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सर्दियों में उत्तर भारत के बुड्ढों के लिए स्वर्ग है गुजरात, सरकार के लिए एक सुझाव

लेख

डॉ. भानु प्रताप सिंह

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Gandhinagar, Gujarat, Bharat, India. भारत के राज्य गुजरात की कई मामलों में ख्याति है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह गुजरात के हैं। विकास की पटरी पर गुजरात सरपट दौड़ रहा है। इसके साथ ही मैं गुजरात की ख्याति सर्दी के मौसम के लिए भी करना चाहता हूँ। सर्दियों में तो उत्तर भारत के बुड्ढों के लिए गुजरात स्वर्ग की तरह है।

कूल-कूल मौसम

उत्तर भारत में दिसम्बर मध्य से जनवरी मध्य तक भीषण सर्दी और कोहरा का मौसम रहता है। ऐसे मौसम में हृदयाघात की घटनाएं बढ़ जाती हैं। जब उत्तर भारत के लोग सर्दी से कांप रहे होते हैं, कोहरा का कहर होता है,  गरीबों को सर्दी से बचाने के लिए कम्बल वितरण कर रहे होते हैं, नगरीय क्षेत्रों में अलाव जलाए जा रहे होते हैं तब गुजरात में लोग कूल-कूल मौसम का आनंद ले रहे होते हैं।

हरियाली के मध्य छिपे हुए हैं घर

आंकड़ों में जाकर आपका समय खराब नहीं करना चाहता हूँ। हां, अनुभव की बात जरूर बतना चाहता हूँ। मैं इस समय गुजरात की राजधानी गांधीनगर में हूँ, जो ग्रीन सिटी के रूप में प्रसिद्ध है। यहां घर तो दिखाई ही नहीं देते हैं। घर तो हैं लेकिन ये हरियाली के मध्य छिपे हुए हैं। बहुमंजिली भवन चारों ओर फैले हुए हैं लेकिन हरियाली से कोई समझौता नहीं है। सड़कें ही नहीं, पैदल परिपथ भी हरियाली से आच्छादित हैं।

एलर्जी कम हुई

अगर आप कभी चंडीगढ़ गए हैं तो वहां की हरियाली देखकर प्रफुल्लित हो जाते हैं। चंडीगढ़ से भी अच्छी हरियाली गांधीनगर में है। गांधीनगर के 50 फीसदी भाग में हरियाली है। हरियाली का प्रभाव यह है कि प्रदूषणजनित रोग कम हैं। मैं अपन बात करूं तो एलर्जी से परेशान रहता हूँ। अंग्रेजी दवा न खाओ तो छींके और नाक बहने लगती है। यहां आकर मैंने पिछले 27 दिन में अंग्रेजी गोली चार बार ही ली है।

रात्रि में कम्बल ही पर्याप्त

शाम को कभी-कभी बाहर निकलता हूँ तो कुछ लोग कान बांधे और स्वेटर पहने हुए दृष्टिगोचर होते हैं। उन्हें देखकर मुझे हँसी आती है। हम उत्तर प्रदेश और उस पर भी आगरा वाले टी शर्ट में होते हैं। अगर इन लोगों को सर्दी के मौसम में आगरा भेज दिया जाए तो भाग खड़े होंगे।

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नो मजे ही आ गए

गुजरात की गर्मी से मेरा वास्ता नहीं पड़ा है। सर्दी कम है तो गर्मी अधिक होगी, यह कोई सिद्धांत नहीं है। अगर यह सिद्धांत होता तो उत्तर भारत में सर्दी अधिक है तो गर्मी कम होनी चाहिए। रात्रि में भी मौसम कूल रहता है। सिर्फ एक कम्बल ही पर्याप्त है। मेरी पत्नी को गर्मी अधिक लगती है। उनके तो मानो मजे ही आ गए हैं।

गुजरात सरकार बुजुर्गों के लिए टूर पैकेज बनाए

मैं सुझाव देना चाहता हूँ गुजरात सरकार को कि उसे सर्दी के मौसम को भी पर्यटन में शामिल करना चाहिए। उत्तर भारत के बुजुर्गों के लिए कुछ टूर पैकेज बनाए, जो एक माह तक के लिए हों। तय मानिए, उत्तर भारत के लोग एक माह गुजरात आए तो मस्त रहेंगे। मौसमगत हृदयाघात का खतरा भी न्यून हो जाएगा। गांधीनगर में औसत तापमान 16 डिग्री सेल्सियस से 30 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।

