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छह दिसम्बर… परिंदा भी पर नहीं मार सकता… 1990 में मथुरा जैसी सुरक्षा अयोध्या में भी थी और लाखों कारसेवक पहुंच गए थे

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डॉ. भानु प्रताप सिंह
 
Agra/Mathura, Uttar Pradesh, India. छह दिसम्बर, 1992 को अयोध्या में श्रीराम जन्मस्थान पर बनी कलंक की प्रतीक बाबरी मस्जिद को कारसेवकों ने ढहा दिया था। इससे पहले 30 अक्टूबर, 1990 को कारसेवा हुई थी। तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव थे। उन्होंने श्रीराम जन्मस्थान की ओर जय श्रीराम कारा लगाते हुए बढ़ रहे कारसेवकों पर गोली चलवा दी थी। पांच कारसेवक मारे गए। 40 से अधिक घायल हुए थे। 2 नवंबर 1990 को एकबार फिर हजारों कारसेवक हनुमान गढ़ी के करीब पहुंच गए। पुलिस को एक बार फिर गोली चलानी पड़ी,जिसमें करीब एक दर्जन कारसेवकों की मौत हो गई। इस घटना के बाद मुलायम सिंह यादव को “मौलाना मुलायम” कहा जाने लगा था। उनकी यह हिन्दू विरोधी छवि अब तक मुलायम सिंह यादव और उनकी समाजवादी पार्टी से हटी नहीं है।

असल में 1990 में संतों ने मथुरा चलने का आह्वान किया था। तत्कालीन मुख्यंमत्री मुलायम सिंह ने कहा था- अयोध्या में परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। मुलायम के इस बयान ने आग में घी का काम किया। संतों ने इसे चुनौती के रूप में लिया। पुलिस प्रशासन के इंतजामों को धता बताते हुए लाखों कारसेवक अयोध्या पहुंच गए और घरों में छिप गए। 30 अक्टूबर और दो नवम्बर को प्रकट हुए तो पुलिस-प्रशासन के हाथपांव फूल गए। निहत्थे कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद की ओर बढ़ना शुरू किया तो पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूले। यूपी सरकार को लगा कि कारसेवक मस्जिद को गिरा सकते हैं। इसलिए गोली चलवाकर रोका गया। कहते हैं कि सरयू नदी के पुल पर भी गोलीबारी की गई। कारसेवकों के खून से सरयू का पानी लाल हो गया था।

उन दिनों मैं दैनिक जागरण में ट्रेनी रिपोर्टर था। कारसेवा के बाद आगरा लौटे कारसेवकों से बातचीत की थी। इसका इंतजाम योगेन्द्र उपाध्याय ने किया। अब वे विधायक हैं। दैनिक जागरण ने कारसेवकों का साक्षात्कार एक्सक्लूसिव करके छापा था। कार्रवाई के कारण कारसेवकों के नाम आदि गुप्त रखे गए थे। आप जानते ही हैं कि पुलिस प्रशासन सिर्फ सरकार चला रही पार्टी वालों की सुनता है।

छह दिसम्बर, 1992 को अयोध्या में अंतिम कारसेवा हुई और बाबरी मस्जिद को कारसेवकों ने ढहा दिया। तब मैं उत्तर भारत के प्रसिद्ध दैनिक अमर उजाला में रिपोर्टर था। अमर उजाला की ओर से मुझे घटनाक्रम कवरेज के लिए अयोध्या भेजा गया था। इस बारे में मैं कई बार लिख चुका हूँ। ऐसा लगता है कि लोग उस घटना को भूल जाना चाहते हैं लेकिन वोट के सौदागार सदैव याद रखना चाहते हैं। बाबरी मस्जिद गिरने की भाजपा ने भारी कीमत चुकाई। सरकारें गंवानी पड़ीं। बाद में लाभ भी मिला। अब भाजपा की सरकार है केन्द्र और उत्तर प्रदेश में। यूपी में लगातार दोबारा सत्ता में आने की चाह है और राम मंदिर निर्माण हो रहा है। साथ में श्रीकृष्ण जन्मभूमि का मुद्दा भी गरमाया जा रहा है। राजनीति के खेल वास्तव में निराले हैं।

