बिहार सरकार में उद्योग मंत्री और बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने पूर्व उपराष्ट्रपति डॉक्टर हामिद अंसारी को निशाने पर लिया है। शाहनवाज हुसैन ने आरोप लगाया है कि हामिद अंसारी भड़काऊ बयानबाजी कर रहे हैं। हामिद अंसारी के बयान को पूरा देश नकार रही है। अमेरिका की संस्था जो बदनाम करने में लगी है उसमें शामिल होते हैं। बीजेपी नेता ने कहा कि भारत को बदनाम करने के लिए संस्था ने पैसे खर्च किये हैं, भारत के मुसलमानों के लिए भारत से अच्छा देश नहीं हो सकता।
बिहार सरकार के मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि ‘नरेंद्र मोदी से बड़ा इंसान मुसलमानों के लिए नहीं हो सकता, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पहले से कई विवादित देते रहे हैं, जिस देश के लोगों ने बड़ा पद दिया उसके खिलाफ बात बर्दाश्त नहीं।’
हामिद अंसारी पर VHP भी नाराज
वीएचपी के प्रवक्ता बिनोद बंसल ने कहा, ‘हामिद अंसारी जैसे लोग संवैधानिक पदों से उतरते ही सीधे नीचे क्यों गिर जाते हैं? PFI और IAMC जैसे कट्टरपंथी संगठनों में पहुंचते ही इनके अंदर का जिहादी इस्लाम इन पर क्यों हावी हो जाता है? राष्ट्र व राष्ट्रवाद पर छुप-छुप कर बार करने से अच्छा हो ये खुलकर मैदान में आएं।’
क्या कहा हामिद अंसारी ने?
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ी संस्था के एक कार्यक्रम में हामिद अंसारी ने भारत के लोकतंत्र की आलोचना की और चेतावनी दी है कि देश अपने संवैधानिक मूल्यों से दूर जा रहा है। हामिद अंसारी ने गणतंत्र दिवस पर इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल की ओर से आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में यह विवादित बयान दिया। उन्होंने हिंदू राष्ट्रवाद के उभार को लेकर चिंता जताई।
हामिद अंसारी ने कहा, ‘हाल के वर्षों में हमने ऐसे ट्रेंड्स का उभार और वैसे व्यवहार देखे हैं जो पहले से स्थापित नागरिक राष्ट्रवाद के खिलाफ हैं और ये सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की काल्पनिक व्यवस्था को लागू करते हैं।’ अंसारी ने यह भी दावा किया, ‘यह वर्तमान चुनावी बहुमत को धार्मिक बहुमत के रूप में पेश करते हैं और राजनीतिक शक्ति पर एकाधिकार करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग चाहते हैं कि नागरिकों को उनकी आस्था के आधार पर अलग-अलग कर दिया जाए और असुरक्षा को बढ़ावा दिया जाए।
पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे ट्रेंड्स को राजनीतिक और कानूनी रूप से चुनौती दिए जाने की जरूरत है। उधर, हामिद अंसारी के इस बयान पर बीजेपी नेता और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पलटवार किया है। नकवी ने कहा कि मोदी की आलोचना करने का पागलपन अब भारत की आलोचना करने की साजिश में बदल गया है। उन्होंने कहा, ‘जो लोग अल्पसंख्यकों के वोट का शोषण करते थे, वे अब देश के सकारात्मक माहौल से चिंतित हैं।
इस कार्यक्रम का आयोजन 17 अमेरिकी संगठनों ने कराया था जिसमें भारतीय अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल भी शामिल है। इस समूह को त्रिपुरा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए अपने शपथपत्र में आरोप लगाया था कि उसके आईएसआई और अन्य उग्रवादी गुटों के साथ लिंक हैं। उधर, काउंसिल ने त्रिपुरा सरकार के इस दावे को खारिज किया था और कहा था कि वे एक अमेरिकी नागरिक अधिकार संगठन हैं।
-एजेंसियां
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