यूपी के फतेहपुर में 200 साल पुराने मकबरे को लेकर बवाल, हिंदू संगठनों का मंदिर होने का दावा, जमकर तोड़फोड़, पुलिस ने संभाला मोर्चा

REGIONAL

यूपी के फतेहपुर जिले के रेडईया मोहल्ले में लगभग 200 साल पुराने मकबरे को लेकर विवाद गहरा गया है. बीजेपी जिला अध्यक्ष समेत बजरंग दल और वीएचपी ने इसे ठाकुर जी का मंदिर बताते हुए आज पूजा करने की घोषणा कर दी थी. इस चेतावनी के बाद से प्रशासन ने मकबरे के चारों ओर बैरिकेडिंग कर प्रवेश पर रोक लगा दी थी.

प्रशासन की रोक के बावजूद हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे. उन्होंने बैरिकेडिंग तोड़कर अंदर जाने की कोशिश की. इससे इलाके में तनाव फैल गया और भीड़ बेकाबू हो गई. बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने से पुलिस को हालात संभालने में मुश्किलें आने लगीं.

तनाव बढ़ने के बीच हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता मकबरे पर चढ़ गए. वहां भगवा झंडा फहराया गया और जमकर तोड़फोड़ की गई. इसके बाद दूसरे पक्ष से मुस्लिम समुदाय के लोग भी सक्रिय हो गए और पथराव शुरू कर दिया. दोनों पक्षों के आमने-सामने आने से स्थिति और बिगड़ गई

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मकबरा बनाम मंदिर को लेकर बवाल बढ़ गया। सोमवार को बड़ी संख्या में लोग वहां पर पहुंचे और बैरिकेटिंग को फांगते हुए विवादित स्थल पर पहुंच गए। बाद में दूसरे पक्ष के लोग भी आ गए, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गयी। वहीं, पुलिस ने किसी तरह से स्थिति को नियंत्रित किया। सूचना पर डीएम और एसपी भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने फिलहाल दोनों पक्षो को मौके से हटा दिया है। हालांकि दूर दराज अभी भी लोग खड़े हैं। मौके पर फिलहाल शांति है।

वहीं, तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए वहां पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जिले के 10 थानों की फोर्स के साथ ही आसपास के जिलों बांदा और कौशांबी से अतिरिक्त फोर्स भी बुलाई। साथ ही 6 जिलों से एएसपी स्तर के अधिकारियों को मौके पर रवाना किया गया है।

बताया जा रहा है कि, एक दिन पहले से वहां पर तनाव की स्थिति बनी हुई थी। सोमवार को बड़ी संख्या में एक पक्ष के लोग वहां पहुंचे और बैरिकेट को तोड़ते हुए विवादित ​स्थल में पहुंच गए। प्रशासन कल से ही इसे लेकर चौकन्ना था लेकिन फिर भी सोमवार को मौके पर लोग जुटे और तनावपूर्ण हालात पैदा हो गए। इसके बावजूद वहां भीड़ जुटी जिसे संभालने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

साभार सहित

Dr. Bhanu Pratap Singh