इस बार छह दिसम्बर के दिन अयोध्या पर नहीं, मथुरा पर निगाहें हैं। छह दिसम्बर से पूर्व ही उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अयोध्या के बाद काशी और मथुरा की बात कही है। छह दिसम्बर को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान से लगी शाही मस्जिद में जलाभिषेक का कार्यक्रम घोषित किया गया है। इसे लेकर तरह-तरह की आशंकाएं हैं। सोशल मीडिया पर छह दिसम्बर को मथुरा चलने का आह्वान किया गया है।  मथुरा में भारी सतर्कता है। दो पक्ष हो गए हैं। एक समर्थन कर रहा है तो दूसरा विरोध। प्रशासन पूर तरह से सतर्क है। सोशल मीडिया पर माहौल बिगाड़ने वाली पोस्ट डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर हिन्दूवादी संगठनों ने जलाभिषेक कार्यक्रम का ऐलान किया है।

मथुरा से हमारे संवाददाता सुनील शर्मा ने बताया कि छह दिसम्बर को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है। तैयारी ऐसी है कि परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा। सोशल मीडिया से लेकर एंटी सोशल गतिविधियों पर खुफिया विभाग की पैनी नजर है। आलाधिकारी लगातार समीक्षा कर रहे हैं। पुलिस लाइन में डीएम, एसएसपी की निगरानी में सुरक्षाबलों ने दंगा नियंत्रण पूर्वाभ्यास किया। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाही शुरू हो गई है। सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट और टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कोतवाली व थाना गोविंदनगर में चार मुकदमे दर्ज किए गए हैं। यह मुकदमे खाता धारकों के खिलाफ दर्ज हुए हैं।

एसपी सिटी मार्तण्ड प्रकाश सिंह ने बताया कि थाना गोविंदनगर में फजल हुसैन ट्विटर खाता के खिलाफ दर्ज हुआ है। इसके अलावा इसी थाने में कृष्णा 29892392 ट्विटर, कोतवाली में समीर दुर्रानी फेसबुक अकाउंट, पीडी अग्रवाल/प्रियदर्शन मथुरा मस्जिद ट्विटर एकाउंट के खिलाफ दर्ज हुआ है। आगरा जोन से पुलिस बल आ गया है। जिसमें चार एससपी, 10 सीओ, 40 इंस्पेक्टर एसएचओ, 230 दरोगा, एक हजार सिपाही तथा 10 कंपनी, पैरामिलिट्री फोस तैनात किया जा रहा है। 2100 पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान धार्मिक स्थल के आसपास तैनात किए गए हैं। शहर में जोनल और सैक्टर स्कमी लागू कर सैक्टर मजिस्ट्रेट तैनात कर दिए गए हैं। शहर को दो सुपर जोन, चार जोन और आठ सेक्टर में बांटा गया है। शुक्रवार को हुई जुमे की नमाज के दौरान भी सुरक्षा व्यवस्था बेहद चुस्त-दुरुस्त रही थी। हालांकि छह दिसम्बर को कार्यक्रम करने की घोषणा करने वाले कई संगठनों ने अपने घोषणा वापस ले ली है।

मथुरा के वरिष्ठ  पुलिस अधीक्षक डॉ. गौरव ग्रोवर का कहना है कि आम जनता में सुरक्षा का भाव जाग्रत करने और अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाही करते हुए पुलिस लाइन में एंटी राइड ड्रिल की गई। आने वाले दिनों में जनपद में शांति बनाए रखने के लिए जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा सभी प्रयास किए जा रहे हैं। जनता का सहयोग निरंतर प्राप्त हो रहा है। कोई भी व्यक्ति यदि किसी तरह की कोई अराजकता फैलाता है या किसी तरह से लॉ एण्ड आर्डर को बिगाड़ने का प्रयास करता है तो उसके खिलाफ बहुत की कठोर और वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

Dr. Bhanu Pratap Singh