मेरठ। मेरठ के मवाना एसडीएम ऑफिस के बाहर शुक्रवार को एक फरियादी किसान ने खुद को आग लगा ली है। अचानक हुई इस घटना के बाद आसपास के लोग उस किसान को बचाने के लिए दौड़े, लेकिन जब तक लोग जल रहे किसान को बचाने के लिए कोई कदम उठा पाते और आग को बुझा पाते तब तक किसान का शरीर काफी हद तक जल चुका था। किसान का नाम जगवीर बताया जा रहा है, जो मवाना के एसडीएम अखिलेश यादव के पास अपनी फरियाद लेकर आया था। बताया जा रहा है कि जगवीर की एक जमीन थी, जिस पर जगवीर काफी सालों से अपनी फसल बो रहा था, लेकिन इसके बाद वन विभाग ने उस जमीन को अपना बताते हुए उस पर कब्जा कर लिया था, जिसकी शिकायत उसने एसडीएम मवाना से की थी।
किसान को अपनी फसल कटने का मौका देना चाहिए था : राज्य मंत्री दिनेश खटीक
पीड़ित किसान ने यह भी आरोप लगाया था कि कि 2 दिन पहले किसान की गेहूं की खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया गया था और फसल को नष्ट कर दिया गया था। जिस जमीन में खड़ी फसल को जोता गया उस जमीन पर वन विभाग ने अपना दावा जताया है। खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलाने से किसान को काफी नुकसान हुआ था। बताया जा रहा है की किसान अपनी फसल का मुआवजा पाने के लिए एसडीएम आफिस पहुंचा था, लेकिन उसकी फरियाद पर कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। इससे परेशान होकर किसान ने खुद को आग के हवाले कर दिया।
इस घटना के बाद हस्तिनापुर विधायक राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने कहा कि पहले किसान को नोटिस दिया जाना चाहिए था और नोटिस देने के बाद ही जमीन पर कब्जा करना चाहिए था। किसान को अपनी फसल कटने का मौका देना चाहिए था।
मवाना के एसडीएम अखिलेश यादव ऑफिस के बाहर एक किसान ने खुद को आग लगा ली है, लेकिन जब तक लोग जल रहे किसान को बचाने के लिए कोई कदम उठा पाते और आग को बुझा पाते तब तक किसान का शरीर काफी हद तक जल चुका था। किसान का नाम जगवीर बताया जा रहा है। pic.twitter.com/qy9wJf8EQB
— santosh singh (@SantoshGaharwar) January 5, 2024
उन्होंने कहा कि खेत खाली करने के लिए सबसे पहले नोटिस दिया जाना चाहिए था इसके बाद की कुछ कार्रवाई करनी थी, लेकिन जिस भी अधिकारी ने यह गलती है या इस मामले में जो भी अधिकारी दोष होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वही इस मामले में मेरठ के एसपी देहात कमलेश बहादुर ने बताया कि खुद को आग के हवाले करने वाला किसान जगवीर हस्तिनापुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है। इन्होंने आज मवाना के तहसील परिसर में अपने ऊपर आग लगाने का प्रयास किया है।
खतरे से बाहर है स्थिति
इनको पुलिस के द्वारा सीएचसी (CHC)भेजा गया था। जहां से इनको मेडिकल कालेज के लिए रेफर किया गया है। उन्होंने कहा कि जानकारी में आया है कि उनके पास एक जमीन थी जहां वो काफी वर्षों से खेती कर रहे थे, लेकिन हाल ही में वन विभाग ने उनकी जमीन पर अपना दावा करते हुए उनके खेत में बोई गई गेंहू की फसल पर ट्रैक्टर चलवा दिया और जमीन पर कब्जा कर लिया। इसके मुआवजे की मांग के लिए तहसील पर आए थे और वहां पर उनके द्वारा आग लगाने का प्रयास किया गया है । डॉक्टर ने उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है फिलहाल इलाज चल रहा है अन्य कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
-एजेंसी
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