भारत के लोग चिप्स जैसे विदेशी स्नैक्स को छोड़कर देसी स्नैक्स को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। यही वजह है कि देसी नमकीन और भुजिया ब्रांड हल्दीराम विदेशी कंपनियों पर भारी पड़ रहा है। कंपनी ने फाइनेंशियल ईयर 2023 में पैकेज्ड स्नैक्स से एक अरब डॉलर से अधिक की कमाई की। मार्च, 2023 में खत्म हुए फाइनेंशियल ईयर में हल्दीराम की स्नैक्स की सेल 9,215 करोड़ रुपये (1.1 अरब डॉलर) रही जो उससे पिछले साल के मुकाबले 19 परसेंट ज्यादा है।
नील्सन के डेटा में इंडस्ट्री के जानकारों के हवाले से यह बात सामने आई है। इस दौरान दिग्गज इंटरनेशनल कंपनी पेप्सिको (PepsiCo) की स्नैक्स की बिक्री 6,430 करोड़ रुपये रही जबकि गुजरात की कंपनी बालाजी वैफर्स (Balaji Wafers) की सेल 5,296 करोड़ रुपये रही।
हल्दीराम ने पांच साल पहले पेप्सिको को पीछे छोड़कर देश के सबसे बड़े स्नैक्स ब्रांड का तमगा अपने नाम किया था। तबसे इस देसी कंपनी का दबदबा लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत के 43,800 करोड़ रुपये के स्नैक फूड मार्केट में हल्दीराम की हिस्सेदारी 21 परसेंट है जबकि पेप्सिको की हिस्सेदारी 15 परसेंट है। इस मार्केट में करीब 3,000 छोटे और रीजनल प्लेयर्स की हिस्सेदारी 40 परसेंट है। 1990 में अग्रवाल परिवार ने ग्रुप को तीन कंपनियों में बांट लिया था। इनमें हल्दीराम स्नैक्स (नॉर्थ), हल्दीराम फूड (वेस्ट एंड साउथ) और हल्दीराम भुजियावाला (ईस्ट) शामिल है।
कोई नहीं है टक्कर में
हल्दीराम के डायरेक्टर नीरज अग्रवाल ने कहा, ‘महंगाई के कारण हमारे मार्जिन पर असर पड़ा लेकिन हमने क्वालिटी और कीमत के साथ कोई समझौता नहीं किया है। छोटे पैक्स से हमें रूरल मार्केट्स तक पहुंचने में मदद मिली है। हमारा ब्रांड को लोग घर और घर के बाहर भी यूज करते हैं जबकि दूसरे प्रॉडक्ट्स को ज्यादातर आउटडोर ही यूज किया जाता है।’
हल्दीराम ने दो साल पहले एक अरब डॉलर का रेवेन्यू हासिल किया था लेकिन उसमें रेस्टोरेंट रेवेन्यू भी शामिल था। कंपनी की कुल सेल में रेस्टोरेंट रेवेन्यू की करीब 20 फीसदी हिस्सेदारी है। इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि ग्रुप की कुल सेल 11,000 करोड़ रुपये के ऊपर हो सकती है।
देश की स्नैक्स मार्केट में परंपरागत भारतीय स्नैक्स की करीब आधी हिस्सेदारी है। मल्टीनेशनल और घरेलू कंपनियां आकर्षक पैकेजिंग और कीमत के साथ रूरल मार्केट में नमकीन बेचने पर जोर दे रही हैं। पिछले पांच साल में दाल, चिवड़ा, भुजिया और नट्स जैसी ब्रांडेड नमकीन वैराइटीज की मांग बढ़ी है। इसमें सबसे ज्यादा फायदा हल्दीराम को हुआ है। पारले प्रॉडक्ट्स के सीनियर कैटगरी हेड कृष्णराव बुद्ध करते हैं कि लोग ब्रांडेड स्नैक्स मांग रहे हैं।
परंपरागत स्नैकिंग में हल्दीराम की मजबूत उपस्थिति है। इसमें ज्यादातर 5 से 10 रुपये वाले पैक की बिक्री करीब 65 से 70 फीसदी है। लेकिन हल्दीराम की ज्यादातर बिक्री बड़े पैक्स की है। इससे कंपनी को वैल्यू और वॉल्यूम शेयर दोनों में फायदा मिल रहा है।
हर तरफ जलवा
भारत का स्नैक्स मार्केट चार हिस्सों में बंटा है। पहले हिस्से में नमकीन, भुजिया और नट्स जैसे परंपरागत स्नैक्स हैं। दूसरा हिस्सा आलू चिप्स जैसे विदेशी स्नैक्स का है। तीसरा हिस्सा अलावा कुरकुरे जैसे ब्रांड्स का है जबकि चौथे में चीज बॉल्स है। हल्दीराम की इन सभी कैटगरी में मौजूदगी है। वेस्टर्न स्नैक्स मार्केट में पेप्सी का दबदबा है। पिछले फाइनेंशियल ईयर में इस सेगमेंट में 20 परसेंट की तेजी आई। लेकिन पेप्सी की मौजूदगी इसी कैटगरी तक सीमित है।
Compiled: up18 News
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