कहां रहते  हैं पुलिस वाले

गांधीनगर में यातायात जाम की समस्या नहीं है। मैंने अभी तक गांधीनगर में सड़क पर पुलिस वाले नहीं देखे हैं। लगता है यहां की पुलिस अदृश्य है। पुलिस वाले हों या न हों, लाल बत्ती पर लोग स्वयं रुक जाते हैं। यहां मेट्रो का काम तेजी से चल रहा है। अहमदाबाद और गांधीनगर मेट्रो से जुड़ जाएंगे। अहमदाबाद और गांधीनगर का संबंध दिल्ली-नोएडा-गाजियाबाद या चंडीगढ़-पंचकूला की तरह ही है।

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नौकरीदाता हैं गुजराती

गुजरात में एक बात और देखने को मिली है। स्थानीय लोग नौकरी के स्थान पर व्यापार में संलग्न हैं। वे नौकरीदाता हैं। यहां नौकरी करने वाले (नौकरीपाता) अधिकांश लोग अन्य राज्यों के हैं। एक बार जो इधर आ गया, फिर वह वापस नहीं जाता है। दक्षिण भारत के लोग बड़ी संख्या में हैं। उन्होंने मंदिर बनाकर अपनी समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को जीवंत रखा हुआ है। गुजरात में कबूतर बहुतायत में हैं। उनके लिए मंदिरों के मध्य कई मंजिल वाले आश्रय स्थल बनाए गए हैं।

अगर आप यह समाचार अग्रसारित करेंगे तो उत्तर प्रदेश के बुड्ढों की बात गुजरात सरकार तक पहुंच सकती है।

गांधीनगर के दर्शनीय स्थल

सरिता उद्यानः नदी के किनारे बना शांत और हरा-भरा पार्क। यहां मोर भी देखे जा सकते हैं।

अदलज स्टेपवेलः 15वीं सदी में बनी बावड़ी, जिसकी दीवारों पर नक्काशी है। इसे अडालज भी कहा जाता है।

दांडी कुटीर संग्रहालयः नमक की ढेरी के आकार का बड़ा संग्रहालय, जिसमें गांधी जी के जीवन की कहानी सुनाई जाती है।

त्रिमंदिरः मंदिर परिसर के बीच में फव्वारा और संगमरमर की मूर्ति है। यहां संग्रहालय और मिनी थिएटर भी है।

डायनासोर एवं फोसिल पार्कः हरा-भरा पार्क, जहां इलाके में मिले डायनासोर के बचे हुए जीवाश्म और उनके विशाल मॉडल देखे जा सकते हैं। इसे भारत का जुरासिक पार्क कहा जाता है।

अक्षरधाम मंदिरः 1992 में निर्मित। भगवान स्वामीनारायण और हिंदू धर्म के विभिन्न अवतारों और संतों को समर्पित है। मंदिर को हिंदू देवी-देवताओं की 200 मूर्तियों के लिए जाना जाता है।

संत सरोवर बांधः साबरमती नदी के तेज प्रवाह को रोकने के लिए बनाया गया है। पिकनिक स्थल है।

पुनित वैन (पवित्र वन)- बोटेनिकल गार्डन।

शिल्पकारों का गाँवः साबरमती नदी के पीछे स्थित है। बंधनी साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है।

रानी रूपमती मस्जिदः  यह मस्जिद वर्ष 1400 के दौरान बनाई गई थी। रानी रूपमती अहमदाबाद के सुल्तान की हिंदू पत्नी थी।

महात्मा गांधी मंदिरः एक सम्मेलन केंद्र और महात्मा गांधी के जीवन और दर्शन से प्रेरित एक स्मारक है।

क्राफ्ट मेलाः गांधीनगर में कई स्थानों पर प्रतिदिन शिल्प मेला लगे रहते हैं। हर माल 10 से 20 रुपये वाले स्टॉल्स पर महिलाओं की भीड़ देखी जा सकती है।

वैसे गांधीनगर से अधिक दर्शनीय स्थल अदमदाबाद में है, जिसे गुजरात की वाणिज्यिक राजधानी कहा जाता है।

Dr. Bhanu Pratap Singh