फिट रहना है तो दौड़िए: हर दिन 20-30 मिनट दौड़ना संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए होता है फायदेमंद

HEALTH

आज हम इस वर्जुअल लाइफ में हम पूरी तरह से डिजिटल मीडिया पर आधारित हो गए हैं। जिसका दुष्परिणाम हमें यह देखने को मिलता है। कि आने वाली जेनेरेशन की उम्र कम होती जा रही है। अगर आप फिट और हिट रहना चाहते हैं तो फिर आप सही जगह आये हैं। अपने आप को फिट और तंदुरुस्त रखने के लिए दौड़ सबसे बेहतर विकल्प है। दौड़ना व्यायाम के सबसे सरल रूपों में से एक है, क्योंकि यह सिर्फ आपके अतिरिक्त वजन को कम करने में ही मदद नहीं करता है, बल्कि आपको स्वस्थ और फिट बनाने में भी मदद करता है।

एक अध्‍ययन के अनुसार जो व्‍यक्ति एक सप्‍ताह में 50 मील तक दौड़ता है उनमे अन्‍य की तुलना में एचडीएल अधिक बढ़ता है, कोलेस्‍ट्रॉल (अच्‍छा वसा) कम होता है और शरीर में वसा में बहुत ज्‍यादा कमी होती है

आईए देखते हैं दौड़ने के 10 फायदे……

1.संपूर्ण मानसिक स्वास्थ्य
दौड़ते समय शरीर में एंड्रोफिन जैसे रसायन उत्पन्न होते हैं, जिनसे खुशी का अहसास होता है और हम खुद के बारे में अच्छा महसूस करते हैं। तनाव में कमी आती है।

2.अस्थमा का असर कम होता है
फेफड़े मजबूत होते हैं और धीरे-धीरे निरंतर अभ्यास से श्वसन प्रक्रिया में सुधार होता है।

3. नियंत्रित उच्च रक्तचाप
दौड़ने समय धमनियां फैलती व संकुचित होती हैं। इससे धमनियों का व्यायाम होता है, साथ ही रक्तचाप नियंत्रित रहता है।

4.मजबूत प्रतिरोधक क्षमता
यदि आप नियमित दौड़ते हैं तो आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और आप छोटे-मोटे रोगों की गिरफ्त में आसानी से नहीं आते।

5.वजन कम होता है
हर रोज एक घंटा दौड़ने पर 705 से 865 कैलोरी बर्न होती है। शरीर से चर्बी भी कम होती है।

6.शारीरिक मजबूती
दौड़ने से शरीर का निचला हिस्सा मजबूत होता है। लिगामेंट्स और स्नायुतंत्र में मजबूती आती है।

7.हड्डियों का घनत्व बढ़ता है

नियमित रूप से दौड़ लगाने से हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। इससे हड्डियों संबंधित बीमा‍रियों जैसे ऑस्टियोपोरोसिस और अर्थराइटिस होने का खतरा काफी कम हो जाता है। इसके साथ ही दौड़ने से टांगों और कूल्‍हों की हड्डियों का घनत्‍व भी बढ़ता है। जो आपके शरीर को एक बेहतर और सुंदर रूप देता है ।

8.मजबूती और स्थिरता
लिगामेंट्स और स्नायुतंत्र मजबूत होने का सबसे बड़ा फायदा होता है कि जोड़ मजबूत होते हैं। घुटने, कूल्हे और टखने के चोटिल होने की आशंका भी कम हो जाती है।

9.मधुमेह पर नियंत्रण
इंसुलिन बनने की प्रक्रिया में सुधार होता है और शरीर में रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है।

10.खुद पर नियंत्रण
दौड़ने के नियमित अभ्यास से आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है और आप अपने जीवन पर बेहतर नियंत्रण रख पाते हैं।

Dr. Bhanu Pratap Singh