

बिहार को क्या मिला

किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इन पैसों से कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी। खास बात ये हैं कि केंद्रीय बजट में बिहार को भी खास तवज्जो दी गई है। राज्य में सड़कों के लिए 26000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। तीन नए एक्सप्रेस-वे भी बनेंगे ( पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे, वैशाली-बोधगया एक्सप्रेस-वे और बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे )। नए मेडिकल कॉलेज और हवाई अड्डे भी बनाए जाएंगे। खेलों को बढ़ावा देने पर भी काम होगा। भागलपुर के पीरपैंती में 2002 मेगावाट का पावर प्लांट लगाया जाएगा। संसद को वित्त मंत्री ने बताया कि बिहार सरकार ने जो आग्रह किया है, उसके अनुरूप केंद्र हर संभव मदद करेगा।

नए एक्सप्रेस-वे बनने से राज्य में कनेक्टिविटी बेहतर होगी। मेडिकल कॉलेज और हवाई अड्डे बनने से स्वास्थ्य और परिवहन सुविधाओं में सुधार होगा। पावर प्लांट लगने से बिजली की कमी दूर होगी। कुल मिलाकर यह बजट बिहार के लिए विकास का एक नया अध्याय लिखेगा।

विपक्ष बोला, झुनझुना मिल गया

हालांकि विपक्षी पार्टियां इसे झुनझुना बता रही है। कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने झुनझुना बजाकर कहा कि बिहार को झुनझुना मिल गया है। कांग्रेस विधायक के अनुसार स्पेशल स्टेटस तो नहीं मिला न, अब झुनझुना दे दिया गया है।

आंध्र को करीब 50 हजार करोड़ रुपये की मदद

वित्त मंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश की धन की जरूरत को महसूस करते हुए सरकार अलग-अलग विकास करने वाली एजेंसी के जरिए मदद की जाएगी। 15 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा आंध्रप्रदेश पुनर्निर्माण एक्ट के तहत भी अतिरिक्त राशि भी राज्य को दी जाएगी।

वित्त मंत्री ने आंध्र में बहुप्रतीक्षित पोलावरम प्रोजेक्ट के लिए भी वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पोलोवरम प्रोजोक्ट को पूरी करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो आंध्र की लाइफ लाइन है। इससे हमारे देश की खाद्यान्न की मुश्किल भी कम होगी। राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए पानी, बिजली, रेलवे और रोड के लिए राशि दी जाएगी। रायलसीमा, प्रकाशम और कोस्टल आंध्र को विकसित करने के लिए मदद दी जाएगी।

उन्होंने विशाखापटनम चेन्नई इंड्स्टियल कोरिडोर और हैदराबाद-बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में ओरवाकल क्षेत्र में विकास के लिए फंड दिया जाएगा। अनुमान है कि आंध्र को कुल मिलाकर 50 हजार करोड़ रुपये का सीधा लाभ मिलेगा।

स्पेशल पैकेज के लिए दो बार दिल्ली आए थे नायडु

बता दें कि बिहार और आंध्र प्रदेश ने विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी। सरकार ने लोकसभा में साफ किया किया था कि नियमों के मुताबिक बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता है। इसके बाद से स्पेशल पैकेज की मांग उठने लगी थी।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी और राज्य के विकास के लिए आर्थिक पैकेज की मांग की थी। चंद्राबाबू नायडू पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह से भी मिले थे। उम्मीद जताई जा रही थी कि मोदी सरकार को समर्थन दे रही तेलगूदेशम पार्टी की मांग पूरी की जाएगी।

Compiled by up18News

Dr. Bhanu Pratap Singh