Mathura, Uttar Pradesh, India. हाथरस कांड को लेकर थाना मांट क्षेत्र के टोल प्लाजा से पकड़े गए पीएफआई (The Popular Front of India -PFI) के 4 सदस्यों की जमानत पर फैसला चार नवम्बर को आएगा। स्पेशल टास्क फोर्स (Special task force- STF) द्वारा की जा रही विवेचना मैं साक्ष्य जुटाने की वजह से फैसले की तारीख को बढ़ा दिया गया है। एसटीएफ को अभी ठेस सबूत नहीं मिले हैं, इसी कारण समय मांगा है। वैसे कोर्ट गुरुवार को फैसला करने वाला था।
टोल प्लाजा से गिरफ्तार किए गए थे
हाथरस में दलित लड़की के साथ हुई दरिंदगी के मामले में हिंसा फैलाने के आरोप में पीएफआई के चार सदस्यों को चेकिंग के दौरान थाना मांट क्षेत्र के टोल प्लाजा से गिरफ्तार किया गया था। इन सभी के पास से हिंसा फैलाने की सामग्री के सहित लैपटॉप और कई मोबाइल बरामद भी हुए थे। पुलिस और एसटीएफ की पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह चारों पीएफआई और सीएफआई के सक्रिय सदस्य हैं।
ठोस सबूतों की तलाश
मसूद और आलम के द्वारा जिला न्यायालय में बेल की अर्जी की अपील डाली गई थी। गुरुवार को इस अपील पर जिला जज के द्वारा निर्णय लिया जाना था। वही स्पेशल टास्क फोर्स इस केस की विवेचना कर रही है। एसटीएफ के द्वारा जिला न्यायालय में मसूद और आलम आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत ना मिलने के कारण एसटीएफ ने 4 नवंबर तक का समय मांगा है।
चार नवम्बर को फैसला
एसटीएफ द्वारा की गई अपील को स्वीकार करते हुए जिला जज साधना रानी ठाकुर ने 4 नवंबर तक का समय साक्ष्य एकत्रित कर फाइनल रिपोर्ट देने के निर्देश एसटीएफ को दिए हैं। 4 नवंबर को एसटीएफ अगर ठोस सबूत आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में पेश करती है तो आरोपियों की बेल को लेकर कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।
ईडी भी कर चुकी है पूछताछ
बता दें कि विगत दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ED) की 12 सदस्य टीम भी आरोपी मसूद और आलम के साथ-साथ उनके दो साथियों से पूछताछ कर चुकी है। कई घंटों की पूछताछ में ईडी को कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां आरोपियों से मिली।
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