78वें वार्षिक निरंकारी समागम सेवा से “आत्म मंथन” की प्रेरणा पाकर निरंकारी भक्तों के जत्थों की घर वापसी
सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज से दिव्य शिक्षाएं एवं आनंद समेटे हुए आगरा के निरंकारी श्रद्धालु वापस लौटे
अर्जुन नगर, मधु नगर, कमला नगर, ट्रांसयमुना और शास्त्रीपुरम से हज़ारों की संख्या में निरंकारी अनुयायी हुए सेवा सुमिरन और सत्संग में शामिल
Live Story Time, Agra, Uttar Pradesh, India, Bharat.
आगरा से समागम हेतु प्रस्थान और आध्यात्मिक अनुभव
आगरा के अर्जुन नगर, मधु नगर, कमला नगर, ट्रांसयमुना और शास्त्रीपुरम से हजारों श्रद्धालु आगरा जोन के जोनल इंचार्ज एच के अरोड़ा के साथ
समालखा (पानीपत) में आयोजित 78वे वार्षिक निरंकारी समागम में सम्मिलित होकर आध्यात्मिकता के अनूठे आनंद से लाभान्वित हुए।
सेवा कार्यों में आगरा के सेवादारों का योगदान
समालखा (पानीपत) से लौटे मिशन के आगरा संयोजक मुनीश कुमार ने बताया कि आगरा के सेवादार भक्तों ने समागम में सेवा दल रैली, निरंकारी प्रदर्शनी,
रेलवे काउंटर, प्रेस एवं पब्लिसिटी, प्रचार विभाग, ज्ञान कक्ष आदि स्थानों पर अपनी सेवाएं दी।
सेवा-दल जत्थों की घर वापसी
निरंकारी भक्त, सतगुरु के आशीर्वचनों के रूप में प्राप्त दिव्य शिक्षाएं एवं आनंद समेटे हुए गुरुवार की सुबह को वापस लौट आए हैं, जबकि सेवा दल का एक जत्था
शुक्रवार सुबह वापस लौटेगा।
‘‘आत्ममंथन केवल साधारण सोचने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि अपने भीतर झांकने की साधना है जो परमात्मा के अहसास से सरल हो सकती है’’
यह उद्गार निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने 78वें वार्षिक निरंकारी संत समागम में उपस्थित विशाल मानव परिवार को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।
सतगुरु माता जी का संदेश
सतगुरु माता जी ने अंत में कहा कि आत्ममंथन वास्तव में स्वयं के सुधार का मार्ग है। जब मन निरंकार से जुड़ता है, तो भीतर की शांति और बाहर का व्यवहार
दोनों दिव्यता से भर जाते हैं।

चार दिवसीय समागम की झलक
31 अक्तूबर से शुरू हुए इस चार दिवसीय संत समागम में देश-विदेश से लाखों की संख्या में मानव परिवार एकत्रित हुआ है और सौहार्दपूर्ण व्यवहार से
मानवता एवं विश्वबंधुत्व का दृश्य साकार कर रहा है।
देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालुओं की उपस्थिति
संत निरंकारी मिशन के सचिव जोगिन्दर सुखीजा जी ने बताया कि इस विशाल समागम में भारत वर्ष ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व से लाखों की संख्या में
निरंकारी अनुयायियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और खुद को निहाल किया।
माननीय अतिथियों का आगमन
उन्होंने बताया कि हरियाणा के माननीय राज्यपाल प्रोफेसर असीम कुमार घोष, हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने समागम में पधारकर
सत्गुरु के आशिष प्राप्त किए।
126 सामूहिक निरंकारी विवाह
इसी श्रृंखला में गुरुवार 6 नवम्बर को 126 निरंकारी सामूहिक शादियां भी संपन्न हुईं जिसमें आगरा के नवविवाहित जोड़ों ने सतगुरु का आशीर्वाद प्राप्त किया।
संपादकीय
निरंकारी समागम केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि मनुष्य के भीतर सोई मानवता को जगाने की एक आध्यात्मिक प्रयोगशाला है। यह वह स्थल है जहाँ
सेवा की सुगंध, सुमिरन की शांति और सत्संग का तेज—तीनों मिलकर जीवन का वास्तविक अर्थ समझाते हैं। आज जब दुनिया भागदौड़ और तनाव में
उलझी हुई है, ऐसे में समागम जैसे पवित्र अवसर हमें स्मरण कराते हैं कि मन की सफाई भी उतनी ही ज़रूरी है जितनी घर की सफाई।
आत्ममंथन कोई कठिन साधना नहीं—बस अपनी मिट्टी को पहचानने का साहस चाहिए, अपना अहंकार उतार फेंकने का धैर्य चाहिए और निरंकार से
जुड़ने का सरल भाव चाहिए।
समाज सेवा, अनुशासन और विश्वबंधुत्व का जो अद्भुत उदाहरण इस समागम में दिखता है, वह किसी भी विकसित सभ्यता की रीढ़ है।
यह केवल निरंकारी श्रद्धालुओं के लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज के लिए एक मॉडल है—कैसे हजारों लोग एकत्र होकर बिना शोर-शराबे, बिना
विवादों के, केवल प्रेम और व्यवस्था के साथ एक भव्य आयोजन को सफल बनाते हैं।
सेवा ही जीवन है—और यही समागम का सार है।
डॉ भानु प्रताप सिंह, संपादक
- कंगना रनौत के खिलाफ किसानों के अपमान व राष्ट्रद्रोह मामले में रिवीजन याचिका स्वीकार, 29 नवम्बर को पुनः सुनवाई - November 12, 2025
- Agra News: ताजमहल के पास सक्रिय टूरिस्ट ठगी गैंग का भंडाफोड़, 7 शातिर गिरफ्तार - November 12, 2025
- Agra News: अवैध खनन और ओवरलोड वाहनों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई, 9 वाहन जब्त, 79 पर चालान - November 12, 2025